ग्वालियर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर टिकटों की घोषणा के बाद कई नेता पार्टी छोड़कर इधर-उधर जा रहे हैं. इसका नजारा सबसे अधिक ग्वालियर चंबल-अंचल में देखने को मिल रहा है. सबसे ज्यादा मुसीबत इस समय बीजेपी पार्टी के लिए बनी है, क्योंकि ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के कई सारे बड़े नेता हैं. जो लगातार पार्टी से नाराज हैं. उन्हें लग रहा है कि अगर टिकट नहीं मिला तो वह किसी दूसरी पार्टी का भी दामन थाम सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो अब की बार इस चुनाव में पार्टी के ही यह नेता चुनावी नैया डुबाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
टिकट की आस में चंबल अंचल के कई नेता: ग्वालियर चंबल-अंचल में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की चार सूची जारी कर दी है. जिसमें कई नेताओं को टिकट नहीं देने से वह नाराज हैं. कई नेता पार्टी छोड़कर बसपा और कांग्रेस में अपना रास्ता तलाशने में जुटे हैं. इसके साथ ही उन नेताओं को अभी भी आस है. जिस विधानसभाओं से पार्टी ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन अगर पार्टी ने उन्हें दरकिनार किया तो वह दूसरी पार्टी में जाने के लिए भी तैयार बैठे हुए हैं. उनकी चर्चा सियासी गलियारों में जोर पकड़ रही है.
टिकट की कतार में बीजेपी के कई पूर्व मंत्री: ग्वालियर में कई ऐसे नेता हैं, जो अभी बीजेपी पार्टी से लगातार नाराज हैं या फिर पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखे हुए हैं. उन्हें अभी भी आस है कि पार्टी उन्हें टिकट देगी. वह मानकर भी बैठे हैं कि अगर पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह दूसरा रास्ता भी खोजेगें. इन नेताओं में सबसे अधिक संख्या बीजेपी के पूर्व मंत्रियों की है. जिनमें पूर्व मंत्री माया सिंह, अनूप मिश्रा, नारायण सिंह कुशवाहा, रुस्तम सिंह हैं. इसके अलावा पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व मुन्ना लाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया शामिल हैं. जो अंदर ही अंदर पार्टी से भी नाराज हैं. इसके अलावा यह सभी पूर्व मंत्री चुनाव लड़ने के लिए बेताब हैं और पार्टी ने अभी उनकी विधानसभा में कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. इसलिए यह अपनी विधानसभा में बीजेपी की अगली सूची का इंतजार कर रहे हैं.
अनूप मिश्रा पहले ही कर चुके हैं घोषणा: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी के भांजे व पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा 4 महीने पहले ही ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. पार्टी को भी पहले ही चेता चुके हैं कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो भी चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा इसी विधानसभा से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा भी ताल ठोक रहे हैं. उन्होंने भी इस विधानसभा से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके अलावा इस विधानसभा में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भी टिकट की जुगाड़ में लगी हुई हैं.
बीजेपी से नाराज रुस्तम सिंह: वहीं पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी मुरैना विधानसभा सीट टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को टिकट दिया है. बताया जा रहा है कि रुस्तम सिंह नाराज चल रहे हैं. टिकट कटने के बाद सियासी चर्चा यह है कि रुस्तम सिंह अपने बेटे को कांग्रेस से टिकट दिलवाने की जुगाड़ में लगी हुई है और कई राजनीतिक जानकारी यह दावा कर रही है कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन रुस्तम सिंह की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया है.
बीजेपी नहीं कर पा रही तय: इसके अलावा ग्वालियर चंबल अंचल की जिन विधानसभाओं में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहां पर पेच फंसा हुआ है. इसका कारण यह है कि वहां पर उम्मीदवारों की सूची ज्यादा है. सिंधिया समर्थक होने के कारण पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि टिकट किसको दिया जाए, लेकिन यह साफ है कि सभी उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के दर्जनभर बड़े नेता नाराज होते दिखाई देंगे, क्योंकि यह सभी टिकट लेने की जुगाड़ में हैं और जिसको टिकट नहीं मिलेगा, वह पार्टी से बगावत करना शुरू कर देगा. यही कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल में इस विधानसभा में बीजेपी पार्टी काफी मुसीबत में है और सबको साधना एक बड़ा चैलेंज साबित होगा.