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14 साल बाद GDA को मिली GOOD NEWS, हाईकोर्ट ने रिव्यू पिटिशन की मंजूर - आवासीय योजना

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण को करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीन पर रिव्यू फाइल करने की इजाजत दे दी.

GDA review petition
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Published : Mar 14, 2019, 11:46 PM IST


ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण को करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीन पर रिव्यू फाइल करने की इजाजत दे दी, जिसे जीडीए 14 साल पहले हार चुका था. पूरे मामले में जीडीए को पक्षकार नहीं बनाए जाने को उचित कारण मानते हुए हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन स्वीकार कर ली.

GDA review petition
राघवेंद्र दीक्षित अधिवक्ता जीडीए

जोधुपुरा, आनंद नगर के पास विकास प्राधिकरण को राजीव गांधी आवासीय योजना के तहत सरकार से मई 2000 में जमीन आवंटित हुई थी, करीब 5290 वर्ग मीटर की इस बेशकीमती जमीन पर दामोदर प्रसाद और छिद्धि नामक दो लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि सरकार ने जिस जमीन को अपना बताया था वह उनकी है. हालांकि हाईकोर्ट ने फैसला दमाोदर और छिद्दी के पक्ष में ही दिया था.

राघवेंद्र दीक्षित अधिवक्ता जीडीए

मामला कोर्ट में चल रहा था. इसी दौरान विकास प्राधिकरण ने हाईकोर्ट में उसके पूर्व के आदेश के बारे में यह कहते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की थी कि पूर्व में जीडीए के पक्ष में सरकार ने जमीन आवंटित की थी और उसे ही पक्षकार नहीं बनाया गया ना ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया, ऐसे में उसकी रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया जाए.करीब 14 साल बाद हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया है, इस मामले पर अगले महीने सुनवाई की तारीख लगाई गयी है. जीडीए को उम्मीद है कि केस जीतने के बाद वह अपनी आवासीय योजना को अमलीजामा पहना सकेगा.


ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण को करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीन पर रिव्यू फाइल करने की इजाजत दे दी, जिसे जीडीए 14 साल पहले हार चुका था. पूरे मामले में जीडीए को पक्षकार नहीं बनाए जाने को उचित कारण मानते हुए हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन स्वीकार कर ली.

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राघवेंद्र दीक्षित अधिवक्ता जीडीए

जोधुपुरा, आनंद नगर के पास विकास प्राधिकरण को राजीव गांधी आवासीय योजना के तहत सरकार से मई 2000 में जमीन आवंटित हुई थी, करीब 5290 वर्ग मीटर की इस बेशकीमती जमीन पर दामोदर प्रसाद और छिद्धि नामक दो लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि सरकार ने जिस जमीन को अपना बताया था वह उनकी है. हालांकि हाईकोर्ट ने फैसला दमाोदर और छिद्दी के पक्ष में ही दिया था.

राघवेंद्र दीक्षित अधिवक्ता जीडीए

मामला कोर्ट में चल रहा था. इसी दौरान विकास प्राधिकरण ने हाईकोर्ट में उसके पूर्व के आदेश के बारे में यह कहते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की थी कि पूर्व में जीडीए के पक्ष में सरकार ने जमीन आवंटित की थी और उसे ही पक्षकार नहीं बनाया गया ना ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया, ऐसे में उसकी रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया जाए.करीब 14 साल बाद हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया है, इस मामले पर अगले महीने सुनवाई की तारीख लगाई गयी है. जीडीए को उम्मीद है कि केस जीतने के बाद वह अपनी आवासीय योजना को अमलीजामा पहना सकेगा.

Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने जीडीए यानी ग्वालियर विकास प्राधिकरण को करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीन पर रिव्यू फाइल करने की इजाजत दे दी, जिसे जीडीए 14 साल पहले हार चुका था। लेकिन पूरे मामले में जीडीए को पक्षकार नहीं बनाए जाने को उचित कारण मानते हुए हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन स्वीकार कर ली।


Body:दरअसल जोधुपुरा, आनंद नगर के पास विकास प्राधिकरण को राजीव गांधी आवासीय योजना के तहत सरकार से मई 2000 में जमीन आवंटित हुई थी। करीब 5290 वर्ग मीटर की इस बेशकीमती जमीन पर दामोदर प्रसाद और छिद्धि नामक दो लोगों ने अपना दावा जताया था और कहा था कि सरकार ने जो अतिशेष जमीन बता कर जिसे सरकारी भूमि बताया है वह दरअसल उनकी है। खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने दामोदर और छिद्दी पक्ष में फैसला दिया था हालांकि सरकार ने उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल की थी लेकिन वहां भी सरकार को मुंह की खानी पड़ी।


Conclusion:तब से यह मामला कोर्ट में था। विकास प्राधिकरण में हाई कोर्ट में उसके पूर्व के आदेश के बारे में यह कहते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की कि पूर्व में जीडीए के पक्ष में सरकार ने जमीन आवंटित की थी। और उसे ही पक्षकार नहीं बनाया गया ना ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया। ऐसे में उसकी रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया जाए ।करीब 14 साल बाद हाई कोर्ट ने जीडीए की रिव्यू पिटिशन को स्वीकार किया। इस मामले पर अगले महीने सुनवाई नियत की गई है। अब संभावना है कि जीडीए यहां केस जीतने के बाद अपनी आवासीय योजना को अमलीजामा पहना सकेगा।
बाइट राघवेंद्र दीक्षित अधिवक्ता जीडीए हाई कोर्ट ग्वालियर
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