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साल की अंतिम लोक अदालत में वकीलों के बहिष्कार का असर, कम ही मामलों का हो सका निराकरण - Last Lok Adalat

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अलावा जिला न्यायालय कुटुंब न्यायालय तहसील न्यायालय में आयोजित किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बहिष्कार के चलते लोक अदालत में कम ही मामलों का निराकरण हो सका.

Effect of boycott of lawyers in last year's Lok Adalat in gwalior
अंतिम लोक अदालत
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Published : Dec 14, 2019, 8:56 PM IST

ग्वालियर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर इस साल की अंतिम लोक अदालत में वकीलों के बहिष्कार का बड़ा असर देखा गया. 15 हजार से ज्यादा मामलों को निराकरण के लिए जिला न्यायालय में पंजीकृत किया गया था, लेकिन सिर्फ 2000 के लगभग मामलों का ही निराकरण हो सका.

अंतिम लोक अदालत

लोक अदालत में प्री लिटिगेशन प्रकरणों में नगर निगम की 22 लाख से ज्यादा की रिकवरी जिसमें जल कर और संपत्ति कर शामिल है. वहीं बिजली कंपनी के 246 मामलों में 45 लाख की रिकवरी की गई इसके अलावा एन आई एक्ट बैंकों के रिकवरी प्रकरण के मामलों का भी निराकरण किया गया.

वकीलों की हड़ताल के चलते ज्यादातर वहीं मामले सुनवाई में आ सके जो लोग आपसी सहमति से विभिन्न विभागों में अपनी रिकवरी को समायोजित कराना चाहते थे. इनमें पैरा लीगल वालंटियर की मदद भी ली गई.

ग्वालियर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर इस साल की अंतिम लोक अदालत में वकीलों के बहिष्कार का बड़ा असर देखा गया. 15 हजार से ज्यादा मामलों को निराकरण के लिए जिला न्यायालय में पंजीकृत किया गया था, लेकिन सिर्फ 2000 के लगभग मामलों का ही निराकरण हो सका.

अंतिम लोक अदालत

लोक अदालत में प्री लिटिगेशन प्रकरणों में नगर निगम की 22 लाख से ज्यादा की रिकवरी जिसमें जल कर और संपत्ति कर शामिल है. वहीं बिजली कंपनी के 246 मामलों में 45 लाख की रिकवरी की गई इसके अलावा एन आई एक्ट बैंकों के रिकवरी प्रकरण के मामलों का भी निराकरण किया गया.

वकीलों की हड़ताल के चलते ज्यादातर वहीं मामले सुनवाई में आ सके जो लोग आपसी सहमति से विभिन्न विभागों में अपनी रिकवरी को समायोजित कराना चाहते थे. इनमें पैरा लीगल वालंटियर की मदद भी ली गई.

Intro:ग्वालियर
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर इस साल की अंतिम लोक अदालत में वकीलों के बहिष्कार का बड़ा असर देखा गया करीब 15 हजार से ज्यादा मामलों को निराकरण के लिए जिला न्यायालय में पंजीकृत किया गया था लेकिन सिर्फ 2000 के लगभग मामलों का ही निराकरण हो सका। अंतिम लोक अदालत में 7 करोड़ 43 लाख के अवार्ड पारित किए गए।


Body:दरअसल राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अलावा जिला न्यायालय कुटुंब न्यायालय तहसील न्यायालय में आयोजित किया गया था लेकिन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बहिष्कार के चलते लोक अदालत में कम ही मामलों का निराकरण हो सका । लोक अदालत में प्री लिटिगेशन प्रकरणों में नगर निगम की 22 लाख से ज्यादा की रिकवरी जिसमें जलकर और संपत्ति कर शामिल है। 896 मामले निराकृत किए गए वही बिजली कंपनी के 246 मामलों में पैतीस लाख की रिकवरी की गई इसके अलावा एन आई एक्ट बैंकों के रिकवरी प्रकरण के मामलों का भी निराकरण किया गया।


Conclusion:नेशनल लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर मोटर दुर्घटना दावा के 134 एन आई एक्ट के 139 आपराधिक प्रकरण 71 वैवाहिक प्रकरण 33 श्रम प्रकरण दो और सिविल मामलों सहित 134 मामलों का निराकरण किया गया। वकीलों की हड़ताल के चलते ज्यादातर वही मामले सुनवाई में आ सके जो लोग आपसी सहमति से विभिन्न विभागों में अपनी रिकवरी को समायोजित कराना चाहते थे ।इनमें पैरा लीगल वालंटियर की मदद भी ली गई। बाइट दीपक अरुसिया... अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर
बाइट अंशुमान शर्मा... पैरा लीगल वालंटियर
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