ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं महेंद्र सिसोदिया के खिलाफ एक परिवाद दायर किया गया है. जिसमें उनके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. कांग्रेस लीगल सेल के अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता नितिन शर्मा ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में एक लिखित आवेदन सोमवार को इंदरगंज थाना पुलिस को दिया था उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद जेएमएफसी रूपाली उईके की कोर्ट में यह परिवाद दायर किया गया है. जिसमें मांग की गई है कि राजनेताओं द्वारा ऐसी दोयम दर्जे की भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगाई जाए और इनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153 क और 499 के तहत अपराध दर्ज किया जाए. कोर्ट ने फिलहाल परिवाद को स्वीकार कर लिया है.
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दिग्गी-सिंधिया में जुबानी जंग: शाजापुर में दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने शिक्षकों के हक में सड़कों पर उतरने की बात कही थी लेकिन बीजेपी में जाने के बाद वह अपने वादे को भूल गए. उन्होंने यह भी कहा था कि महाकाल सिंधिया जैसा नेता कांग्रेस में दूसरा पैदा न हो. इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री पर जुबानी हमला बोला था और उन्हें देश विरोधी बताते हुए भविष्य में भारत में पैदा नहीं होने की कामना की थी. कांग्रेस लीगल सेल के वकील नितिन शर्मा ने कहा कि राजनैतिक लोगों को संयम की भाषा बोलनी चाहिए न कि उन्हें असंयमित भाषा बोलनी चाहिए. इसी को लेकर उन्होंने परिवाद दायर किया है. फिलहाल इसकी सुनवाई 8 मई को होगी. याचिकाकर्ता अधिवक्ता का कहना है कि इसी दिन तीनों पक्षकारों को नोटिस जारी हो सकते हैं.