ग्वालियर। मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने सोमवार को अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर संभाग स्तर पर प्रदर्शन कर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा. डिप्लोमा इंजीनियर का कहना है कि उनकी मांगें लंबे अरसे से लंबित हैं.
![Diploma engineer submitted memo to Divisional Commissioner](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04:51:13:1600082473_mp-gwa-02-engineer-mang-pkg-mahesh-shivhare-mp10016_14092020161850_1409f_01750_923.jpg)
डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन की मांग है कि जिन उपयंत्री संवर्ग को सेवा के 28 साल पूरे हो गए हैं, उन्हें सहायक यंत्री पद का नाम दिया जाए. संविदा उपयंत्री को रिक्त पदों पर नियुक्त करने निचले पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को प्रभारी उपयंत्री का आदेश प्रदान करने और पीएचई में वर्क चार्ज उपयंत्रियों को नियमित पदस्थापना की जाए.
मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के पदाधिकारी ओल्ड रेस्ट हाउस से रैली के रूप में संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने कमिश्नर एमबी ओझा को अपना मांग पत्र सौंपा. डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने कहा है कि फिलहाल वे अपने अनिश्चितकालीन काम रोको प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उपचुनाव को देखते हुए उन्होंने इसे टाल दिया है.
डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 2017 और 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मांग पत्र सौंप चुका है. मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन भी दिया जा चुका है. लेकिन इसके बावजूद उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है.
डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन का कहना है कि उनकी इन मांगों में कोई आर्थिक बोझ भी सरकार पर नहीं पड़ने वाला है. इसलिए सरकार को उनकी मांगों पर संवेदनशील तरीके से सोचना होगा. उन्होंने कहा कि उपचुनाव को देखते हुए फिलहाल वे विकास कार्यों को नहीं रोकेंगे, लेकिन यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो उनका आंदोलन और तेज किया जाएगा.