ETV Bharat / state

Gwalior Court decision चुनावी रंजिश में दलित की हत्या, टीचर प्रमोद दुबे को उम्रकैद, आरोप से भाजपा विधायक शुक्ला बरी

author img

By

Published : Dec 9, 2022, 4:11 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 4:17 PM IST

ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट ने दलित की हत्या मामले में एक सरकारी टीचर को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही 10 हजार का जुर्माना लगाया है. वहीं सबूतों के अभाव में बिजावर के भाजपा विधायक राजेश शुक्ला और तीन अन्य लोगों को बरी कर दिया गया.

Life imprisonment to teacher Pramod Dubey
टीचर प्रमोद दुबे को उम्रकैद

ग्वालियर। चुनावी रंजिश में दलित दंपत्ति पर हमला करने और ग्रामीण की हत्या के मामले में कोर्ट ने 12 साल बाद फैसला सुनाया है. एमपी एमएलए कोर्ट ने बिजावर के भाजपा विधायक राजेश शुक्ला (BJP MLA rajesh Shukla acquitted) और तीन अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. लेकिन इस मामले में प्राइमरी टीचर प्रमोद दुबे को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है, उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि यह घटना छतरपुर जिले में हुई थी.

दलित की हत्या मामले में कोर्ट का फैसला

चुनावी रंजिश में दंपत्ति पर किया था हमला: शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि छतरपुर जिले में 9 जुलाई 2010 को आरोपी प्रमोद दुबे तथा अन्य लोगों ने दलित कन्हैया लाल अहिरवार और उसकी पत्नी सुनिया बाई पर उपसरपंच के चुनाव में अपने प्रत्याशी को वोट नहीं देने पर जानलेवा हमला कर दिया था, इसमें गोली लगने से कन्हैया लाल अहिरवार की मौत हो गई थी, जबकि उसकी पत्नी को 3 बदमाशों ने घायल कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में विधायक बिजावर राजेश शुक्ला, प्रमोद दुबे, पुष्पेंद्र अवस्थी, अखंड प्रताप और वेद प्रकाश पाठक को आरोपी बनाया था. लेकिन हत्या का अपराध सिर्फ प्रमोद दुबे पर ही सिद्ध हो सका. जबकि भाजपा के बिजावर विधायक राजेश शुक्ला सहित अन्य लोगों को बरी कर दिया गया.

Jabalpur HC का फैसला, दो बालिग कर सकते हैं अंतरजातीय विवाह

10 हजार का जुर्माना लगाया: प्रमोद दुबे प्राथमिक टीचर है, उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस मामले में ग्वालियर जेल में बंद शिक्षक प्रमोद दुबे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि अखंड प्रताप सिंह छतरपुर जेल से वीसी के माध्यम से जुड़े, अन्य तीन आरोपी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित थे. राजेश कुमार शुक्ला वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए थे.

ग्वालियर। चुनावी रंजिश में दलित दंपत्ति पर हमला करने और ग्रामीण की हत्या के मामले में कोर्ट ने 12 साल बाद फैसला सुनाया है. एमपी एमएलए कोर्ट ने बिजावर के भाजपा विधायक राजेश शुक्ला (BJP MLA rajesh Shukla acquitted) और तीन अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. लेकिन इस मामले में प्राइमरी टीचर प्रमोद दुबे को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है, उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि यह घटना छतरपुर जिले में हुई थी.

दलित की हत्या मामले में कोर्ट का फैसला

चुनावी रंजिश में दंपत्ति पर किया था हमला: शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि छतरपुर जिले में 9 जुलाई 2010 को आरोपी प्रमोद दुबे तथा अन्य लोगों ने दलित कन्हैया लाल अहिरवार और उसकी पत्नी सुनिया बाई पर उपसरपंच के चुनाव में अपने प्रत्याशी को वोट नहीं देने पर जानलेवा हमला कर दिया था, इसमें गोली लगने से कन्हैया लाल अहिरवार की मौत हो गई थी, जबकि उसकी पत्नी को 3 बदमाशों ने घायल कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में विधायक बिजावर राजेश शुक्ला, प्रमोद दुबे, पुष्पेंद्र अवस्थी, अखंड प्रताप और वेद प्रकाश पाठक को आरोपी बनाया था. लेकिन हत्या का अपराध सिर्फ प्रमोद दुबे पर ही सिद्ध हो सका. जबकि भाजपा के बिजावर विधायक राजेश शुक्ला सहित अन्य लोगों को बरी कर दिया गया.

Jabalpur HC का फैसला, दो बालिग कर सकते हैं अंतरजातीय विवाह

10 हजार का जुर्माना लगाया: प्रमोद दुबे प्राथमिक टीचर है, उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस मामले में ग्वालियर जेल में बंद शिक्षक प्रमोद दुबे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में मौजूद रहे, जबकि अखंड प्रताप सिंह छतरपुर जेल से वीसी के माध्यम से जुड़े, अन्य तीन आरोपी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित थे. राजेश कुमार शुक्ला वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए थे.

Last Updated : Dec 9, 2022, 4:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.