ग्वालियर। कोरोना काल के बाद ग्वालियर चंबल में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. अंचल के सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जो बुरी तरह बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं. मतलब गांव में सब कुछ बर्बाद हो गया है.लोगों के मकान मलबे में तब्दील हो चुके हैं. घर में रखा अनाज पूरी तरह सड़ गया है. लोग गांव से निकलकर रोड पर समय बिताने को मजबूर हैं. इस समय अंचल के लोगों को सरकार और यहां के नेताओं की आस है कि उन्हें जल्द से जल्द कुछ राहत पहुंचाये.
कोरोना काल में तीन महीने गायब रहे थे सिंधिया
हालात ऐसे हैं कि जब-जब ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों पर संकट आता है, तब तक ग्वालियर चंबल अंचल के दिग्गज नेता दूरी बनाकर रखते हैं. इनमें सबसे अधिक इस समय चर्चा हो रही है तो वह है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया. कोरोना संक्रमण ने अंचल में तीन महीने तक कोहराम मचा दिया था. हर तरफ मौतों का मंजर दिखाई दे रहा था.
उस समय भी ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल से तीन महीने दूर रहे थे. एक बार फिर अंचल में बाढ़ ने तबाही मचा दी है, उसके बावजूद भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में बैठे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सांत्वना दे रहे हैं. यही वजह है कि अब कांग्रेस हमलावर हो चुकी है.
कोरोना संक्रमण के बाद अब बाढ़ ने मचायी तबाही
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ग्वालियर चंबल अंचल ने सबसे अधिक मौतों का सामना किया था. हर तरफ ऑक्सीजन और बेड की कमी से लोगों की जानें जा रही थीं. इस संक्रमण से जब हालात ठीक हुए तब बारिश के पानी से आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है. ग्वालियर चंबल अंचल के सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. सिर्फ वहां पर मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है.
मलबे में तब्दील हुए मकान
सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जहां मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं और घर पर जो अनाज रखा था. वह भी पूरी तरह से सड़ चुका है. अब लोग दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं. लोगों को अब सिर्फ सरकार और यहां के स्थानीय नेताओं की आस है कि वह कुछ उनकी मदद करें, ताकि दो वक्त की रोटी नसीब हो सके.
संकट के समय सिंधिया बना लेते हैं दूरी
जब-जब चंबल अंचल के लोगों पर बड़ी मुसीबत आती है, तब-तब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में बैठकर सिर्फ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. कोरोना संक्रमण काल मे अंचल में बीमारी से रोज दर्जनों भर मौतें हो रही थीं. मरीज ऑक्सीजन, बेड और दवाइयों की कमी से जूझ रहे थे. उस वक्त भी सिंधिया ने अंचल में तीन महीने तक पैर भी नहीं रखा. जब संक्रमण थम गया, तब वहां आये.
बाढ़ के एक सप्ताह बाद भी नहीं आए सिंधिया
इस समय ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचा दी है सैकड़ों घर बर्बाद हुए हैं, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लोगों के बीच नहीं पहुंचे हैं. वहीं सिंधिया समर्थक मंत्री कह रहे हैं कि व्यस्तता के चलते वह नहीं आ पाए हैं. जल्द ही वह अंचल के लोगों से मिलेंगे.
बाढ़ प्रभावित इलाके में कई दिग्गज कर रहे दौरा
बाढ़ के कहर को एक सप्ताह होने जा रहा है. अंचल के 500 से अधिक ऐसे गांव हैं, जो बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया. उसके बाद दूसरे दिन सड़क मार्ग से वह बाढ़ प्रभावित गांव में पहुंचे और लोगों को भरोसा दिया कि सरकार इस संकट में आपके साथ है.पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शनिवार को ग्वालियर चंबल अंचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने आ रहे हैं. इसी के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी अपने संसदीय क्षेत्र में आकर गांव में जा रहे हैं.
कहां है अंचल का जनसेवक
अब कांग्रेस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हावी है. उनका कहना है कि जब-जब ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों पर बड़ा संकट आता है, तब तक अपने आपको इस अंचल का जनसेवक बताने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया गायब रहते हैं. उनको सिर्फ अपनी परवाह है, अंचल के लोगों की नहीं.
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जनता यह सब कोरोना संक्रमण काल से देख रही है. संक्रमण काल में भी वह जनता से दूर रहे, लेकिन अब फिर से अंचल के लोग संकट में हैं. बाढ़ से अंचल में त्राहिमाम मच गया है. इसके बावजूद भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में बैठकर सोशल मीडिया के जरिए लोगों की मदद करने की झूठी सांत्वना दे रहे हैं. जनता यह सब देख रही है. अंचल की जनता ने पहले भी सबक सिखाया था, अब आने वाले समय में भी इनको सबक सिखाएगी.