ग्वालियर। कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल प्रद्युम्न सिंह तोमर, सतीश सिकरवार सहित कई राजनीतिक हस्तियों की मुश्किलें बढ़ सकती है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कोरोना गाइडलाइ के उल्लंघन मामले में सुनवाई करते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने कहा है कि, 19 अक्टूबर तक ऐसे राजनीतिक दलों, नेताओं, संस्थाओं और व्यक्तियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाए, जिन्होंने कोरोना की गाइडलाइन का उल्लंघन किया है. इस मामले की सुनवाई ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के जज शील नागू व राजीव श्रीवास्तव की पीठ ने की है. उन्होंने सुनवाई करते हुए ग्वालियर के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट को ये आदेश दिया है कि, खंडपीठ के न्याय क्षेत्र में आने वाले 7 जिलों के प्रशासकों को इस निर्देश के बारे में 14 अक्टूबर तक सूचना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से तत्काल भेज दी जाए.
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 7 जिलों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि, 3 अक्टूबर को अब तक न्याय मित्र और याचिकाकर्ताओं ने जो भी प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, उनकी स्थिति का परीक्षण करते हुए सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर सारी कार्रवाई की जानकारी उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में पेश की जाए. बता दें, कोर्ट ने 3 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया था कि, कोविड-19 की गाइडलाइन का सरकार हर हाल में पालन कराए, जिसमें मास्क, दो लोगों के बीच में 2 गज की दूरी को आवश्यक बताया गया है, इसके बावजूद राजनीतिक कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठे हो रहे हैं.
न्याय मित्र संजय द्विवेदी, राजीव शर्मा और विजय दत्त शर्मा एवं याचिकाकर्ता आशीष प्रताप सिंह ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल प्रद्युम्न सिंह तोमर, सतीश सिकरवार, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और फूल सिंह बरैया, सुनील शर्मा, रामनिवास रावत सहित राजनीतिक कार्यकर्ताओं के फोटोग्राफ और वीडियो पेश किए. कोर्ट के आदेश के बाद अब इन नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.