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Gwalior Collectorate जन सुनवाई में हंगामा, आदिवासी महिला ने अपने ऊपर डाला पेट्रोल, जानें क्या है पूरा मामला

ग्वालियर कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई चल रही थी. इसमें अचानक 50 से ज्यादा महिलाएं पहुंच गई और हंगामा शुरू कर दिया. उनका कहना है कि, उनके जाति प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए गए हैं इस कारण बच्चों को स्कूल और हॉस्टल से निकाल दिया गया. कई महीने से अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

Gwalior public hearing tribal woman hungama
ग्वालियर जन सुनवाई में हंगामा
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Published : Jan 10, 2023, 3:39 PM IST

ग्वालियर जन सुनवाई में हंगामा

ग्वालियर। जिला कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई में कुछ आदिवासी महिलाओं ने जमकर हंगामा किया. वे अपने आदिवासी जाति के प्रमाण पत्र रद्द किए जाने से नाराज हैं. उनकी पहले अधिकारियों से बहस हुई फिर एक ने अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया. इसके बाद कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया. ये महिलाएं 2 दिन पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिली थीं. प्रशासन का कहना है कि प्रमाण-पत्र उनकी मांग पर रद्द किए गए हैं. वे कन्फ्यूजन का शिकार हुईं हैं.

जनसुनवाई में हड़कंप: एक महिला ने पेट्रोल की बोतल निकाली और अपने ऊपर उड़ेल ली. देखते ही देखते जनसुनवाई कक्ष में भगदड़ मच गई. इस बीच उपस्थित लोग महिला को पकड़ने लगे. पुलिस ने जैसे तैसे जनसुनवाई कक्ष से महिला को बाहर निकाला, लेकिन महिलाएं बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दी. सूचना पाकर इलाके की और महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचकर उनके आंदोलन में शामिल होकर नारे लगाना शुरू कर दीं.

मोंगिया जाति की हैं महिलाएं : सभी महिलाएं ग्वालियर के झांसी रोड थाना इलाके में स्थित एक पहाड़ी पर रहतीं हैं. इस पहाड़ी को सिंधिया नगर कहा जाता है. इनका कहना है कि, प्रशासन उनका एससी का प्रमाण-पत्र बनाया था, लेकिन वे मोंगिया आदिवासी हैं तो उनके प्रमाण-पत्र में आदिवासी लिखा जाए. इसके बाद उनके प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए गए. नए बनाए नही जा रहें. सभी चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं.
बच्चों को स्कूल से निकाला: पेट्रोल डालने वाली महिला सुनीता मोंगिया का कहना है कि, उनके प्रमाण-पत्र रद्द होने से उनके बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है. उनको परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा. जाति प्रमाण-पत्र मांगा जा रहा है. कई बच्चे आदिमजाति हॉस्टल में रहते थे. उन्हें बाहर किया जा रहा है. 6 माह से चक्कर काट रहे हैं लेकिन अफसर भगा देते हैं.

ये कह रहे हैं अफसर : झांसी रोड इलाके के एसडीएम सीबी प्रसाद का कहना है कि, ये लोग हमसे पहले मिले थे. इनके अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे, लेकिन जांच से पता चला कि ये जनजाति में नहीं अनुसूचित जाति में आते हैं. इसलिए इनके एसटी के कास्ट सर्टिफिकेट रद्द कर दिए गए. इनसे कहा गया कि वे एससी के लिए आवेदन कर दें लेकिन वे एसटी के सर्टिफिकेट जारी करने का दवाब बना रहे हैं. जबकि हमने बताया कि दोनो को सुविधाएं समान हैं.

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सिंधिया से भी मिलीं थी महिलाएं: मोंगिया जाति की इन महिलाओं ने पिछले दिनों केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलीं थीं. जिसमें उन्होंने कहा था कि, उनकी कोई सुन नही रहा क्योंकि उनके पास कोई नेता नहीं है. इस पर सिंधिया ने कहा था कि मैं हूं ना.सिंधिया ने ये भी आश्वासन दिया था कि वे आज ही इस मामले को दिखवाते हैं. सिंधिया और इन महिलाओं के बीच का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब बायरल भी हुआ था.

ग्वालियर जन सुनवाई में हंगामा

ग्वालियर। जिला कलेक्ट्रेट में मंगलवार को जनसुनवाई में कुछ आदिवासी महिलाओं ने जमकर हंगामा किया. वे अपने आदिवासी जाति के प्रमाण पत्र रद्द किए जाने से नाराज हैं. उनकी पहले अधिकारियों से बहस हुई फिर एक ने अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया. इसके बाद कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया. ये महिलाएं 2 दिन पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिली थीं. प्रशासन का कहना है कि प्रमाण-पत्र उनकी मांग पर रद्द किए गए हैं. वे कन्फ्यूजन का शिकार हुईं हैं.

जनसुनवाई में हड़कंप: एक महिला ने पेट्रोल की बोतल निकाली और अपने ऊपर उड़ेल ली. देखते ही देखते जनसुनवाई कक्ष में भगदड़ मच गई. इस बीच उपस्थित लोग महिला को पकड़ने लगे. पुलिस ने जैसे तैसे जनसुनवाई कक्ष से महिला को बाहर निकाला, लेकिन महिलाएं बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दी. सूचना पाकर इलाके की और महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचकर उनके आंदोलन में शामिल होकर नारे लगाना शुरू कर दीं.

मोंगिया जाति की हैं महिलाएं : सभी महिलाएं ग्वालियर के झांसी रोड थाना इलाके में स्थित एक पहाड़ी पर रहतीं हैं. इस पहाड़ी को सिंधिया नगर कहा जाता है. इनका कहना है कि, प्रशासन उनका एससी का प्रमाण-पत्र बनाया था, लेकिन वे मोंगिया आदिवासी हैं तो उनके प्रमाण-पत्र में आदिवासी लिखा जाए. इसके बाद उनके प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए गए. नए बनाए नही जा रहें. सभी चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं.
बच्चों को स्कूल से निकाला: पेट्रोल डालने वाली महिला सुनीता मोंगिया का कहना है कि, उनके प्रमाण-पत्र रद्द होने से उनके बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है. उनको परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा. जाति प्रमाण-पत्र मांगा जा रहा है. कई बच्चे आदिमजाति हॉस्टल में रहते थे. उन्हें बाहर किया जा रहा है. 6 माह से चक्कर काट रहे हैं लेकिन अफसर भगा देते हैं.

ये कह रहे हैं अफसर : झांसी रोड इलाके के एसडीएम सीबी प्रसाद का कहना है कि, ये लोग हमसे पहले मिले थे. इनके अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे, लेकिन जांच से पता चला कि ये जनजाति में नहीं अनुसूचित जाति में आते हैं. इसलिए इनके एसटी के कास्ट सर्टिफिकेट रद्द कर दिए गए. इनसे कहा गया कि वे एससी के लिए आवेदन कर दें लेकिन वे एसटी के सर्टिफिकेट जारी करने का दवाब बना रहे हैं. जबकि हमने बताया कि दोनो को सुविधाएं समान हैं.

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सिंधिया से भी मिलीं थी महिलाएं: मोंगिया जाति की इन महिलाओं ने पिछले दिनों केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलीं थीं. जिसमें उन्होंने कहा था कि, उनकी कोई सुन नही रहा क्योंकि उनके पास कोई नेता नहीं है. इस पर सिंधिया ने कहा था कि मैं हूं ना.सिंधिया ने ये भी आश्वासन दिया था कि वे आज ही इस मामले को दिखवाते हैं. सिंधिया और इन महिलाओं के बीच का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब बायरल भी हुआ था.

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