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मोक्ष के इंतजार में 173 लोगों की अस्थियां, लॉकडाउन की वजह नहीं हुईं विसर्जित - Corona virus

लॉकडाउन के कारण शहर के अलग-अलग मुक्तिधाम में रखी 173 अस्थियां मोक्ष पाने का इंतजार कर रही हैं. अस्थियां इतनी ज्यादा हो गई है कि इन्हें रखने की भी जगह मुक्तिधाम में नहीं है.

Ashes await salvation
अस्थियां को है मोक्ष का इंतजार
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Published : Jun 3, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Jun 3, 2020, 2:06 PM IST

ग्वालियर। कोरोना वारयस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन खुलने का इंतजार इंसान के साथ-साथ दुनिया छोड़ चुके लोगों की आत्माओं को भी है. लॉकडाउन की वजह से आवाजाही बंद होने से शहर के अलग-अलग मुक्तिधाम में रखी 173 अस्थियां मोक्ष पाने का इंतजार कर रही हैं. हालांकि लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट के बाद अब यह इंतजार धीरे-धीरे खत्म हो रही है.

मोक्ष के इंतजार में अस्थियां

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में दो महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन लागू है. ऐसे में लोग अपने घरों में ही कैद है. वहीं लॉकडाउन होने के कारण इस दौरान मरने वालों की अस्थियां भी विसर्जित नहीं हो पाई है. जिस कारण बगिया, डोली बुआ पुल स्थित महाराष्ट्रीयन समाज की बगिया और फिर चार शहर का नाका स्थित मुक्तिधाम में करीब 173 लोगों की अस्थियां रखी हुई है. ऐसे हालत में अस्थियों को मुक्तिधाम के लॉकर में रख गए है, लेकिन अब अस्थियों से लॉकर भी फुल हो चुके हैं.

लॉकर में जगह नहीं होने की वजह से कुछ अस्थियों को पेड़ पर लटकाया गया है, तो कुछ को डिब्बे में रखकर टीनशेड में रखी गई है. हालांकि कुछ लोग परमिशन लेकर निजी वाहनों से अस्थियां विर्सजन के लिए ले जा रहे हैं. वहीं लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट के बाद अस्थियों को विसर्जन करने का काम किया जा रहा है.

ग्वालियर। कोरोना वारयस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन खुलने का इंतजार इंसान के साथ-साथ दुनिया छोड़ चुके लोगों की आत्माओं को भी है. लॉकडाउन की वजह से आवाजाही बंद होने से शहर के अलग-अलग मुक्तिधाम में रखी 173 अस्थियां मोक्ष पाने का इंतजार कर रही हैं. हालांकि लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट के बाद अब यह इंतजार धीरे-धीरे खत्म हो रही है.

मोक्ष के इंतजार में अस्थियां

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में दो महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन लागू है. ऐसे में लोग अपने घरों में ही कैद है. वहीं लॉकडाउन होने के कारण इस दौरान मरने वालों की अस्थियां भी विसर्जित नहीं हो पाई है. जिस कारण बगिया, डोली बुआ पुल स्थित महाराष्ट्रीयन समाज की बगिया और फिर चार शहर का नाका स्थित मुक्तिधाम में करीब 173 लोगों की अस्थियां रखी हुई है. ऐसे हालत में अस्थियों को मुक्तिधाम के लॉकर में रख गए है, लेकिन अब अस्थियों से लॉकर भी फुल हो चुके हैं.

लॉकर में जगह नहीं होने की वजह से कुछ अस्थियों को पेड़ पर लटकाया गया है, तो कुछ को डिब्बे में रखकर टीनशेड में रखी गई है. हालांकि कुछ लोग परमिशन लेकर निजी वाहनों से अस्थियां विर्सजन के लिए ले जा रहे हैं. वहीं लॉकडाउन 5.0 में मिली छूट के बाद अस्थियों को विसर्जन करने का काम किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 2:06 PM IST
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