ग्वालियर। हिंदू महासभा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर अपनी प्रस्तावित 'गोडसे यात्रा' को निकालने पर अड़ा है. यह यात्रा ग्वालियर से दिल्ली तक निकाला जाना है. इसके लिए टू और फोर व्हीलर गाड़ियों और एक बस को दिल्ली के लिए किराए पर बुक कर लिया है. रविवार को गोडसे यात्रा दिल्ली के लिए कूच करेगी. हिंदू महासभा के विभिन्न प्रांतों से आए नेताओं ने दौलतगंज स्थित पार्टी कार्यालय में एक बैठक की. जिसमें उन्होंने प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद, अपनी यात्रा निकालने का दावा किया है. हिंदू महासभा का कहना है कि हमें किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. हम देश के महान सपूत और अखंड भारत की कल्पना के प्रणेता नाथूराम गोडसे की यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो दिल्ली में अगले दिन, सोमवार को समाप्त होगी. इसमें 17 राज्यों के हिंदू महासभा के नेता शामिल होंगे. पहले यह सब ग्वालियर आने वाले थे, लेकिन अब रास्ते की परेशानियों के चलते सीधे दिल्ली पहुंचने का निर्णय लिया है.
हिंदू महासभा निकालेगी गोडसे यात्रा, सोनिया गांधी से करेंगे मुलाकात
महात्मा गांधाी को लेकर विवादित बयान
हिंदू महासभा का कहना है कि नाथूराम गोडसे एक महान देशभक्त थे. उन्हें आतंकवादी या हत्यारा कहना सरासर गलत है. उन्होंने लाखों हिंदुओं के कत्लेआम का विरोध किया. इसी बात को लेकर उनका महात्मा गांधी से मतभेद था. गुजरात से आए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडे ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि गांधी की हत्या नहीं की गई थी बल्कि उनका वध किया गया था. जब उनसे पूछा गया कि वध शब्द का इस्तेमाल अमर्यादित और गलत है तो जवाब आया कि लोग जो भी समझें उनकी मर्जी.
गांधी के रास्ते को छोड़ें राहुल गांधी
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडे से उनके नेता और पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में जाने के संबंध में भी सवाल हुए. जवाब में उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा का कार्यकर्ता अब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी महात्मा गांधी के रास्ते पर चलना छोड़ने और सावरकर के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही महात्मा गांधी को संत की उपाधि दें, लेकिन वह भी अपनी राजनीतिक मजबूरियों से बंधे हुए हैं. हिंदू महासभा ने 15 नवंबर 2017 को अपने दौलतगंज स्थित पार्टी कार्यालय पर उनकी प्रतिमा का अनावरण कर ना सिर्फ उनकी आरती उतारी थी बल्कि प्राण प्रतिष्ठा भी की थी.
यात्रा के लिए प्रशासन ने नहीं दी लिखित अनुमति
मामले ने जब तूल पकड़ा तो प्रशासन ने गोडसे की प्रतिमा को जब्त कर उसे कोतवाली थाने में रखवा दिया, तब से यह प्रतिमा कोतवाली थाने में जब्त है. पहले हिंदू महासभा के गोडसे के साहित्य और उनसे जुड़े तथ्यों को लेकर दिल्ली जाने की यात्रा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने लिखित अनुमति देने से इंकार कर दिया. बावजूद इसके हिंदू महासभा के नेता गोडसे यात्रा निकालने की जिद पर अड़े हैं.