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लड़की को ले जाना चाहता था 'नकली मामा', कोर्ट के आदेश के बाद पलटा

पिछले सात माह से वन स्टॉप सेंटर में रह रही लड़की को अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना था. लड़की को उसका नकली मामा लेने पहुंचा. कोर्ट ने जैसे ही मामा को 15 लड़कियों का विवाह करने की बात कही तो मामा वापस घर लौट गया.

Gwalior Bench of High Court
हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Mar 19, 2021, 9:09 PM IST

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में उस समय एक नकली मामा के दिमाग से समाज सेवा का भूत उतर गया. जब जज ने उससे कहा कि नारी निकेतन की 15 और लड़कियों की शादी आपको कराना होगी. महंगाई के इस दौर में मामा को जज की बात सुनकर दिन में तारे नजर आ गए और वह न्यायालय से घर वापस चला गया. यह नकली मामा अपनी पत्नी के साथ हाई कोर्ट आया था.

कोर्ट के आदेश के बाद पलटा 'नकली मामा'
  • माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती लड़की

दरअसल जनक गंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक लड़की पिछले साल अगस्त में वन स्टॉप सेंटर में रह रही थी. उनका कहना था कि वह पढ़ना चाहती है लेकिन माता-पिता उसकी नाबालिग होने के बावजूद शादी कर रहे थे. इसी के आधार पर उसे कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था. वन स्टॉप सेंटर में पिछले 7 महीने से रह रही थी. फरवरी में लड़की बालिग हो गई तब उसने न्यायालय से स्वतंत्र होने की मांग की. इस पर न्यायालय ने कहा कि वह परिजनों ने की सुपुर्दगी में ही लड़की को दे सकते हैं. लेकिन लड़की ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया और मामा के साथ जाने की इच्छा जताई.

डबरा नगर निकाय के अध्यक्ष पद के आरक्षण पर हाई कोर्ट का स्टे

जबकि उसने अपने माता-पिता और असली मामा के साथ जाने से इंकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने पति-पत्नी (मामा-मामी) से पूछा कि लड़की आपके यहां रहेगी तो उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं होगी. इस पर दोनों ने ना में सर हिला दिया. इसके बाद जज ने पूछा कि उन्हें लड़की की शादी करना होगी. उसमें भी पति-पत्नी ने सहमति दे दी. कोर्ट को नकली मामा और उसकी पत्नी के कथन पर शक हुआ तब जज ने कहा कि आपको 15 और नारी निकेतन की लड़कियों की शादी कराना होगी. तब मामा ने चुपचाप जज के हाथ जोड़े और वहां से जाने में ही अपनी भलाई समझी.

  • लड़की को भेजा वन स्टॉप सेंटर

हाईकोर्ट ने लड़की के माता-पिता और उसके मुंह बोले मामा को तलब किया था. जब नकली मामा अपने कथन से फिर गया. तब कोर्ट ने लड़की को वापस वन स्टॉप सेंटर भेज दिया और उसे समझाइश दी है कि यदि वह किसी लड़के के साथ शादी करना चाहती है तो कोर्ट उसमें उसकी मदद कर सकता है. उसकी सुरक्षा माता पिता के अधीन ही उचित है.

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में उस समय एक नकली मामा के दिमाग से समाज सेवा का भूत उतर गया. जब जज ने उससे कहा कि नारी निकेतन की 15 और लड़कियों की शादी आपको कराना होगी. महंगाई के इस दौर में मामा को जज की बात सुनकर दिन में तारे नजर आ गए और वह न्यायालय से घर वापस चला गया. यह नकली मामा अपनी पत्नी के साथ हाई कोर्ट आया था.

कोर्ट के आदेश के बाद पलटा 'नकली मामा'
  • माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती लड़की

दरअसल जनक गंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक लड़की पिछले साल अगस्त में वन स्टॉप सेंटर में रह रही थी. उनका कहना था कि वह पढ़ना चाहती है लेकिन माता-पिता उसकी नाबालिग होने के बावजूद शादी कर रहे थे. इसी के आधार पर उसे कोर्ट ने वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था. वन स्टॉप सेंटर में पिछले 7 महीने से रह रही थी. फरवरी में लड़की बालिग हो गई तब उसने न्यायालय से स्वतंत्र होने की मांग की. इस पर न्यायालय ने कहा कि वह परिजनों ने की सुपुर्दगी में ही लड़की को दे सकते हैं. लेकिन लड़की ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया और मामा के साथ जाने की इच्छा जताई.

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जबकि उसने अपने माता-पिता और असली मामा के साथ जाने से इंकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने पति-पत्नी (मामा-मामी) से पूछा कि लड़की आपके यहां रहेगी तो उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं होगी. इस पर दोनों ने ना में सर हिला दिया. इसके बाद जज ने पूछा कि उन्हें लड़की की शादी करना होगी. उसमें भी पति-पत्नी ने सहमति दे दी. कोर्ट को नकली मामा और उसकी पत्नी के कथन पर शक हुआ तब जज ने कहा कि आपको 15 और नारी निकेतन की लड़कियों की शादी कराना होगी. तब मामा ने चुपचाप जज के हाथ जोड़े और वहां से जाने में ही अपनी भलाई समझी.

  • लड़की को भेजा वन स्टॉप सेंटर

हाईकोर्ट ने लड़की के माता-पिता और उसके मुंह बोले मामा को तलब किया था. जब नकली मामा अपने कथन से फिर गया. तब कोर्ट ने लड़की को वापस वन स्टॉप सेंटर भेज दिया और उसे समझाइश दी है कि यदि वह किसी लड़के के साथ शादी करना चाहती है तो कोर्ट उसमें उसकी मदद कर सकता है. उसकी सुरक्षा माता पिता के अधीन ही उचित है.

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