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अंतरराष्ट्रीय वेबनार पर जीवाजी विवि के कार्यपरिषद सदस्यों ने खड़े किए सवाल

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए वेबनार (ऑनलाइन चर्चा) को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्यों ने ही सवाल खड़े किए हैं.

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जीवाजी विश्वविद्यालय
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Published : May 19, 2020, 7:30 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए वेबनार (ऑनलाइन चर्चा) को लेकर कार्यपरिषद के सदस्यों ने ही सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि करीब दस दिन पहले विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति ने ऑफिस में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग से कार्यपरिषद की बैठक ली थी और सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए सदस्यों को विश्वविद्यालय नहीं आने का की बात कही थी, लेकिन 4 दिन बाद ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के वेबनार का आयोजन हुआ, जिसमें अधिकारी और प्रोफेसर शामिल हुए.

ईसी सदस्य ने लगाए भेदभाव के आरोप

दरअसल, दस दिन पहले विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति ने ऑफिस में न आकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी, इसके पीछे उन्होंने सोशल डिस्टेंसिग और शासन के नियमों का हवाला दिया था. इसके 4 दिन बाद ही विश्ववद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्तर का वेबनार का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और प्रोफेसर बैठक में 3 दिन तक लगातार हिस्सा लेते रहे. कार्यपरिषद के सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा है कि एक ही मामले में दो मापदंड कैसे अपनाए जा सकते हैं.

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वेबनार की तस्वीर

कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने कहा है कि वे कुलपति से मिलकर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे. क्योंकि नियम सबके लिए एक जैसे होने चाहिए भले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरनेशनल सेमिनार में 700 से ज्यादा लोग शामिल हुए हों लेकिन विश्वविद्यालय के भी 10 से 12 लोग वेबनार हॉल में बैठकर उनसे बातचीत करते रहे.

गौरतलब है कि इस सेमिनार में विभिन्न देशों के 700 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए थे, कोरोना वायरस के कारण विश्वविद्यालय की गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी हुई इस बीच तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन पिछले दिनों ही किया गया था.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए वेबनार (ऑनलाइन चर्चा) को लेकर कार्यपरिषद के सदस्यों ने ही सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि करीब दस दिन पहले विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति ने ऑफिस में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग से कार्यपरिषद की बैठक ली थी और सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए सदस्यों को विश्वविद्यालय नहीं आने का की बात कही थी, लेकिन 4 दिन बाद ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के वेबनार का आयोजन हुआ, जिसमें अधिकारी और प्रोफेसर शामिल हुए.

ईसी सदस्य ने लगाए भेदभाव के आरोप

दरअसल, दस दिन पहले विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति ने ऑफिस में न आकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी, इसके पीछे उन्होंने सोशल डिस्टेंसिग और शासन के नियमों का हवाला दिया था. इसके 4 दिन बाद ही विश्ववद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्तर का वेबनार का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और प्रोफेसर बैठक में 3 दिन तक लगातार हिस्सा लेते रहे. कार्यपरिषद के सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा है कि एक ही मामले में दो मापदंड कैसे अपनाए जा सकते हैं.

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वेबनार की तस्वीर

कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल ने कहा है कि वे कुलपति से मिलकर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे. क्योंकि नियम सबके लिए एक जैसे होने चाहिए भले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरनेशनल सेमिनार में 700 से ज्यादा लोग शामिल हुए हों लेकिन विश्वविद्यालय के भी 10 से 12 लोग वेबनार हॉल में बैठकर उनसे बातचीत करते रहे.

गौरतलब है कि इस सेमिनार में विभिन्न देशों के 700 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए थे, कोरोना वायरस के कारण विश्वविद्यालय की गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी हुई इस बीच तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन पिछले दिनों ही किया गया था.

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