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चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने जताया ऐतराज, कलेक्टर ने कहा सभी मुद्दों पर करेंगे चर्चा - Gwalior Collector

चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने अड़ंगा लगा दिया है. वन विभाग का कहना है कि जरूरत के हिसाब से नदी में पानी का बहाव अभी कम है.

चंबल नदी से पानी में वन विभाग बना रोड़ा
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Published : Oct 28, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 8:32 PM IST

ग्वालियर। चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने की मांग काफी समय से चल रही है. लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है. इस मामले में वन विभाग ने दलील दी है कि यदि चंबल नदी से पानी लिया गया तो चंबल सेंचुरी में घड़ियाल और डॉल्फिन मर जाएंगे. जिसकी वजह से वन विभाग ने अभी तक इस इस प्रोजेक्ट को एनओसी नहीं दी है.

चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने जताया ऐतराज

कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि वन विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट में कई तरह की परेशानी आ रही हैं जिसके लेकर उनसे बातचीत की जा रही है, शहर में जितनी पानी की जरूरत होगी उतने पानी की व्यवस्था की जाएगी, इसके अलावा और भी मुद्दे होंगे वह भी बातचीत कर सुलझाएं जाएंगे.

बता दें कि इस साल जनवरी से लेकर अब तक ग्वालियर में चंबल प्रोजेक्ट से पानी लाने को लेकर 5 बैठकें हो चुकी है. जिनमें 28 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और 10 फरवरी को वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक की गई थी. इन तमाम प्रयासों के बावजूद यह प्रोजेक्ट अभी भी अधर में लटका हुआ है.

ग्वालियर। चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने की मांग काफी समय से चल रही है. लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है. इस मामले में वन विभाग ने दलील दी है कि यदि चंबल नदी से पानी लिया गया तो चंबल सेंचुरी में घड़ियाल और डॉल्फिन मर जाएंगे. जिसकी वजह से वन विभाग ने अभी तक इस इस प्रोजेक्ट को एनओसी नहीं दी है.

चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने जताया ऐतराज

कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि वन विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट में कई तरह की परेशानी आ रही हैं जिसके लेकर उनसे बातचीत की जा रही है, शहर में जितनी पानी की जरूरत होगी उतने पानी की व्यवस्था की जाएगी, इसके अलावा और भी मुद्दे होंगे वह भी बातचीत कर सुलझाएं जाएंगे.

बता दें कि इस साल जनवरी से लेकर अब तक ग्वालियर में चंबल प्रोजेक्ट से पानी लाने को लेकर 5 बैठकें हो चुकी है. जिनमें 28 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और 10 फरवरी को वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक की गई थी. इन तमाम प्रयासों के बावजूद यह प्रोजेक्ट अभी भी अधर में लटका हुआ है.

Intro:ग्वालियर- चंबल नदी से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर वन विभाग ने अड़ंगा लगा दिया है वन विभाग का कहना है कि जरूरत के हिसाब से नदी में पानी का बहाव अभी कम है ऐसे में यदि चंबल नदी से पानी लिया जाता है तो पानी कम होने पर चंबल सेंचुरी में घड़ियाल और डॉल्फिन मर जाएंगे। वन विभाग पहले से ही इस मामले में एनओसी अटकाये हुए था। अब यह घड़ियाल को खतरा बताकर ग्वालियर तक पानी लाने की राह में रोड़ा अटका दिया है। जबकि वन विभाग जितना पानी नदी में होने पर इन जीवों के सुरखित रहने का दावा कर रहा है इतना पानी तो नदी में अभी भी नहीं बह रहा है। जबकि उसी बहाने से राजस्थान कई क्षेत्रों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी सप्लाई ले रहा है।


Body:आपको बता दें कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक ग्वालियर में चंबल प्रोजेक्ट से पानी लाने को लेकर 5 बैठकें हो चुकी है जिनमें 28 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तो वहीं 10 फरवरी को प्रदेश के वन मंत्री एवं ग्वालियर के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक की गई थी। उसके बावजूद यह प्रोजेक्ट अभी भी अधर में लटका हुआ है इस प्रोजेक्ट को लेकर लोन स्वीकृत होने के बाद भी अफसर इस योजना को अटका ही हुए हैं। जबकि वन विभाग इस मामले में जिन कारणों को बताकर रोड़ा बन रहा है वह प्रदेश के वन मंत्री एवं ग्वालियर के प्रभारी उमंग सिंगार का भी विभाग है। इस बारे में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि पानी को लेकर वन विभाग से बात की जा रही है साथ ही यह पॉइंट वन मंत्री उमंग सिंघार को भी बताए गए हैं इस मुद्दे पर वन विभाग से बात करके इस समस्या को जल्द दूर किया जाएगा।

बाइट - अनुराग चौधरी, कलेक्टर


Conclusion:आइए आपको एक नजर में समझाते हैं कि आखिर वन विभाग किन कारणों को बताकर अपना अड़ंगा लगाए हुए हैं। वन विभाग का कहना है की चंबल नदी में पानी का बहाव 68 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है। जो कि बहुत कम है क्योंकि 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड से पानी के वहां पर घड़ियाल और डॉल्फिन से मर जाएंगे। जबकि सामान्य तौर पर नदी का बहाव 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड होता है फिर भी राजस्थान अपनी कोटा करौली समेत अन्य क्षेत्रों के लिए पर्याप्त पानी ले रहा है वहीं ग्वालियर के लिए 1.75 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बाहर के पानी की जरूरत है अप्रैल ,मई व जून के दौरान नदी में पानी का स्तर कम रहता है जिसके चलते चंबल सेंचुरी में घड़ियाल और डॉल्फिन मरने की स्थिति पैदा हो जाएगी।
Last Updated : Oct 28, 2019, 8:32 PM IST
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