ETV Bharat / state

Gwalior High Court स्वर्ण रेखा नदी के मामले में कमेटी गठित, 8 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट - हाईकोर्ट ने कमेटी का गठन किया

स्वर्ण रेखा नदी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी 8 सप्ताह के अंदर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.

Committee constituted in matter of swarn Rekha river
स्वर्ण रेखा नदी के मामले में कमेटी गठित
author img

By

Published : Feb 23, 2023, 5:10 PM IST

स्वर्ण रेखा नदी के मामले में कमेटी गठित

ग्वालियर। स्वर्ण रेखा के प्राचीन स्वरूप को वापस लाने के लिए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वर्ण रेखा नदी जो अब नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है, उसे सीमेंट कंक्रीट से पूरी तरह से कवर कर दिया गया है. इस कारण बारिश का पानी बहकर शहर से बाहर चला जाता है. जबकि शहर के जल स्रोत सूख रहे हैं. याचिका में मांग की गई है कि स्वर्ण रेखा को पुराने स्वरूप में लौटाया जाए. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

याचिका में ये दलीलें : याचिका में कहा गया है कि पहले जब स्वर्णरेखा नदी के आसपास सीमेंट कांक्रीटकरण नहीं हुआ था, तब शहर का जलस्तर अच्छा था और लोगों को अपने रोजमर्रा के कामों के साथ ही सिंचाई के लिए पानी मिल जाता था. लेकिन अब यह पानी नहीं मिल पा रहा है और बारिश का पानी जमा होकर शहर से बाहर चला जाता है. जिसका कोई उपयोग नहीं रह जाता है. वहीं केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर स्वर्ण रेखा नदी के किनारे 1000 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण कर रही हैं. इसके लिए पानी कहां से आएगा, इसके बारे मे सोचने की किसी के पास फुर्सत नहीं है.

MP High Court लॉकअप में ग्रामीण की मौत की जांच CBI को सौंपी, पीड़ित पक्ष को 20 लाख मुआवजे का आदेश

अगली सुनवाई 2 माह बाद : हाईकोर्ट के अधिवक्ता विश्वजीत रतोनिया द्वारा दायर जनहित याचिका में उन्होंने कहा है कि स्वर्ण रेखा नदी के पुराने स्वरूप को लौटाया जाए, जिससे पानी का संरक्षण हो सके. हनुमान बांध से लेकर बानमोर की सांक नदी तक स्वर्णरेखा में जल संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाए. हाईकोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी की अध्यक्षता में दीपक खोत की एक समिति गठित कर दी है. इस समिति को 8 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करना है.इसमें जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव केंद्रीय जल नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी भी जल स्तर को बढ़ाने संबंधी अपनी ओपिनियन एवं निरीक्षण करने के आदेश हाईकोर्ट ने कमेटी को दिए हैं. अब इस मामले पर सुनवाई 2 महीने बाद नियत की गई है.

स्वर्ण रेखा नदी के मामले में कमेटी गठित

ग्वालियर। स्वर्ण रेखा के प्राचीन स्वरूप को वापस लाने के लिए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वर्ण रेखा नदी जो अब नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है, उसे सीमेंट कंक्रीट से पूरी तरह से कवर कर दिया गया है. इस कारण बारिश का पानी बहकर शहर से बाहर चला जाता है. जबकि शहर के जल स्रोत सूख रहे हैं. याचिका में मांग की गई है कि स्वर्ण रेखा को पुराने स्वरूप में लौटाया जाए. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

याचिका में ये दलीलें : याचिका में कहा गया है कि पहले जब स्वर्णरेखा नदी के आसपास सीमेंट कांक्रीटकरण नहीं हुआ था, तब शहर का जलस्तर अच्छा था और लोगों को अपने रोजमर्रा के कामों के साथ ही सिंचाई के लिए पानी मिल जाता था. लेकिन अब यह पानी नहीं मिल पा रहा है और बारिश का पानी जमा होकर शहर से बाहर चला जाता है. जिसका कोई उपयोग नहीं रह जाता है. वहीं केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर स्वर्ण रेखा नदी के किनारे 1000 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण कर रही हैं. इसके लिए पानी कहां से आएगा, इसके बारे मे सोचने की किसी के पास फुर्सत नहीं है.

MP High Court लॉकअप में ग्रामीण की मौत की जांच CBI को सौंपी, पीड़ित पक्ष को 20 लाख मुआवजे का आदेश

अगली सुनवाई 2 माह बाद : हाईकोर्ट के अधिवक्ता विश्वजीत रतोनिया द्वारा दायर जनहित याचिका में उन्होंने कहा है कि स्वर्ण रेखा नदी के पुराने स्वरूप को लौटाया जाए, जिससे पानी का संरक्षण हो सके. हनुमान बांध से लेकर बानमोर की सांक नदी तक स्वर्णरेखा में जल संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाए. हाईकोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी की अध्यक्षता में दीपक खोत की एक समिति गठित कर दी है. इस समिति को 8 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करना है.इसमें जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव केंद्रीय जल नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी भी जल स्तर को बढ़ाने संबंधी अपनी ओपिनियन एवं निरीक्षण करने के आदेश हाईकोर्ट ने कमेटी को दिए हैं. अब इस मामले पर सुनवाई 2 महीने बाद नियत की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.