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जीत और हार की गुणा-गणित में जुटे नेता, अपनी-अपनी जीत का कर रहे दावा - मतदान

उपचुनाव में मतदान के बाद अब नेता जीत और हार की गुणा गणित कर रहे हैं, और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं,

Leader taking feedback after by election voting in gwalior Region
वोटिंग के बाद फीडबैक ले रहे नेता
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Published : Nov 4, 2020, 4:39 PM IST

ग्वालियर। मतदान के बाद जनसंपर्क और लोगों से निरंतर संपर्क से भले ही जनप्रतिनिधियों को निजात मिल गई है पर अभी भी जीत और हार की गुणा भाग में नेता, कार्यकर्ता और प्रत्याशी सभी लगे हुए हैं. मंगलवार को मतदान खत्म होने के बाद अब प्रत्याशी थोड़ा रिलैक्श तो महशूस कर रहे हैं, लेकिन अभी भी वे वोटिंग का फीड बैक लेने में लगे हैं.

वोटिंग के बाद फीडबैक ले रहे नेता

ग्वालियर चंबल अंचल की बात करें तो सभी पार्टियां खुद को जीत के लिए आश्वस्त मान रही है. बीजेपी को उम्मीद है की जनता ने उसके पक्ष में मतदान किया है, वहीं कांग्रेस को भरोसा है की जनता ने बीजेपी के खिलाफ मतदान किया होगा. इन दोनों मुख्य पार्टियों के अलावा ग्वालियर चंबल अंचल मेें मुख्य रोल में रही बीएसपी को उम्मीद है कि 2 अप्रैल की घटना के कारण ग्वालियर मुरैना में उसका प्रदर्शन काफी बेहकर है.

बीजेपी कांग्रेस आश्वस्त

कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी ने खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई और प्रशासन ने भी उसकी मदद की ऐसे में अब उनका सहारा सिर्फ ईश्वर है. उधर बीजेपी प्रत्याशी मुन्ना लाल का कहना है कि उन्होंने अपनी ओर से भरसक ताकत लगाई है. चुनाव परिणाम उनके पक्ष में जाएगा.

बीएसपी को 2 अप्रैल की घटना से उम्मीद

बहुजन समाज पार्टी का कहना है कि मुरैना ग्वालियर और भिंड में उनके प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, इसके पीछे भी 2 अप्रैल की घटना को प्रमुख वजह मान रहे हैं. जब सवर्णों और दलितों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसलिए वे अपने वोट की मदद से प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करके अपनी ताकत का एहसास तराना चाहते हैं.

ग्वालियर पूर्व के मदतादा ने सब को चौकाया

बता दें कोरोना के संक्रमण में हुए उपचुनाव में मतदाता को घर से बाहर निकालना इतना आसान नहीं रहा. ग्वालियर जिले की पूर्व विधानसभा सीट ने पूरे प्रदेश में सबको चौंकाया है, पिछले 10 साल यानी 2008 के मतदान प्रतिशत की तुलना में पूर्व विधानसभा का मतदान प्रतिशत गिर गया. ग्वालियर पूर्व के उपचुनाव में सिर्फ 48.15 प्रतिशत वोटिंग हुई जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह प्रतिशत 58.18 था.

ग्वालियर। मतदान के बाद जनसंपर्क और लोगों से निरंतर संपर्क से भले ही जनप्रतिनिधियों को निजात मिल गई है पर अभी भी जीत और हार की गुणा भाग में नेता, कार्यकर्ता और प्रत्याशी सभी लगे हुए हैं. मंगलवार को मतदान खत्म होने के बाद अब प्रत्याशी थोड़ा रिलैक्श तो महशूस कर रहे हैं, लेकिन अभी भी वे वोटिंग का फीड बैक लेने में लगे हैं.

वोटिंग के बाद फीडबैक ले रहे नेता

ग्वालियर चंबल अंचल की बात करें तो सभी पार्टियां खुद को जीत के लिए आश्वस्त मान रही है. बीजेपी को उम्मीद है की जनता ने उसके पक्ष में मतदान किया है, वहीं कांग्रेस को भरोसा है की जनता ने बीजेपी के खिलाफ मतदान किया होगा. इन दोनों मुख्य पार्टियों के अलावा ग्वालियर चंबल अंचल मेें मुख्य रोल में रही बीएसपी को उम्मीद है कि 2 अप्रैल की घटना के कारण ग्वालियर मुरैना में उसका प्रदर्शन काफी बेहकर है.

बीजेपी कांग्रेस आश्वस्त

कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी ने खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई और प्रशासन ने भी उसकी मदद की ऐसे में अब उनका सहारा सिर्फ ईश्वर है. उधर बीजेपी प्रत्याशी मुन्ना लाल का कहना है कि उन्होंने अपनी ओर से भरसक ताकत लगाई है. चुनाव परिणाम उनके पक्ष में जाएगा.

बीएसपी को 2 अप्रैल की घटना से उम्मीद

बहुजन समाज पार्टी का कहना है कि मुरैना ग्वालियर और भिंड में उनके प्रत्याशी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, इसके पीछे भी 2 अप्रैल की घटना को प्रमुख वजह मान रहे हैं. जब सवर्णों और दलितों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसलिए वे अपने वोट की मदद से प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करके अपनी ताकत का एहसास तराना चाहते हैं.

ग्वालियर पूर्व के मदतादा ने सब को चौकाया

बता दें कोरोना के संक्रमण में हुए उपचुनाव में मतदाता को घर से बाहर निकालना इतना आसान नहीं रहा. ग्वालियर जिले की पूर्व विधानसभा सीट ने पूरे प्रदेश में सबको चौंकाया है, पिछले 10 साल यानी 2008 के मतदान प्रतिशत की तुलना में पूर्व विधानसभा का मतदान प्रतिशत गिर गया. ग्वालियर पूर्व के उपचुनाव में सिर्फ 48.15 प्रतिशत वोटिंग हुई जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह प्रतिशत 58.18 था.

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