ग्वालियर। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सबसे सख्ती मंत्रियों में से एक माने जाते हैं. लेकिन इन दिनों ऊर्जा मंत्री के गृह जिले ग्वालियर में ही बिजली विभाग जमकर मनमानी कर रहा है. ग्वालियर में एक उपभोक्ता पर 1,75,000 रुपए का बिजली बिल बकाया होने पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने उसे घर को सील कर दिया. यह भी नहीं देखा कि घर के अंदर कोई है या नहीं. 2 घंटे के बाद युवक को इसकी जानकारी लगी तो उसने शोर मचाया, इसके बाद आसपास के लोगों ने उसे बाहर निकाला.
बिजली विभाग की टीम ने सील किया घर
मामला शहर के चना कोठार इलाके का है. यहां रहने वाले जितेन्द्र सिंह तोमर पर पौने दो लाख रुपए का बिजली बिल बकाया था. बिजली कंपनी के द्वारा कई बार नोटिस देने बाद भी जब जितेन्द्र ने बिजली का बिल नहीं भरा, तो उसका मकान कुर्की की कार्रवाई करने के लिए AE महेश कोली की टीम मौके पर पहुंच गई. बिजली विभाग के अधिकारी ने पहले मकान पर कुर्की का नोटिस चिपकाया और फिर बाहर से मकान को सील कर दिया. अधिकारियों ने यह भी नहीं देखा कि मकान के अंदर कोई है या नहीं.
2 घंटे बाद युवक को लगी जानकारी
बिजली विभाग के अधिकारियों के मौके से जाने के 2 घंटे के बाद मकान के अंदर सो रहे युवक की नींद खुली. जब उसने बाहर से दरवाजा बंद पाया तो छत पर जाकर आसपास के लोगों को दरवाजा खोलने को कहा तब जाकर उसे जानकारी लगी तो घर को सील कर दिया गया है. इसके बाद युवक ने बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया लेकिन कोई मौके पर नहीं आया. ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने युवक को घर से बाहर निकाला.
अधिकारी का दावा घर के अंदर कोई नहीं था
इस मामले को लेकर जब बिजली विभाग के अधिकारी से बातचीत की गई, तो उन्होंने मकान के अंदर किसी के मौजूद होने की बात से साफ इनकार कर दिया. AE महेश कोली का कहना है कि जब उन्होंने मकान को सील किया, तब अंदर कोई मौजूद नहीं था. आवाज लगाने के बाद कोई बाहर नहीं आया, इसके बाद मकान को सील करने की कार्रवाई की गई थी.
सरकारी दफ्तरों पर नहीं होती कार्रवाई
इस घटना के बाद बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं पर इस तरह की कार्रवाई कर रहा है, जबकि सरकारी कार्यालयों पर लाखों रुपए का बिल बकाया है, लेकिन उन दफ्तरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.