ग्वालियर। पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इनमें अधिकांश आरोपी चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल से संबंधित है. इसके अलावा डीएमई से जुड़े कुछ अधिकारी भी शामिल है. इधर सीबीआई ने बहस के लिए न्यायालय से समय मांगा है.
दरअसल व्यापम घोटाले में अग्रिम जमानत के लिए डॉक्टर एनएम श्रीवास्तव, डॉक्टर सिराज अहमद, डॉक्टर देवयानी पटेल, जितेंद्र केंन, डॉक्टर सागर नवानी, डॉक्टर लोकेश सोनी, अंशुल दुबे, डॉक्टर आयशा शेख, गिरीश कानेटकर, हरप्रीत अरोरा ज्योति शर्मा व अन्य ने जमानत के लिए आवेदन लगाया था. इन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने गुरुवार को विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था. इसमें कुल 57 आरोपी है. एसआईटी ने तीन आरोपी बनाए थे जबकि सीबीआई ने 57 आरोपी बनाए हैं.
आरोपियों के अधिवक्ता ने मामला पुराना होने और कुछ लोगों के कोविड-19 के संक्रमण के दौरान गिरफ्तारी का बचाव किया और उन्हें सहानुभूति पूर्वक चिकित्सक होने के नाते जमानत का लाभ देने की गुजारिश की. उधर सीबीआई के अधिवक्ताओं ने कहा कि उन्हें 439 के तहत में आरोपियों के खिलाफ बहस करने के लिए कुछ समय दिया जाए. आखिरकार न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने फैसले को रिज़र्व कर लिया है.