ETV Bharat / state

ग्वालियर महादेव अदालत में कोर्ट नहीं बाबा भोलेनाथ सुनाते हैं फैसला! मिर्ची बाबा को मिला था झूठ का दंड - Mahadev Court in Gwalior

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि के मौके पर आज हम आपको बाबा भोलेनाथ के ऐसे मंदिर की बारे में बताएंगे जो अद्भुत और चमत्कारों से भरा हुआ है. यहां पर विराजमान भगवान भोलेनाथ जज की रूप में जाने जाते हैं. क्योंकि यहां खुद भगवान भोलेनाथ फैसला सुनाते हैं.

girgaon mahadev mandir Mahadev Court in Gwalior
ग्वालियर गिरगांव महादेव
author img

By

Published : Feb 17, 2023, 2:28 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 3:38 PM IST

ग्वालियर गिरगांव महादेव

ग्वालियर। जब देशभर के कोर्ट किसी विवाद को नहीं सुलझा पाते हैं तो लोग यही भगवान भोलेनाथ के दरबार दर पर आते हैं. कुछ ही घंटों में बड़े से बड़ा विवाद सुलझ जाता है. यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ के दर पर रोज दर्जनों पर पंचायतें आती हैं. दोनों पक्षों के लोग अपने विवाद को सुलझाने के लिए बाबा के दर पर पहुंचते हैं लेकिन यहां पर एक सबसे बड़ी शर्त रहती है. अगर किसी ने झूठ बोला तो उसके परिवार में अनहोनी होती है. यही कारण है कि लोग यहां आकर कभी झूठ नहीं बोलते हैं क्योंकि उसका परिणाम काफी भयानक होता है.

ऐसे होता है फैसला: ग्वालियर मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर एक गिरगांव गांव है और इस गांव के बीचो-बीच पहाड़ी पर मौजूद है बाबा भोलेनाथ का मंदिर जिसे "गिरगांव महादेव" के नाम से जाना जाता है. यहां पर श्रद्धालुओं की बजाय ऐसे लोगों की भीड़ ज्यादा रहती है जो अपनी विवाद को सुलझाने के लिए आते हैं. यहां बाबा के दर पर पंचायत होती है. ऐसे लोग जिनमें आपकी विवाद या फिर कोई अन्य कारण से विवाद चला आ रहा है. इसका निपटारा नहीं हो रहा है तो उसके बाद यह लोग गिरगांव महादेव पर आते हैं. यहां पर दोनों पक्षों की बात सुनी जाती है और उसके बाद जो फैसला होता है वह सुनाया जाता है, क्योंकि कहते हैं कि अगर यहां पर किसी ने झूठ बोला तो उसके परिवार में तत्काल अनहोनी हो जाती है. इसके कई परिणाम देखने को मिले हैं इसलिए यहां पर लोग झूठ नहीं बोलते हैं.

ये है महादेव की अदालत

झूठ बोलने पर खुद की जिम्मेदारी: गिरगांव महादेव की परिसर में हमेशा सैकड़ों लोगों की भीड़ रहती है. बाबा महादेव की तरफ से जो गांव के मुखिया जज के रूप में होते हैं. यह हर वक्त मंदिर में मौजूद रहते हैं. इन्हीं गांव के मुखिया के बीच में पंचायतों का निराकरण किया जाता है. बाबा महादेव की तरफ से यह गांव के मुखिया और पंचायत में पैरवी करते हैं. दोनों पक्षों की बात को सुनते हैं. इसके बाद फैसला करते हैं. साथ ही गांव के मुखिया की तरफ से यह चेतावनी दी जाती है कि, अगर पंचायत के दौरान किसी ने झूठ बोला तो इसका जिम्मेदार वह खुद होगा. क्योंकि झूठ बोलने पर यहां बाबा भोलेनाथ उसे बिल्कुल भी माफ नहीं करते. इसके बाद पंचायत शुरू होती है. दोनों ही पक्षों की बात सुनी जाती है. तत्काल उस विवाद की समस्या का निराकरण हो जाता है.

Mahashivratri 2023: MP के इस शिवालय में 848 वर्ष से निरंतर जल रही अखंड ज्योति, जानें किसने कराया था निर्माण

दिनभर लगती है पंचायत: गांव के मुखिया बताते हैं कि, गिरगांव महादेव पर रोज लगभग दर्जनभर पंचायतें आती है. इन पंचायत के माध्यमों से उनकी विवाद या समस्या का निराकरण किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि लोग अपनी समस्याएं या फिर विवाद को लेकर दूर-दूर से आते हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान,हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के कोने-कोने से बाबा भोलेनाथ के दर पर न्याय मांगने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि जहां किसी भी विवाद का निराकरण नहीं हो पाता है वहां बाबा के दर पर पहुंचने से तत्काल निराकरण हो जाता है. बाबा फैसला सुना देते हैं. महावीर की दर पर अलग-अलग प्रकार की विवादों को सुलझाने के लिए लोग पहुंचते हैं. जिनमें चोरी की घटना जमीनी विवाद, हत्या का विवाद, घरेलू विवाद जैसे अलग-अलग विवाद होते है वह यहां पर निपटाए जाते हैं.

झूठ बोलने का डर: मंदिर के पुजारी और गांव के मुखिया का कहना है कि, यहां बाबा के घर में कोई झूठ नहीं भूल सकता. अगर किसी ने झूठ बोला तो उसका दंड तत्काल उसे मिल जाता है. यही कारण है कि यहां पर जो लोग आते हैं वह झूठ बोलने से डरते हैं. उनके मुंह से सिर्फ सत्य बाहर निकलता है. इसलिए जो यहां पर पंचायतें होती हैं. वह पूरी तरह सत्य पर आधारित होती हैं. दोनों पक्षों में से कोई झूठ नहीं बोलता है और इसलिए उस समस्या या विवाद का पंचायत के माध्यम से तत्काल निराकरण हो जाता है. अगर किसी भी पक्ष ने कोई झूठ बोला तो एक सप्ताह के अंदर बाबा महादेव उसे दंड देते है. ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं. जिनमें अगर किसी व्यक्ति ने झूठ बोला है उसके परिवार में कोई अनहोनी हो गई है.

मिर्ची बाबा बड़ा उदाहरण: मंदिर के पुजारी ने बताया कि अभी हाल में ही झूठ बोलने का दंड मिर्ची बाबा को झेलना पड़ा है. उन्होंने बताया कि मिर्ची बाबा ने महादेव के दर पर आकर कहा कि, वह यहां के पैसे की चाय तक नहीं पिऊंगा और उसके बाद मिर्ची बाबा ने यहां पर यज्ञ करवाने के नाम पर लोगों से पैसे ले लिए. उसके बाद मिर्ची बाबा सुबह का वक्त भी नहीं देख पाया और सुबह भोपाल पुलिस आकर यहां से मिर्ची बाबा को लेकर गिरफ्तार कर ले गई. इसके साथ साथ ही पुजारी ने बताया है कि, ऐसी कई घटना है जिसमें अगर किसी व्यक्ति ने यहां मंदिर पर आकर झूठ बोला है तो उसके साथ कुछ अनहोनी जरूर हुई है. यही कारण है कि जो लोग झूठ बोलने के उद्देश्य से यहां पर पहुंचते हैं. वहां पर हैं या तो वह इस देहरी यहीं पर चढ़ा नहीं पाते हैं. या फिर यहां सत्य बोल कर ही जाते हैं.

Mahashivratri 2023: MP के इस शिवालय में 848 वर्ष से निरंतर जल रही अखंड ज्योति, जानें किसने कराया था निर्माण

मजिस्ट्रेट महादेव का नाम विख्यात: पुजारी ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास किसी को नहीं पता है. यह सदियों पुराना मंदिर बताया जाता है.साथ ही भगवान भोलेनाथ की पिंडी भी यहां अद्भुत है. यही कारण है कि, महाशिवरात्रि और सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पर पहुंचते हैं. यह मंदिर पूरे देश भर में मजिस्ट्रेट महादेव के नाम से जाना जाता है. क्योंकि यहां भगवान भोलेनाथ लोगों के साथ न्याय करते हैं.

ग्वालियर गिरगांव महादेव

ग्वालियर। जब देशभर के कोर्ट किसी विवाद को नहीं सुलझा पाते हैं तो लोग यही भगवान भोलेनाथ के दरबार दर पर आते हैं. कुछ ही घंटों में बड़े से बड़ा विवाद सुलझ जाता है. यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ के दर पर रोज दर्जनों पर पंचायतें आती हैं. दोनों पक्षों के लोग अपने विवाद को सुलझाने के लिए बाबा के दर पर पहुंचते हैं लेकिन यहां पर एक सबसे बड़ी शर्त रहती है. अगर किसी ने झूठ बोला तो उसके परिवार में अनहोनी होती है. यही कारण है कि लोग यहां आकर कभी झूठ नहीं बोलते हैं क्योंकि उसका परिणाम काफी भयानक होता है.

ऐसे होता है फैसला: ग्वालियर मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर एक गिरगांव गांव है और इस गांव के बीचो-बीच पहाड़ी पर मौजूद है बाबा भोलेनाथ का मंदिर जिसे "गिरगांव महादेव" के नाम से जाना जाता है. यहां पर श्रद्धालुओं की बजाय ऐसे लोगों की भीड़ ज्यादा रहती है जो अपनी विवाद को सुलझाने के लिए आते हैं. यहां बाबा के दर पर पंचायत होती है. ऐसे लोग जिनमें आपकी विवाद या फिर कोई अन्य कारण से विवाद चला आ रहा है. इसका निपटारा नहीं हो रहा है तो उसके बाद यह लोग गिरगांव महादेव पर आते हैं. यहां पर दोनों पक्षों की बात सुनी जाती है और उसके बाद जो फैसला होता है वह सुनाया जाता है, क्योंकि कहते हैं कि अगर यहां पर किसी ने झूठ बोला तो उसके परिवार में तत्काल अनहोनी हो जाती है. इसके कई परिणाम देखने को मिले हैं इसलिए यहां पर लोग झूठ नहीं बोलते हैं.

ये है महादेव की अदालत

झूठ बोलने पर खुद की जिम्मेदारी: गिरगांव महादेव की परिसर में हमेशा सैकड़ों लोगों की भीड़ रहती है. बाबा महादेव की तरफ से जो गांव के मुखिया जज के रूप में होते हैं. यह हर वक्त मंदिर में मौजूद रहते हैं. इन्हीं गांव के मुखिया के बीच में पंचायतों का निराकरण किया जाता है. बाबा महादेव की तरफ से यह गांव के मुखिया और पंचायत में पैरवी करते हैं. दोनों पक्षों की बात को सुनते हैं. इसके बाद फैसला करते हैं. साथ ही गांव के मुखिया की तरफ से यह चेतावनी दी जाती है कि, अगर पंचायत के दौरान किसी ने झूठ बोला तो इसका जिम्मेदार वह खुद होगा. क्योंकि झूठ बोलने पर यहां बाबा भोलेनाथ उसे बिल्कुल भी माफ नहीं करते. इसके बाद पंचायत शुरू होती है. दोनों ही पक्षों की बात सुनी जाती है. तत्काल उस विवाद की समस्या का निराकरण हो जाता है.

Mahashivratri 2023: MP के इस शिवालय में 848 वर्ष से निरंतर जल रही अखंड ज्योति, जानें किसने कराया था निर्माण

दिनभर लगती है पंचायत: गांव के मुखिया बताते हैं कि, गिरगांव महादेव पर रोज लगभग दर्जनभर पंचायतें आती है. इन पंचायत के माध्यमों से उनकी विवाद या समस्या का निराकरण किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि लोग अपनी समस्याएं या फिर विवाद को लेकर दूर-दूर से आते हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान,हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के कोने-कोने से बाबा भोलेनाथ के दर पर न्याय मांगने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि जहां किसी भी विवाद का निराकरण नहीं हो पाता है वहां बाबा के दर पर पहुंचने से तत्काल निराकरण हो जाता है. बाबा फैसला सुना देते हैं. महावीर की दर पर अलग-अलग प्रकार की विवादों को सुलझाने के लिए लोग पहुंचते हैं. जिनमें चोरी की घटना जमीनी विवाद, हत्या का विवाद, घरेलू विवाद जैसे अलग-अलग विवाद होते है वह यहां पर निपटाए जाते हैं.

झूठ बोलने का डर: मंदिर के पुजारी और गांव के मुखिया का कहना है कि, यहां बाबा के घर में कोई झूठ नहीं भूल सकता. अगर किसी ने झूठ बोला तो उसका दंड तत्काल उसे मिल जाता है. यही कारण है कि यहां पर जो लोग आते हैं वह झूठ बोलने से डरते हैं. उनके मुंह से सिर्फ सत्य बाहर निकलता है. इसलिए जो यहां पर पंचायतें होती हैं. वह पूरी तरह सत्य पर आधारित होती हैं. दोनों पक्षों में से कोई झूठ नहीं बोलता है और इसलिए उस समस्या या विवाद का पंचायत के माध्यम से तत्काल निराकरण हो जाता है. अगर किसी भी पक्ष ने कोई झूठ बोला तो एक सप्ताह के अंदर बाबा महादेव उसे दंड देते है. ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं. जिनमें अगर किसी व्यक्ति ने झूठ बोला है उसके परिवार में कोई अनहोनी हो गई है.

मिर्ची बाबा बड़ा उदाहरण: मंदिर के पुजारी ने बताया कि अभी हाल में ही झूठ बोलने का दंड मिर्ची बाबा को झेलना पड़ा है. उन्होंने बताया कि मिर्ची बाबा ने महादेव के दर पर आकर कहा कि, वह यहां के पैसे की चाय तक नहीं पिऊंगा और उसके बाद मिर्ची बाबा ने यहां पर यज्ञ करवाने के नाम पर लोगों से पैसे ले लिए. उसके बाद मिर्ची बाबा सुबह का वक्त भी नहीं देख पाया और सुबह भोपाल पुलिस आकर यहां से मिर्ची बाबा को लेकर गिरफ्तार कर ले गई. इसके साथ साथ ही पुजारी ने बताया है कि, ऐसी कई घटना है जिसमें अगर किसी व्यक्ति ने यहां मंदिर पर आकर झूठ बोला है तो उसके साथ कुछ अनहोनी जरूर हुई है. यही कारण है कि जो लोग झूठ बोलने के उद्देश्य से यहां पर पहुंचते हैं. वहां पर हैं या तो वह इस देहरी यहीं पर चढ़ा नहीं पाते हैं. या फिर यहां सत्य बोल कर ही जाते हैं.

Mahashivratri 2023: MP के इस शिवालय में 848 वर्ष से निरंतर जल रही अखंड ज्योति, जानें किसने कराया था निर्माण

मजिस्ट्रेट महादेव का नाम विख्यात: पुजारी ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास किसी को नहीं पता है. यह सदियों पुराना मंदिर बताया जाता है.साथ ही भगवान भोलेनाथ की पिंडी भी यहां अद्भुत है. यही कारण है कि, महाशिवरात्रि और सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पर पहुंचते हैं. यह मंदिर पूरे देश भर में मजिस्ट्रेट महादेव के नाम से जाना जाता है. क्योंकि यहां भगवान भोलेनाथ लोगों के साथ न्याय करते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2023, 3:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.