ग्वालियर। मामला पीडब्ल्यूडी के दिवंगत कर्मचारी की पत्नी से जुड़ा है, जो भुगतान को लेकर पिछले कई सालों से परेशान हो रही थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने तत्कालीन भिंड कलेक्टर और इंदौर के मौजूदा कलेक्टर इलैया राजा टी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद महिला को विभाग की ओर से यह बकाया राशि दे दी गई. अब लोक निर्माण विभाग ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ जारी 25 हजार रुपये के जमानती वारंट को खारिज किया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है.
25 हजार रुपये के जमानती वारंट से किया तलबः लोक निर्माण विभाग के दिवंगत कर्मचारी जीएस भदौरिया के बकाया भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अदालत ने तत्कालीन भिंड कलेक्टर को 25 हजार रुपये के जमानती वारंट से तलब किया तो कर्मचारी की पत्नी राधा भदौरिया को बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया. इस मामले में एक शपथ पत्र भी हाईकोर्ट में पेश किया गया है, जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता को बकाया लगभग 5 लाख रुपये की राशि का भुगतान कर दिया गया है. ऐसे में भिंड कलेक्टर के खिलाफ जारी जमानती वारंट निरस्त किया जाए.
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8.15 लाख रुपये का किया भुगतानः गौरतलब है कि दिवंगत कर्मचारी की पत्नी राधा देवी को श्रम विभाग के द्वारा स्वीकृत की गई राशि 8.15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. पूर्व में 2016 में सिर्फ 3.14 लाख का ही भुगतान किया गया था. इसी को लेकर राधा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर को इस मामले में आदेश दिए थे कि कर्मचारी का बकाया भुगतान 2 महीने के भीतर किया जाए, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निर्देशों का पालन नहीं किया था. इसे लेकर हाईकोर्ट में राधा देवी द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था.