ग्वालियर। ड्राई डे के दिन शराब दुकान से खुलेआम बिक्री होने की सूचना मिलने पर पुलिस छापा मारने गई थी. तत्कालीन एएसपी जयदेवन पुलिस बल के साथ लहार चुंगी स्थित शराब की दुकान पर पहुंचे. वे आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई कर रहे थे. इसी दौरान पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह अपने दो दर्जन साथियों के साथ पहुंचे. उन्होंने आईपीएस के साथ अभद्रता की और मारपीट भी की. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया था. उस समय ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था.
मामला 12 साल पहले का : विशेष न्यायाधीश महेंद्र सैनी ने इस मामले में चली लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने आरोपी नरेंद्र सिंह कुशवाह, उनके बेटे पुष्पेंद्र सिंह, राजू कुशवाह, अरविंद, छोटे सिंह और राहुल सिंह को दोषी मानते हुए 6-6 माह के कारावास की सज़ा सुनाई. इस मामले की एफआईआर एक सब इंस्पेक्टर ने की थी, लेकिन असल मे यह मामला प्रशिक्षु आईपीएस के साथ मारपीट और अभद्रता का था. भारतीय पुलिस सेवा के अफसर ए जयदेवन तब भिंड में बतौर एएसपी पदस्थ थे. जब वे अपनी गाड़ी से एसपी ऑफिस की तरफ जा रहे थे तो लहार चौराहे पर स्थित शराब की दुकान ड्राइ डे होने के बाद भी खुली दिखी. उन्होंने पुलिस को कॉल कर कार्रवाई करने बुलाया.
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अब चुनाव लड़ने पर संशय : आरोप है कि जैसे ही यह खबर पूर्व विधायक कुशवाह को लगी वे अपने समर्थक और बेटे को लेकर वहां पहुंच गए. पहले यहां दोनों के बीच बहस हुई. फिर अभद्रता और मारपीट हो गई. जयदेवन ने इसकी सूचना अन्य अफसरों को दी तो फोर्स वहां पहुंचा और फिर सब इंस्पेक्टर के जरिये शिकायत कराई गई. बता दे कि मध्यप्रदेश में आगामी समय में विधानसभा चुनाव होना है और बीजेपी के पूर्व विधायक कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह कुशवाह भिंड विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की ओर से प्रबल दावेदार हैं, लेकिन कोर्ट का फैसला होने के बाद अब चुनाव लड़ने पर भी संशय बना रहेगा. हालांकि बताया जा रहा है कि सजा के आदेश पर रोक लगवाने के लिए उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.