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हाईकोर्ट ने कलेक्टर से मांगा जवाब, वार्डों के परिसीमन को लेकर मांगी जानकारी - Gwalior news

हाईकोर्ट ने कलेक्टर अनुराग चौधरी से वार्डों के परिसीमन के मामले में जवाब तलब किया है. निगम चुनाव को देखते हुए वार्डों ने परिसीमन का आदेश दिया था जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टर से किया जवाब तलब
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Published : Nov 14, 2019, 6:16 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 7:26 PM IST

ग्वालियर। निगम चुनाव के मद्देनजर सरकार ने वार्डों के परिसीमन देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद अभी तक वार्डों का परिसीमन नहीं हुआ है. जिस पर हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टर से किया जवाब तलब

वार्डों की जनसंख्या में असमानता
कांग्रेस नेता राजेश बाबू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सरकार के आदेश के बावजूद अभी तक परिसीमन नहीं कराया है. जबकि शहर के कई वार्डों में जनसंख्या को लेकर बड़ी असमानता है. नगर निगम अधिनियम की धारा-10 के अनुसार वार्डों की जनसंख्या में 15 फीसदी से ज्यादा अंतर होने पर उनका परिसीमन किया जा सकता है. जबकि कई वार्डों में जनसंख्या 9 हजार है तो किसी में 39 हजार है.

कलेक्टर से मांगा गया जवाब
सरकार ने कलेक्टर को निर्देशित कर कहा था कि इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजें. लेकिन उन्होंने निगम कमिश्नर संदीप माकन को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया. जबकि वो खुद ही इसके लिए सक्षम हैं. तब से अब तक परिसीमन का मामला ठप्प पड़ा है. हाईकोर्ट ने कलेक्टर से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.

ग्वालियर। निगम चुनाव के मद्देनजर सरकार ने वार्डों के परिसीमन देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद अभी तक वार्डों का परिसीमन नहीं हुआ है. जिस पर हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टर से किया जवाब तलब

वार्डों की जनसंख्या में असमानता
कांग्रेस नेता राजेश बाबू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सरकार के आदेश के बावजूद अभी तक परिसीमन नहीं कराया है. जबकि शहर के कई वार्डों में जनसंख्या को लेकर बड़ी असमानता है. नगर निगम अधिनियम की धारा-10 के अनुसार वार्डों की जनसंख्या में 15 फीसदी से ज्यादा अंतर होने पर उनका परिसीमन किया जा सकता है. जबकि कई वार्डों में जनसंख्या 9 हजार है तो किसी में 39 हजार है.

कलेक्टर से मांगा गया जवाब
सरकार ने कलेक्टर को निर्देशित कर कहा था कि इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजें. लेकिन उन्होंने निगम कमिश्नर संदीप माकन को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया. जबकि वो खुद ही इसके लिए सक्षम हैं. तब से अब तक परिसीमन का मामला ठप्प पड़ा है. हाईकोर्ट ने कलेक्टर से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.

Intro:ग्वालियर
आने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव को लेकर राज्य शासन के आदेश के बावजूद वार्डों का परिसीमन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर से 1 सप्ताह के भीतर जानकारी तलब की है कि उन्होंने अभी तक परिसीमन को लेकर क्या कार्रवाई की है। खास बात यह है कि कलेक्टर ने कार्रवाई करने की बजाय नगर निगम कमिश्नर को इस मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


Body:दरअसल कांग्रेस नेता राजेश बाबू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शासन के आदेश के बावजूद परिसीमन अभी तक नहीं कराया है जबकि शहर के कई वार्डो में जनसंख्या को लेकर बड़ी असमानता है नगर निगम अधिनियम की धारा 10 के अनुसार वार्डों की जनसंख्या में 15 फ़ीसदी से से ज्यादा अंतर होने पर उनका परिसीमन किया जा सकता है। जबकि कई वार्ड में जनसंख्या 9000 है तो किसी में 39000 है।


Conclusion:शासन ने कलेक्टर को निर्देशित कर कहा था कि इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजें। लेकिन उन्होंने निगम कमिश्नर संदीप माकन को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जबकि वह खुद ही इसके लिए सक्षम हैं तब से अब तक परिसीमन का मामला ठप पड़ा हुआ है हाईकोर्ट ने कलेक्टर से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है ।
बाइट एमपीएस रघुवंशी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता
Last Updated : Nov 14, 2019, 7:26 PM IST
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