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जयारोग्य अस्पताल में अनोखे जानवर का आतंक, पी जाता है दवाएं

ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल में इन दिनों अनोखे जानवर का आतंक है. ये अनोखे जानवर अस्पताल के मेडिकल स्टोर में रखी दवाओं को पी जरा है. जानिए पूरा मामला क्या है.

Honey badger
कबर बिज्जू
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Published : Dec 23, 2019, 5:36 PM IST

ग्वालियर। इन दिनों जनारोग्य अस्पताल में एक अनोखे जानवर ने आतंक मचाया हुआ है. ये जानवर मेडिकल स्टोर में रखी दवाओं को पी जाता है. सुनने से थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन ये बिल्कुल सच है.इससे परेशान होकर अस्पताल प्रबंधन ने जू कर्मचारियों की मदद ले रहा है.

जयारोग्य अस्पताल में अनोखे जानवर का आतंक

इस अनोखे जानवर का नाम कबरबिज्जू बताया जा रहा है, दिखने में ये जानवर बिल्ली की तरह है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसे कई बार परिसर में देखा गया है. हालांकि 2 कबरबिज्जुओं को पकड़ा गया है. और बाकियों की तलाश की जा रही है.

ग्लूकोज पी रहा कबरबिज्जू
जयरोग्य अस्पताल के सेंट्रल मेडिसिन स्टोर से कबरबिज्जू मरीजों को चढ़ाई जाने वाले ग्लूकोज पी रहा हैं और वहीं स्टोर में रखी दवाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं. स्टोर के अंदर ग्लूकोज की खाली बोतलों को देखकर पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि आखिर बोतलें कौन तोड़ रहा और उन्हें खाली कर रहा है. लेकिन जब एक दिन कबरबिज्जू देखे गए तो स्टोर का स्टाफ दहशत में आ गया.

मामले की सूचना जेएएच अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा को दी गई. अधीक्षक ने स्टोर कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए इसकी जानकारी एडीएम किशोर कान्याल को दी. इसके बाद शनिवार को चिड़ियाघर की टीम बुलाकर दो कबरबिज्जू पकड़वा दिया. यहां कबरबिज्जू का पूरा परिवार जेएएच परिसर में रहता था. पूरा परिवार ही स्टोर की दवाओं को चट कर जाता था.

कबरबिज्जू को पसंद है ग्लूकोज
कुछ लोगों का मानना है कि ग्लूकोज इनका पसंदीदा पेय है. इस कारण दो कार्टून की बोतलों से ग्लूकोज गायब हो चुके है. जू कर्मचारियों द्वारा नर और मादा कबर बिज्जू पकड़े जाने के बाद अब इनके दो बच्चों की तलाश की जा रही है.

मांसाहारी होते हैं कबर बिज्जू
कबर बिज्जू मांसाहारी होते हैं, इसलिए ये हमला करने भी पीछे नहीं रहते. कबर बिज्जू का डर सबसे ज्यादा कर्मचारियों और मरीजों को सता रहा था.

ग्वालियर। इन दिनों जनारोग्य अस्पताल में एक अनोखे जानवर ने आतंक मचाया हुआ है. ये जानवर मेडिकल स्टोर में रखी दवाओं को पी जाता है. सुनने से थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन ये बिल्कुल सच है.इससे परेशान होकर अस्पताल प्रबंधन ने जू कर्मचारियों की मदद ले रहा है.

जयारोग्य अस्पताल में अनोखे जानवर का आतंक

इस अनोखे जानवर का नाम कबरबिज्जू बताया जा रहा है, दिखने में ये जानवर बिल्ली की तरह है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसे कई बार परिसर में देखा गया है. हालांकि 2 कबरबिज्जुओं को पकड़ा गया है. और बाकियों की तलाश की जा रही है.

ग्लूकोज पी रहा कबरबिज्जू
जयरोग्य अस्पताल के सेंट्रल मेडिसिन स्टोर से कबरबिज्जू मरीजों को चढ़ाई जाने वाले ग्लूकोज पी रहा हैं और वहीं स्टोर में रखी दवाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं. स्टोर के अंदर ग्लूकोज की खाली बोतलों को देखकर पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि आखिर बोतलें कौन तोड़ रहा और उन्हें खाली कर रहा है. लेकिन जब एक दिन कबरबिज्जू देखे गए तो स्टोर का स्टाफ दहशत में आ गया.

मामले की सूचना जेएएच अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा को दी गई. अधीक्षक ने स्टोर कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए इसकी जानकारी एडीएम किशोर कान्याल को दी. इसके बाद शनिवार को चिड़ियाघर की टीम बुलाकर दो कबरबिज्जू पकड़वा दिया. यहां कबरबिज्जू का पूरा परिवार जेएएच परिसर में रहता था. पूरा परिवार ही स्टोर की दवाओं को चट कर जाता था.

कबरबिज्जू को पसंद है ग्लूकोज
कुछ लोगों का मानना है कि ग्लूकोज इनका पसंदीदा पेय है. इस कारण दो कार्टून की बोतलों से ग्लूकोज गायब हो चुके है. जू कर्मचारियों द्वारा नर और मादा कबर बिज्जू पकड़े जाने के बाद अब इनके दो बच्चों की तलाश की जा रही है.

मांसाहारी होते हैं कबर बिज्जू
कबर बिज्जू मांसाहारी होते हैं, इसलिए ये हमला करने भी पीछे नहीं रहते. कबर बिज्जू का डर सबसे ज्यादा कर्मचारियों और मरीजों को सता रहा था.

Intro:एंकर-ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में इन दिनों कबरबिज्जूओ का आतंक मचा हुआ है। यहां कबरबिज्जू का एक परिवार अस्पताल के मेडिसिन स्टोर में राखी दवाओं का नुकसान कर दवाएं पी जाता है। जब इस बात की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक को लगी तो उन्होंने जू के कर्मचारी बुलाकर इन्हें पकड़वा दिया। लेकिन अभी भी दो कबरबिज्जू पकड़ से बाहर है जिसकी वजह से कर्मचारी और मरीजों में दहशत बनी हुई है

Body:वीओ-दरसअल अंचल के सबसे बड़े शहर के जयरोग्य अस्पताल के सेंट्रल मेडिसिन स्टोर से कबरबिज्जू का परिवार मरीजों पर चढ़ाई जाने वाला ग्लूकोज पी रहे है और साथ ही यंहा स्टोर में रखी दवाओं को भी नष्ठ कर नुकसान पहुचा रहे है। स्टोर के अंदर ग्लूकोज की खाली बोतलों को देखकर पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि आखिर बोतलें कौन तोड़ रहा और खाली कर रहा है। लेकिन जब एक दिन कबरबिज्जू देखे गए तो स्टोर का स्टाफ दहशत में आ गया। इसके बाद इसकी सूचना जेएएच अधीक्षक डॉ अशोक मिश्रा को दी गई। अधीक्षक ने स्टोर कर्मचारियों की परेशानी से एडीएम किशोर कान्याल को अवगत करवाया। इसके बाद शनिवार की श्याम को चिड़ियाघर की टीम बुलाकर दो कबरबिज्जू पकड़वा दिया। यंहा कबरबिज्जू का पूरा परिवार जेएएच परिसर में रहता था। पूरा परिवार ही स्टोर की दवाओं को चट कर जाता था। ग्लूकोज की बोतल ही इनका पसंदीदा पेय है। इस कारण दो कार्टून की बोतलों से ग्लूकोज गायब मिला। नर और मादा कबरबिज्जू पकड़े जाने के बाद अब इनके दो बच्चों की तलाश की जा रही है। कबर बिज्जू मांसाहारी होते हैं, इसलिए यह हमला करने भी पीछे नहीं रहते। इसका डर सबसे अधिक कर्मचारियों व मरीजो का सता रहा था।

Conclusion:बाइट-डॉ.अशोक मिश्रा- जयरोग्य अधीक्षक ग्वालियर
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