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Gwalior High Court: पिछले सत्र की नर्सिंग प्रवेश परीक्षा अब कराने पर सवाल,अतिरिक्त महाधिवक्ता से मांगा जवाब - अतिरिक्त महाधिवक्ता से मांगा जवाब

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नर्सिंग एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर अचरज जताया है कि जब सत्र 2022-23 की अवधि खत्म हो चुकी है, तब जुलाई में इसकी प्रवेश परीक्षा कराने का क्या औचित्य है. जबकि मेडिकल यूनिवर्सिटी पहले ही 2023-24 की परीक्षा को शून्य घोषित कर चुकी है.

Gwalior High Court
पिछले सत्र की नर्सिंग प्रवेश परीक्षा को अब आयोजित कराने पर सवाल
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Published : Jul 11, 2023, 7:04 PM IST

पिछले सत्र की नर्सिंग प्रवेश परीक्षा को अब आयोजित कराने पर सवाल

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने कहा कि नर्सिंग काउंसिल एवं मेडिकल यूनिवर्सिटी अपनी मनमानी पर उतारू हैं. वह कभी भी कुछ न कुछ ऐसा कर रहे हैं जो कानून के खिलाफ है. बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है. हाई कोर्ट पहले ही नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा चुका है. बावजूद इसके पिछले सत्र की प्रवेश परीक्षा को अब कराने का क्या औचित्य रह जाता है. हाईकोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी की से जवाब तलब किया है. इस मामले पर सुनवाई अब बुधवार को फिर से हाई कोर्ट में होगी.

.. तो मुख्य सचिव को तलब करेंगे : गौरतलब है कि मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर सरकारी कॉलेजों में सत्र 2022 -23 के लिए प्री नर्सिंग चयन परीक्षा कराई गई. जिस पर जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर हुई है. हाईकोर्ट ने इस पर सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि सरकारी रवैये में बदलाव नहीं आया तो उन्हें मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को तलब करना पड़ सकता है.

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कोर्ट में ये जानकारी दी : कोर्ट में बताया गया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर बीएससी नर्सिंग प्रोग्राम 1 अगस्त 2022 से शुरू करने और प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की थी. बाद में इसे नोटिफिकेशन जारी करके 31 अक्टूबर 2022 कर दिया था. 7 से 9 जुलाई के बीच में आयोजित हुई सरकारी कॉलेजों की एक हजार से ज्यादा सीट के लिए 66 हजार अभ्यर्थियों में हिस्सा लिया था. इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने जानकारी दी.

पिछले सत्र की नर्सिंग प्रवेश परीक्षा को अब आयोजित कराने पर सवाल

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने कहा कि नर्सिंग काउंसिल एवं मेडिकल यूनिवर्सिटी अपनी मनमानी पर उतारू हैं. वह कभी भी कुछ न कुछ ऐसा कर रहे हैं जो कानून के खिलाफ है. बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है. हाई कोर्ट पहले ही नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा चुका है. बावजूद इसके पिछले सत्र की प्रवेश परीक्षा को अब कराने का क्या औचित्य रह जाता है. हाईकोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी की से जवाब तलब किया है. इस मामले पर सुनवाई अब बुधवार को फिर से हाई कोर्ट में होगी.

.. तो मुख्य सचिव को तलब करेंगे : गौरतलब है कि मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर सरकारी कॉलेजों में सत्र 2022 -23 के लिए प्री नर्सिंग चयन परीक्षा कराई गई. जिस पर जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर हुई है. हाईकोर्ट ने इस पर सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि सरकारी रवैये में बदलाव नहीं आया तो उन्हें मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को तलब करना पड़ सकता है.

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