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ऑनलाइन शिक्षा बनी मुसीबत! मोबाइल का अधिक उपयोग बच्चों को बना रहा एडिक्ट - Effect on mental level of children

कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति शुरू की गई. लेकिन अब हालात ये बन चुके हैं कि बच्चे इन फोन के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा तो ले रहे हैं, इसके अलावा वह धीरे-धीरे मोबाइल के भी शौकीन हो रहे है, जिसका असर उनके मानसिक स्तर पर दिखने लगा है.

consequences of online education
ऑनलाइन शिक्षा के दुष्परिणाम
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Published : Aug 8, 2020, 2:27 PM IST

ग्वालियर। कोरोना महामारी का शिक्षा प्रणाली पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. कोरोना से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन में स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए. लेकिन बच्चों की पढ़ाई को निरंतर चालू रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन अब ऑनलाइन शिक्षा का बच्चों पर उल्टा प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे अब मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं, यही वजह है कि अब बच्चों का मानसिक स्वभाव परिवर्तित होने लगा है. बच्चों में अब गुस्सा, आलस, चिड़चिड़ापन और बोलचाल की भाषा में भी परिवर्तन आने लगा है, जिसकी वजह से उनके माता-पिता भी परेशान होने लगे हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के दुष्परिणाम

ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों के मानसिक स्तर पर प्रभाव

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सभी स्कूल पूरी तरह से बंद हैं, बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति शुरू की गई. स्कूल प्रबंधन बच्चों को 3 से 4 घंटे मोबाइल के जरिए ऑनलाइन शिक्षा दे रहा है, लेकिन अब हालात ये बन चुके हैं कि बच्चे इन फोन के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा तो ले रहे हैं, लेकिन इसके अलावा वह धीरे-धीरे मोबाइल के भी शौकीन होते जा रहे हैं, जिसका मानसिक स्तर पर प्रभाव दिखने लगा है.

ऑनलाइन शिक्षा पैरेंट्स के लिए बनी मुसीबत

ऑनलाइन क्लासेज लेने वाले बच्चे की मां शिल्पी जैन का कहना है कि जब से ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुए हैं, तब से बच्चे के स्वभाव में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है, बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस आलसी बना रहा है और इनकी आंखों पर सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है, इसकी वजह से उनको जल्दी गुस्सा और बार-बार चिढ़ रहे हैं.

बच्चों को लगी मोबाइल की लत

चाइल्ड केयर स्पेशलिस्ट संदीपा मल्होत्रा का कहना है कि ये बात सही है कि ऑनलाइन क्लासेस बच्चों के लिए और उनके माता-पिता के लिए मुसीबत बन रही है क्योंकि उनको मोबाइल की लत लग चुकी है और इसी कारण वह ऑनलाइन शिक्षा के बहाने ऑनलाइन गेम भी खेल रहे हैं. इस वजह से माता पिता के प्रति उनका स्वभाव परिवर्तन हो रहा है.

बच्चों पर ऑनलाइन शिक्षा का दुष्प्रभाव

मनोचिकित्सक डॉक्टर संजय सक्सेना का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा और सोशल मीडिया अच्छा भी है और इसके प्रभाव बुरे भी हैं. ये डिपेंड उनके माता-पिता पर निर्भर करता है क्योंकि इस समय बच्चे अपने आप को अकेले महसूस कर रहे हैं, वह कहीं खेलने के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इस वजह से सोशल मीडिया और ऑनलाइन क्लासेस उनके लिए ठीक है, लेकिन इसकी अति होना बच्चों पर उल्टा प्रभाव डाल रही है.

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे अब मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं, यही वजह है कि अब बच्चों के मानसिक स्वभाव में परिवर्तन होने लगे हैं. बच्चों में अब गुस्सा, आलस, चिड़चिड़ापन और बोलचाल की भाषा में भी परिवर्तन होने लगा है.

ग्वालियर। कोरोना महामारी का शिक्षा प्रणाली पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. कोरोना से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन में स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए. लेकिन बच्चों की पढ़ाई को निरंतर चालू रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन अब ऑनलाइन शिक्षा का बच्चों पर उल्टा प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे अब मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं, यही वजह है कि अब बच्चों का मानसिक स्वभाव परिवर्तित होने लगा है. बच्चों में अब गुस्सा, आलस, चिड़चिड़ापन और बोलचाल की भाषा में भी परिवर्तन आने लगा है, जिसकी वजह से उनके माता-पिता भी परेशान होने लगे हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के दुष्परिणाम

ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों के मानसिक स्तर पर प्रभाव

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सभी स्कूल पूरी तरह से बंद हैं, बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति शुरू की गई. स्कूल प्रबंधन बच्चों को 3 से 4 घंटे मोबाइल के जरिए ऑनलाइन शिक्षा दे रहा है, लेकिन अब हालात ये बन चुके हैं कि बच्चे इन फोन के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा तो ले रहे हैं, लेकिन इसके अलावा वह धीरे-धीरे मोबाइल के भी शौकीन होते जा रहे हैं, जिसका मानसिक स्तर पर प्रभाव दिखने लगा है.

ऑनलाइन शिक्षा पैरेंट्स के लिए बनी मुसीबत

ऑनलाइन क्लासेज लेने वाले बच्चे की मां शिल्पी जैन का कहना है कि जब से ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुए हैं, तब से बच्चे के स्वभाव में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है, बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस आलसी बना रहा है और इनकी आंखों पर सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है, इसकी वजह से उनको जल्दी गुस्सा और बार-बार चिढ़ रहे हैं.

बच्चों को लगी मोबाइल की लत

चाइल्ड केयर स्पेशलिस्ट संदीपा मल्होत्रा का कहना है कि ये बात सही है कि ऑनलाइन क्लासेस बच्चों के लिए और उनके माता-पिता के लिए मुसीबत बन रही है क्योंकि उनको मोबाइल की लत लग चुकी है और इसी कारण वह ऑनलाइन शिक्षा के बहाने ऑनलाइन गेम भी खेल रहे हैं. इस वजह से माता पिता के प्रति उनका स्वभाव परिवर्तन हो रहा है.

बच्चों पर ऑनलाइन शिक्षा का दुष्प्रभाव

मनोचिकित्सक डॉक्टर संजय सक्सेना का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा और सोशल मीडिया अच्छा भी है और इसके प्रभाव बुरे भी हैं. ये डिपेंड उनके माता-पिता पर निर्भर करता है क्योंकि इस समय बच्चे अपने आप को अकेले महसूस कर रहे हैं, वह कहीं खेलने के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इस वजह से सोशल मीडिया और ऑनलाइन क्लासेस उनके लिए ठीक है, लेकिन इसकी अति होना बच्चों पर उल्टा प्रभाव डाल रही है.

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे अब मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं, यही वजह है कि अब बच्चों के मानसिक स्वभाव में परिवर्तन होने लगे हैं. बच्चों में अब गुस्सा, आलस, चिड़चिड़ापन और बोलचाल की भाषा में भी परिवर्तन होने लगा है.

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