ग्वालियर। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की तैयारियों के लिए ग्वालियर नगर निगम के पास में नए टिपर और सेकेंडरी वेस्ट वाहन आ चुके हैं, लेकिन ये गाड़ियां डिपो से बाहर ही नहीं निकल पा रही हैं क्योंकि ड्राइवर मौजूद ही नहीं है. ऐसा इसलिए कि एक दो नहीं लगभग दो दर्जन ड्राइवर वेतन नगर निगम से ले रहे हैं और सेवा शहर के माननीय की गाड़ी चलाकर कर रहे हैं. ऐसे में शहर से कचरा कलेक्शन नहीं हो पा रहा है मामले का खुलासा होने पर अब निगम के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में जांच की बात कह रहे हैं.
माननीय की सेवा में निगम के ड्राइवर: स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में अच्छी रैंक पाने के लिए ग्वालियर नगर निगम लाख तैयारी करने के दावे कर ले, लेकिन हकीकत बड़ी चौंकाने वाली है क्योंकि शहर में कचरा कलेक्शन का काम ठप्प हो गया है. कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ियां डिपो में खड़ी-खड़ी डिपो की शोभा बढ़ा रही है. क्योंकि दो दर्जन ड्राइवर इन कचरा कलेक्शन गाड़ियों को छोड़ माननीय की गाड़ी चलाने में व्यस्त हैं और वेतन नगर निगम से ले रहे हैं. मामले का खुलासा होने पर विपक्ष और सत्तापक्ष स्वीकार कर रहा है कि निगम के ड्राइवर किसी दूसरी जगह गाड़ी चला रहे है. पूर्व में एमआईसी सदस्य और नेताओं के यहां ड्राइवर मौजूद थे लेकिन 2020 में परिषद भंग होने के बाद आखिर ड्राइवर इस बीच कहां और किस की सेवा में रहे यह जांच का विषय है जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
Also Read |
निगम कमिश्नर को नहीं है जानकारी: ग्वालियर नगर निगम के नवनियुक्त कमिश्नर हर्ष सिंह का कहना है कि यह बात सही है कि हमारे कुछ ड्राइवर दूसरी जगह सेवा दे रहे हैं उन्हें वापस बुलाया जा रहा है, लेकिन माननीय की सेवा में लगे दो दर्जन ड्राइवरों के बारे में निगम कमिश्नर का कहना है आपके पास कोई सूची हो तो हमें दीजिए. कमिश्नर का यह सवाल अपने आप में ही सवाल खड़ा करता है कि निगम के मुखिया को ही अपने कर्मचारियों की जानकारी नहीं है.
ग्वालियर नगर निगम के पास में स्वच्छता कार्य के लिए 220 टिपर वाहन, 111 सेकंड्री वेस्ट वाहन और डंपर, जेसीबी, पोकलेन जैसी 85 बड़ी गाड़ियां हैं लेकिन इन गाड़ियों को चलाने के लिए फिलहाल सिर्फ 210 ड्राइवर मौजूद हैं. निगम के बाड़े में नए वाहन आने के बाद में जब ड्राइवरों की आवश्यकता पड़ी, तो इनकी जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि 10 ड्राइवर ऐसे हैं, जो अपना मूल कार्य छोड़कर सिफारिशों के जरिए जनमित्र केंद्रों सहित टाइम कीपर के पद पर पहुंच गए. साथ ही 21 ऐसे ड्राइवरों के नाम सामने आए जो लंबे समय से बीजेपी कांग्रेस नेताओं की ड्यूटी में लगे हुए हैं.