ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर के प्राचीन अचलेश्वर महादेव मंदिर लोक न्यास ट्रस्ट पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर सीधे तौर पर अपने अधीनस्थ एसडीएम को ट्रस्ट का पंजीयक नहीं बना सकते. साथ ही इस मामले में मुख्य सचिव को सभी कलेक्टरों को नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया है. अचलेश्वर महादेव मंदिर में हो रही आर्थिक अनियमितता को लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारी संतोष राठौर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
कोर्ट ने कलेक्टर को अचलेश्वर न्यास के संबंध में दायर सभी आवेदनों का तीन महीने में निराकरण करने का आदेश दिया है, साथ ही एसडीएम सीबी प्रसाद को आदेश के बाद भी न्यास का रिकॉर्ड कोर्ट में पेश नहीं करने का दोषी मानते हुए मुख्य सचिव और कलेक्टर अनुराग चौधरी को इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसडीएम से पूछा कि वह किस आदेश के आधार पर पंजीयक लोक न्यास का दायित्व निभा रहे हैं. जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने एक जून 2019 को प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से कार्य का विभाजन किया था. इसी आदेश के आधार पर वे बतौर पंजीयक कार्य कर रहे हैं. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में भी कई बार ये स्पष्ट किया जा चुका है कि कलेक्टर इस प्रकार एसडीएम को विशेष अधिकार नहीं दे सकते.