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Gwalior Municipal Corporation: मेयर के कार्य और कार्यकाल पर खींचतान, जाने कैसे रहे बीते 6 माह

ग्वालियर नगर निगम चुनाव में 57 साल बाद कांग्रेस की डॉक्टर शोभा सिकरवार ने महापौर का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया था. अब उन्हें इस पद रहते हुए छह माह बीच चुके हैं. उनके कार्यकाल को लेकर जहां भाजपा अंगुली उठा रही है तो वहीं दूसरी ओर मेयर ने अपने कार्यकाल और कार्यों पर संतोष व्यक्त किया है.

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मेयर के कार्य और कार्यकाल पर खींचतान
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Published : Feb 13, 2023, 3:27 PM IST

मेयर के कार्य और कार्यकाल पर खींचतान

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सबसे हॉट सीट ग्वालियर नगर निगम की नई मेयर डॉ. शोभा सिकरवार को पदभार संभाले हुए छह माह बीत गए हैं.अगस्त को डॉ. सिकरवार ने अपनी नगर सरकार प्रमुख का जिम्मा संभाला था और चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ करते समय एक वचन पत्र जारी किया था. जिसमें लोगों को भरोसा दिलाया गया था कि अगर उन्हें चुना गया तो वे शहर के लोगों के जीवन स्तर में बदलाव कर देंगी. ग्वालियर मतदाताओं ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया और लगभग 57 वर्ष बाद बीजेपी के अभेद्य सियासी किले को ढहा दिया. यहां साढ़े पांच दशक बाद कांग्रेस की मेयर बनी और उसी की नगर निगम सरकार. हम जानते है इस नई नगर निगम सरकार और मेयर का छह माह का कार्यकाल कैसा रहा?

यहां के निगम चुनाव ने बीजेपी को कई दिग्गज नेता दिएः ग्वालियर नगर निगम शुरू से ही बीजेपी का गढ़ रहा है. यहां 57 साल से अपना मेयर बनाने का सपना ही देख रही थी. इस नगर निगम ने बीजेपी को नरेंद्र सिंह तोमर, विवेक नारायण शेजवलकर, माया सिंह और नारायण सिंह कुशवाह सहित अनेक नेता दिए है. हालत ये है कि यहां तो नगर निगम के भवन का नाम भी बीजेपी के नेता नारायण कृष्ण शेजवलकर के नाम पर है. वैसे तो ग्वालियर नगर निगम 1967 से जनसंघ और बीजेपी का गढ़ रहा है. माना जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस यहां पूरी तरह खत्म हो गई है. लिहाजा यहां का मेयर का चुनाव इकतरफा हो जाएगा. अगस्त में जब ग्वालियर नगर निगम के चुनाव परिणाम आये थे, तो उसने पूरे देश को चौंका दिया. यहां कांग्रेस की डॉ. शोभा सिकरवार ने बीजेपी की श्रीमती सुमन शर्मा को 28 हजार मतों के भारी अंतर से हराकर एक इतिहास रच दिया.

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डॉ. शोभा ने विगत 1 अगस्त को ली थी शपथः डॉ. शोभा सिकरवार ने एक अगस्त को मेयर पद की शपथ ली. उन्होंने तब अपने संक्षिप्त भाषण में कहा था कि वे अपने संकल्प पत्र में दिए गए वादों को पूरा करने में पूरी जान झोंकेंगी और शहर स्वच्छ और सुंदर हो इसके लिए प्रयास भी करेंगी. वे शपथ लेने के बाद सीधे दलित बस्ती में गई थी और झाड़ू लगाकर स्वच्छता के अपने संकल्प को दोहराया भी था. मतदान के कुछ दिन पहले ही ग्वालियर के शहर जिला कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस ने मेयर पद के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया था. जिसमें प्रदेश प्रभारी मुकेश नायक, प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक सिंह और शहर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा मौजूद रहे थे. इसमें कहा गया था कि हम शहर विकास के लिए दस साल के लिए योजना बनाएंगे.

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मेयर को अपने कार्यकल पर संतोषः ग्वालियर शहर में चारो तरफ सड़कें खुदी पड़ीं हैं. इनको लेकर ऊर्जामंत्री ने चप्पल पहनना छोड़कर इनकी चर्चा देश भर में करवा दी. हालांकि बाद में उन्होंने तो चप्पल पहन ली, लेकिन सड़कों की हालत वैसी ही रही. मेयर डॉ. शोभा सिकरवार अपने छह माह के कार्यकाल पर संतोष जताती हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कहा कि काम को लेकर मैं पूरी तरह से जनता भी सहयोग कर रही हैं. समय-समय पर कार्य हो भी रहे है. हमने छह महीने में कई समस्याओं से निजात पाई है, जैसे सीवर की समस्या है. इसके अलावा अनेक इलाको में पेयजल की समस्या थी वह ठीक कराई. उनका दावा है कि स्वच्छता को लेकर पहले दिन से ही काम कर रहे हैं.

हमने अपनी तरफ से जलकर माफ कर दिया-डॉ. शोभाः जलकर माफी के मामले के पेंडिंग होने के मामले पर मेयर का कहना है कि सम्पति कर माफी के संकल्प के पालन में हमने इसे एमआईसी से पास करके परिषद में भेज दिया है.अब परिषद को देखना है. अगर वे नहीं करते तो ये बड़ा दुर्भाग्य ही होगा और उनका चेहरा बेनकाब हो जाएगा. इससे साबित हो जाएगा कि बीजेपी सरकार जनता के हित में भी काम नही करना चाहती है. हमने तो अपनी तरफ से जलकर माफ कर दिया है. इसी तरह गार्बेज शुल्क को लेकर उनका कहना है कि इसको लेकर भी जल्द से जल्द निर्णय हो जाएगा. वहीं बीजेपी प्रवक्ता डॉ. आशीष अग्रवाल का कहना है कि कभी-कभी भ्रामक प्रचार से जनता बहक जाती है तो परिणाम इस तरह के आते हैं. इस तरह के परिणामों के बाद सदैव जनता ने समझा कि बीजेपी की सरकार और जन प्रतिनिधि ही बेहतर थे. 15 माह की कमलनाथ की सरकार में जिस तरह की वादाखिलाफी,अत्याचार और भृष्टाचार सबने देखे, यही स्थिति आज ग्वालियर नगर निगम की है.

मेयर के कार्य और कार्यकाल पर खींचतान

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सबसे हॉट सीट ग्वालियर नगर निगम की नई मेयर डॉ. शोभा सिकरवार को पदभार संभाले हुए छह माह बीत गए हैं.अगस्त को डॉ. सिकरवार ने अपनी नगर सरकार प्रमुख का जिम्मा संभाला था और चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ करते समय एक वचन पत्र जारी किया था. जिसमें लोगों को भरोसा दिलाया गया था कि अगर उन्हें चुना गया तो वे शहर के लोगों के जीवन स्तर में बदलाव कर देंगी. ग्वालियर मतदाताओं ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया और लगभग 57 वर्ष बाद बीजेपी के अभेद्य सियासी किले को ढहा दिया. यहां साढ़े पांच दशक बाद कांग्रेस की मेयर बनी और उसी की नगर निगम सरकार. हम जानते है इस नई नगर निगम सरकार और मेयर का छह माह का कार्यकाल कैसा रहा?

यहां के निगम चुनाव ने बीजेपी को कई दिग्गज नेता दिएः ग्वालियर नगर निगम शुरू से ही बीजेपी का गढ़ रहा है. यहां 57 साल से अपना मेयर बनाने का सपना ही देख रही थी. इस नगर निगम ने बीजेपी को नरेंद्र सिंह तोमर, विवेक नारायण शेजवलकर, माया सिंह और नारायण सिंह कुशवाह सहित अनेक नेता दिए है. हालत ये है कि यहां तो नगर निगम के भवन का नाम भी बीजेपी के नेता नारायण कृष्ण शेजवलकर के नाम पर है. वैसे तो ग्वालियर नगर निगम 1967 से जनसंघ और बीजेपी का गढ़ रहा है. माना जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस यहां पूरी तरह खत्म हो गई है. लिहाजा यहां का मेयर का चुनाव इकतरफा हो जाएगा. अगस्त में जब ग्वालियर नगर निगम के चुनाव परिणाम आये थे, तो उसने पूरे देश को चौंका दिया. यहां कांग्रेस की डॉ. शोभा सिकरवार ने बीजेपी की श्रीमती सुमन शर्मा को 28 हजार मतों के भारी अंतर से हराकर एक इतिहास रच दिया.

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डॉ. शोभा ने विगत 1 अगस्त को ली थी शपथः डॉ. शोभा सिकरवार ने एक अगस्त को मेयर पद की शपथ ली. उन्होंने तब अपने संक्षिप्त भाषण में कहा था कि वे अपने संकल्प पत्र में दिए गए वादों को पूरा करने में पूरी जान झोंकेंगी और शहर स्वच्छ और सुंदर हो इसके लिए प्रयास भी करेंगी. वे शपथ लेने के बाद सीधे दलित बस्ती में गई थी और झाड़ू लगाकर स्वच्छता के अपने संकल्प को दोहराया भी था. मतदान के कुछ दिन पहले ही ग्वालियर के शहर जिला कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस ने मेयर पद के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया था. जिसमें प्रदेश प्रभारी मुकेश नायक, प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक सिंह और शहर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा मौजूद रहे थे. इसमें कहा गया था कि हम शहर विकास के लिए दस साल के लिए योजना बनाएंगे.

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मेयर को अपने कार्यकल पर संतोषः ग्वालियर शहर में चारो तरफ सड़कें खुदी पड़ीं हैं. इनको लेकर ऊर्जामंत्री ने चप्पल पहनना छोड़कर इनकी चर्चा देश भर में करवा दी. हालांकि बाद में उन्होंने तो चप्पल पहन ली, लेकिन सड़कों की हालत वैसी ही रही. मेयर डॉ. शोभा सिकरवार अपने छह माह के कार्यकाल पर संतोष जताती हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कहा कि काम को लेकर मैं पूरी तरह से जनता भी सहयोग कर रही हैं. समय-समय पर कार्य हो भी रहे है. हमने छह महीने में कई समस्याओं से निजात पाई है, जैसे सीवर की समस्या है. इसके अलावा अनेक इलाको में पेयजल की समस्या थी वह ठीक कराई. उनका दावा है कि स्वच्छता को लेकर पहले दिन से ही काम कर रहे हैं.

हमने अपनी तरफ से जलकर माफ कर दिया-डॉ. शोभाः जलकर माफी के मामले के पेंडिंग होने के मामले पर मेयर का कहना है कि सम्पति कर माफी के संकल्प के पालन में हमने इसे एमआईसी से पास करके परिषद में भेज दिया है.अब परिषद को देखना है. अगर वे नहीं करते तो ये बड़ा दुर्भाग्य ही होगा और उनका चेहरा बेनकाब हो जाएगा. इससे साबित हो जाएगा कि बीजेपी सरकार जनता के हित में भी काम नही करना चाहती है. हमने तो अपनी तरफ से जलकर माफ कर दिया है. इसी तरह गार्बेज शुल्क को लेकर उनका कहना है कि इसको लेकर भी जल्द से जल्द निर्णय हो जाएगा. वहीं बीजेपी प्रवक्ता डॉ. आशीष अग्रवाल का कहना है कि कभी-कभी भ्रामक प्रचार से जनता बहक जाती है तो परिणाम इस तरह के आते हैं. इस तरह के परिणामों के बाद सदैव जनता ने समझा कि बीजेपी की सरकार और जन प्रतिनिधि ही बेहतर थे. 15 माह की कमलनाथ की सरकार में जिस तरह की वादाखिलाफी,अत्याचार और भृष्टाचार सबने देखे, यही स्थिति आज ग्वालियर नगर निगम की है.

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