ग्वालियर। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के दूसरे चरण में मई महीने तक सभी लंबित सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा प्रकरणों के निराकरण के लिए दिए गए अल्टीमेटम की डेड लाइन को निकले कई दिन हो चुके हैं. जबकि नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा प्रकरण की पेंडेंसी अब भी बरकरार है. आपको बता दें कि ग्वालियर संभागायुक्त ने तहसीलदार नायब तहसीलदारों को 31 मई तक पेंडेंसी खत्म करने के सख्त निर्देश दिए थे. ऐसे में राजस्व प्रकरणों के निराकरण नहीं होने से अब कई तहसीलदार और नायब तहसीलदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है.
विभागीय जांच की तैयारी: सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निराकरण नहीं कर पाने वाले ग्वालियर संभाग के तहसीलदार, नायब तहसीलदारों के खिलाफ अब विभागीय जांच (DI) शुरू करने की तैयारी है. गौरतलब है कि संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने निर्देश दिए थे कि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के दूसरे चरण में 31 मई तक सभी लंबित सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा प्रकरणों का निराकरण कर दिया जाए. साथ ही सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि आगामी दो हफ्ते तक अपने-अपने क्षेत्र के भ्रमण पर रहें और एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आर आई, पटवारी के हाथ में हर गांव में लंबित सीएम हेल्पलाइन व राजस्व प्रकरणों की सूची रहे.
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कार्रवाई के दिए निर्देश: वहीं CM हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निराकरण 31 मई तक नहीं होने पर संबंधित तहसीलदार, नायब तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए थे. दी गई डेड लाइन को निकले एक सप्ताह हो गया है, लेकिन नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा प्रकरण की पेंडेंसी अब भी बरकरार है. अब ऐसे में अधिकारियों पर कार्रवाई होना लगभग तय है. बहरहाल ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने भी राजस्व अधिकारियों को CM हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के लिये संबंधित शिकायतकताओं को खुद फोन करने से लेकर सामूहिक गूगल मीट करने के दिशा-निर्देश दिए थे. गुम रिकार्ड के लिए भी जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने और नया रिकार्ड भी तैयार करने के लिए कहा गया था और जिन प्रकरणों में रिकार्ड नहीं मिल रहा है. उसकी जवाबदेही तय कर संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश थे.