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सरकार ने कोर्ट में पेश किया शपथ पत्र, अब तक कोविड-19 उल्लंघन के मामले में तीन FIR दर्ज

कोरोना काल में हो रहे राजनीतिक आयोजनों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ में सुनवाई हुई. सरकार द्वारा पेश शपथ पत्र में कहा गया है कि अब तक हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिलों में 3 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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Published : Oct 12, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 6:10 PM IST

ग्वालियर। कोरोना काल में हो रहे राजनीतिक आयोजनों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने सरकार से कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर अब तक की गई कार्रवाई का व्योरा तलब किया था.

सरकार ने कोर्ट में पेश किया शपथ पत्र

कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सिर्फ छोटे नेताओं और आयोजन कर्ताओं पर ही मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि बड़े राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिला प्रशासन ने संयुक्त कलेक्टर नरोतम भार्गव की ओर से एक शपथ पत्र भी दिया है. जिसमें कहा गया है कि अब तक हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिलों में 3 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि ग्वालियर के एक अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह इस आशय की एक जनहित याचिका कोर्ट में पेश की है. जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है. जिसमें राजनीतिक दल सबसे आगे है. कोर्ट के निर्देश पर तीन न्याय मित्र भी बनाए गए हैं. न्याय मित्रों और याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अपनी ओर से कुछ राजनीतिक आयोजन के फोटोग्राफर और वीडियो भी पेश किए हैं. न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है.

ग्वालियर। कोरोना काल में हो रहे राजनीतिक आयोजनों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने सरकार से कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर अब तक की गई कार्रवाई का व्योरा तलब किया था.

सरकार ने कोर्ट में पेश किया शपथ पत्र

कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सिर्फ छोटे नेताओं और आयोजन कर्ताओं पर ही मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि बड़े राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिला प्रशासन ने संयुक्त कलेक्टर नरोतम भार्गव की ओर से एक शपथ पत्र भी दिया है. जिसमें कहा गया है कि अब तक हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिलों में 3 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि ग्वालियर के एक अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह इस आशय की एक जनहित याचिका कोर्ट में पेश की है. जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है. जिसमें राजनीतिक दल सबसे आगे है. कोर्ट के निर्देश पर तीन न्याय मित्र भी बनाए गए हैं. न्याय मित्रों और याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अपनी ओर से कुछ राजनीतिक आयोजन के फोटोग्राफर और वीडियो भी पेश किए हैं. न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है.

Last Updated : Oct 12, 2020, 6:10 PM IST
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