ग्वालियर। जिले में एक हजार बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था. शुरुआती दौर में काम तेजी से शुरू हुआ, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसकी रफ्तार धीमी होती गई. मौजूदा स्थिति देखकर यह कह पाना मुश्किल है कि जल्द ही अस्पताल शुरू हो जाएगा. अस्पताल का अभी भी काफी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अस्पताल के सी-ब्लॉक को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे. जहां कम से कम 500 लोगों को विषम परिस्थितियों में भर्ती कराया जा सके. इसके बाद भी अस्पताल के निर्माण कार्य में कोई तेजी नहीं आ सकी है.
ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने पीआईयू के अधिकारियों के साथ निर्माणाधीन अस्पताल का निरीक्षण भी किया है. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कम से कम 200 बिस्तरों की सुविधा वाला अस्पताल फिलहाल तैयार करा दिया जाए. अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने लोक निर्माण विभाग एवं पीआईयू के अधिकारियों से लेटलतीफी पर नाराजगी जताई है.
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अस्पताल निर्णाण का काफी काम अभी भी अधूरा पड़ा है. निर्माणाधीन अस्पताल में सिर्फ बिल्डिंग स्ट्रक्चर का काम लगभग पूरा हुआ है. वातानुकूलित संयंत्र, लैबोरेट्री सहित ऑक्सीजन प्लांट अभी लगाना बाकी है. इसके अलावा फर्नीचर का काम भी रह गया है. इन्हीं कारणों को देखते हुए निर्माणाधीन अस्पताल के फिलहाल शुरू होने के आसार नहीं हैं. लेकिन चिकित्सा अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही 200 बिस्तरों वाले अस्पताल का कार्य पूरा करा लिया जाएगा.
बिल्डिंग इंचार्ज ने पीआईयू के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया है. इस दौरान यह जानकारी ली गई है कि आखिर 200 बिस्तर वाला अस्पताल कितने दिन में तैयार हो जाएगा. अभी भी अस्पताल का काफी निर्माण कार्य बचा हुआ है. ऑक्सीजन, एसी समेत अन्य व्यवस्था पर भी ध्यान देना है. एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसके अनुसार आगे की मॉनिटरिंग होगी.
-डॉ.आर.के धाकड़, अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक, जयारोग्य अस्पताल समूह