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17 पुराने मामले में नहीं हुई जांच ना पेश किया चालान, HC ने SP को पेश होने के दिए निर्देश - Land fraud case

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में 17 सालों तक चालान पेश नहीं करने पर पुलिस के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. पुलिस अधीक्षक को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट के साथ चार नवंबर को कोर्ट में तलब किया है.

Gwalior Bench
ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Oct 29, 2020, 7:58 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में 17 सालों तक चालान पेश नहीं करने पर पुलिस के रवैए पर नाराजगी जाहिर की है. पुलिस अधीक्षक को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट के साथ चार नवंबर को कोर्ट में तलब किया है. दरअसल, रामबाबू शर्मा ने साल 2003 में बहोडापुर थाना क्षेत्र में रहने वाले इशहाक अखलाक खान ,प्रताप कमरिया और नन्हे कमरिया के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि इन लोगों ने उनके साथ जमीन के मामले में धोखाधड़ी की है.

ग्वालियर खंडपीठ
आरोपियों ने पुलिस से मिलकर उसमें खात्मा रिपोर्ट लगवा दी और सितंबर 2006 को जेएमएससी के यहां पेश की, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया और बहोडापुर पुलिस को जांच पूरी कर संबंधित न्यायालय में चालन पेश करने के निर्देश दिए लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ना तो जांच पूरी की और ना ही चालान पेश किया. तब रामबाबू शर्मा ने आरटीआई लगाकर इस मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए कोशिश शुरू की. उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की. 2016 -17 में एसपी को रामबाबू शर्मा ने शिकायत की और जांच पूरी करने के लिए आवेदन किया फिर भी इस मामले में जांच पूरी नहीं की गई.


कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में संबंधित रिकॉर्ड गायब हो गया है, लेकिन यह रिकॉर्ड अचानक 19 अक्टूबर 2020 को मिल गया. इसके बाद स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई और इतने सालों तक मामले को लटकाए रखने के लिए जिम्मेवार पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट को कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन कोर्ट ने एसपी की स्टेटस रिपोर्ट को अमान्य कर दिया और उन्हें व्यक्ति रूप व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए, 4 नवंबर को अब एसपी को स्टेटस रिपोर्ट के लिए अपना जवाब पेश करने के लिए कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर क्यों 17 साल अब तक धोखाधड़ी के इस मामले में जांच पूरी नहीं की गई और ना ही आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने धोखाधड़ी के एक मामले में 17 सालों तक चालान पेश नहीं करने पर पुलिस के रवैए पर नाराजगी जाहिर की है. पुलिस अधीक्षक को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट के साथ चार नवंबर को कोर्ट में तलब किया है. दरअसल, रामबाबू शर्मा ने साल 2003 में बहोडापुर थाना क्षेत्र में रहने वाले इशहाक अखलाक खान ,प्रताप कमरिया और नन्हे कमरिया के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि इन लोगों ने उनके साथ जमीन के मामले में धोखाधड़ी की है.

ग्वालियर खंडपीठ
आरोपियों ने पुलिस से मिलकर उसमें खात्मा रिपोर्ट लगवा दी और सितंबर 2006 को जेएमएससी के यहां पेश की, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया और बहोडापुर पुलिस को जांच पूरी कर संबंधित न्यायालय में चालन पेश करने के निर्देश दिए लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ना तो जांच पूरी की और ना ही चालान पेश किया. तब रामबाबू शर्मा ने आरटीआई लगाकर इस मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए कोशिश शुरू की. उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की. 2016 -17 में एसपी को रामबाबू शर्मा ने शिकायत की और जांच पूरी करने के लिए आवेदन किया फिर भी इस मामले में जांच पूरी नहीं की गई.


कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में संबंधित रिकॉर्ड गायब हो गया है, लेकिन यह रिकॉर्ड अचानक 19 अक्टूबर 2020 को मिल गया. इसके बाद स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई और इतने सालों तक मामले को लटकाए रखने के लिए जिम्मेवार पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट को कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन कोर्ट ने एसपी की स्टेटस रिपोर्ट को अमान्य कर दिया और उन्हें व्यक्ति रूप व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए, 4 नवंबर को अब एसपी को स्टेटस रिपोर्ट के लिए अपना जवाब पेश करने के लिए कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर क्यों 17 साल अब तक धोखाधड़ी के इस मामले में जांच पूरी नहीं की गई और ना ही आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है.

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