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UNESCO कर रहा तैयारी, संगीत शहर के नाम से ग्वालियर को मिल सकती है पहचान

तानसेन नगरी ग्वालियर को अब विश्व भर में जल्द एक ही नई पहचान मिल सकती है. यूनेस्को की क्रिएटिव नेटवर्क की संगीत श्रेणी में शहर को संगीत शहर के तौर पर शामिल की जाने की पूरी संभावना बन रही है.

Gwalior city
ग्वालियर शहर
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Published : May 22, 2021, 12:07 PM IST

ग्वालियर। तानसेन नगरी ग्वालियर को अब विश्व भर में जल्द एक ही नई पहचान मिल सकती है. यूनेस्को की क्रिएटिव नेटवर्क की संगीत श्रेणी में शहर को संगीत शहर के तौर पर शामिल की जाने की पूरी संभावना बन गई है. इसको को लेकर आज जिला प्रशासन की भोपाल पर्यटन विभाग के साथ एक वर्चुअल बैठक है. बैठक में चर्चा होने के बाद पर्यटन विभाग इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. सभी बिंदुओं पर सहमति बनी तो विश्व शहर दिवस यानि 31 अक्टूबर को यूनेस्को, ग्वालियर को संगीत शहर की श्रेणी में शामिल होने की घोषणा कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश का पहला और देश का तीसरा संगीत शहर घोषित होगा.

सरकार द्वारा श्मशान घाटों का कराया जाए ऑडिट- Congress

पर्यटन विभाग ग्वालियर को संगीत का शहर बनाने का भेज रहे हैं प्रस्ताव

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क को पर्यटन विभाग ग्वालियर शहर को संगीत का शहर बनाने का प्रस्ताव भेज रहे हैं. इससे ग्वालियर और यहां के संगीत की विश्व भर में पहचान मिलेगी. अगर ऐसा हुआ संगीत किस शहर के नाम से पहचाने बाला ग्वालियर मध्य प्रदेश का इकलौता शहर होगा और विश्व के लोग भी ग्वालियर के संगीत की प्रसिद्धि को जान सकेंगे. ग्वालियर संगीत सम्राट तानसेन की नगरी है और यहां शुरू से ही शहर में संगीत बसता है. इसलिए इस पहचान को विश्व स्तर तक ले जाने की जरूरत है.

संगीत शहर के नाम से जाने जाते हैं चेन्नई-वाराणसी शहर

विश्व में अभी भारत के 2 शहर शामिल है. जिसमें चेन्नई और वाराणसी है. इसके अलावा विश्वभर के भी कई देश शामिल है. अगर ऐसा होता है तो ग्वालियर भी देश का तीसरा संगीत शहर बन जाएगा और प्रदेश का यह पहला संगीत शहर होगा. इसलिए आज भोपाल में वर्चुअल मीटिंग है जिसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ पर्यटन विभाग की वरिष्ठ अधिकारी जुड़ेंगे और इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजेंगे और केंद्र सरकार 10 दिन में इस पर निर्णय लेगी.

संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर

ग्वालियर शहर का सदियों से संगीत का नाता रहा है. यहां पर कई ऐसे संगीत घराने हैं, जो विश्व स्तर पर अपनी संगीत की धुन इसे ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश को गौरवान्वित करते हैं, साथ ही संगीत सम्राट तानसेन का जन्म भी इसी ग्वालियर जिले की बेहट गांव में हुआ था, साथ ही बैजू बावरा जैसी कई संगीतज्ञ यहां पर पैदा हुए थे. यही वजह है कि आज भी विश्व स्तर का संगीत कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग शामिल होते है. वहीं इस शहर में सदियों से तानसेन समारोह का आयोजन भी किया जाता है. इसमें विश्व भर से और अलग संगीतकार यहां पर आते हैं और अपनी प्रस्तुति देते हैं.

ग्वालियर। तानसेन नगरी ग्वालियर को अब विश्व भर में जल्द एक ही नई पहचान मिल सकती है. यूनेस्को की क्रिएटिव नेटवर्क की संगीत श्रेणी में शहर को संगीत शहर के तौर पर शामिल की जाने की पूरी संभावना बन गई है. इसको को लेकर आज जिला प्रशासन की भोपाल पर्यटन विभाग के साथ एक वर्चुअल बैठक है. बैठक में चर्चा होने के बाद पर्यटन विभाग इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. सभी बिंदुओं पर सहमति बनी तो विश्व शहर दिवस यानि 31 अक्टूबर को यूनेस्को, ग्वालियर को संगीत शहर की श्रेणी में शामिल होने की घोषणा कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश का पहला और देश का तीसरा संगीत शहर घोषित होगा.

सरकार द्वारा श्मशान घाटों का कराया जाए ऑडिट- Congress

पर्यटन विभाग ग्वालियर को संगीत का शहर बनाने का भेज रहे हैं प्रस्ताव

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क को पर्यटन विभाग ग्वालियर शहर को संगीत का शहर बनाने का प्रस्ताव भेज रहे हैं. इससे ग्वालियर और यहां के संगीत की विश्व भर में पहचान मिलेगी. अगर ऐसा हुआ संगीत किस शहर के नाम से पहचाने बाला ग्वालियर मध्य प्रदेश का इकलौता शहर होगा और विश्व के लोग भी ग्वालियर के संगीत की प्रसिद्धि को जान सकेंगे. ग्वालियर संगीत सम्राट तानसेन की नगरी है और यहां शुरू से ही शहर में संगीत बसता है. इसलिए इस पहचान को विश्व स्तर तक ले जाने की जरूरत है.

संगीत शहर के नाम से जाने जाते हैं चेन्नई-वाराणसी शहर

विश्व में अभी भारत के 2 शहर शामिल है. जिसमें चेन्नई और वाराणसी है. इसके अलावा विश्वभर के भी कई देश शामिल है. अगर ऐसा होता है तो ग्वालियर भी देश का तीसरा संगीत शहर बन जाएगा और प्रदेश का यह पहला संगीत शहर होगा. इसलिए आज भोपाल में वर्चुअल मीटिंग है जिसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ पर्यटन विभाग की वरिष्ठ अधिकारी जुड़ेंगे और इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजेंगे और केंद्र सरकार 10 दिन में इस पर निर्णय लेगी.

संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर

ग्वालियर शहर का सदियों से संगीत का नाता रहा है. यहां पर कई ऐसे संगीत घराने हैं, जो विश्व स्तर पर अपनी संगीत की धुन इसे ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश को गौरवान्वित करते हैं, साथ ही संगीत सम्राट तानसेन का जन्म भी इसी ग्वालियर जिले की बेहट गांव में हुआ था, साथ ही बैजू बावरा जैसी कई संगीतज्ञ यहां पर पैदा हुए थे. यही वजह है कि आज भी विश्व स्तर का संगीत कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग शामिल होते है. वहीं इस शहर में सदियों से तानसेन समारोह का आयोजन भी किया जाता है. इसमें विश्व भर से और अलग संगीतकार यहां पर आते हैं और अपनी प्रस्तुति देते हैं.

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