ग्वालियर। मंगलवार दोपहर सड़क दुर्घटना में घायल हुए नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया का डॉक्टरों की टीम ने हेल्थ अपडेट जारी किया है. डॉक्टरों ने मंत्री ओपीएस भदौरिया को पूर्णता स्वस्थ बताया है. इधर मंत्री के घायल होने की सूचना मिलने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बिरला अस्पताल पहुँचे. उन्होंने मंत्री भदौरिया एवं उनके सहयोगी स्टाफ का बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश अस्पताल प्रबंधन को दिए. इसके बाद सिंधिया अस्पताल से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
बेहतर इलाज के दिए निर्देश: सिंधिया ने बताया कि ''राज्य मंत्री भदौरिया को सिर में चोट आई है, जिसका उपचार किया जा रहा है. वे पूरी तरह खतरे से बाहर हैं.'' अस्पताल पहुंचने से पहले सिंधिया ने मोबाइल फोन से बिरला हॉस्पिटल प्रबंधन को जल्द से जल्द इलाज के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए. साथ ही अपना भ्रमण कार्यक्रम बीच में छोड़कर वे सीधे बिरला हॉस्पिटल पहुंचे. सिंधिया ने बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों से बातचीत की और कहा कि आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली भी इलाज के लिए भिजवा सकते हैं.
मंत्री के वाहन की ट्रैक्टर से टक्कर: बता दें कि ओपीएस भदौरिया का वाहन मंगलवार को भिंड जिले के अंतर्गत मालनपुर के समीप एक अनियंत्रित ट्रैक्टर से टकरा गया. जिससे भदौरिया व उनके साथ वाहन में सवार दो अन्य व्यक्तियों को चोटें आई हैं. राज्य मंत्री भदौरिया व उनके साथ घायल हुए लोगों को बिरला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, सभी लोग खतरे से बाहर हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मंत्री पूर्णता स्वस्थ हैं. सिर में चोट आने के कारण उनका सर्जिकल ट्रीटमेंट किया गया है, साथ ही सिर में कुछ टांके भी लिए गए हैं. सर्जिकल ट्रीटमेंट के बाद मंत्री पीएस भदौरिया को आईसीयू में शिफ्ट किया गया. 24 घंटे के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
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चंबल परियोजना का 3 चरणों में होगा काम: चंबल से पानी लाने के सवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ''यह योजना 3 चरणों में मूर्त रूप लेगी. फिलहाल चंबल से ग्वालियर पानी लाने की योजना को कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है. जबकि बांध से ओवरहेड टैंक तक पानी पहुंचाने की योजना एवं ओव्हर हैड टैंक से लोगों के घर-घर तक पानी की लाइन बिछाने की योजना पर डीपीआर (Detailed Project Report) बनाई जा रही है, जिसे शीघ्र ही मंजूरी मिल जाएगी. यह परियोजना लगभग 1100 करोड़ से ज्यादा की है. लेकिन इस योजना के अमलीजामा पहनने के बाद ग्वालियर में पेयजल की समस्या का दीर्घ काल के लिए हल हो सकेगा.''