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पुलिस हिरासत में आरोपी पर 5 घंटे में दो अपराध दर्ज, हाईकोर्ट ने विवेचना अधिकारी को किया तलब - क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया मामला

हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस हिरासत में आर्म्स एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ 5 घंटे बाद दूसरा अपराध दर्ज करने के मामले में क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी से जवाब तलब किया है.

Crime Branch registered two offenses on the accused in police custody in 5 hours
पुलिस हिरासत में आरोपी पर 5 घंटे में दो अपराध क्राइम ब्रांच ने किए दर्ज
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Published : Dec 2, 2020, 10:17 AM IST

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस हिरासत में आर्म्स एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ 5 घंटे बाद दूसरा अपराध दर्ज करने के मामले में क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी से जवाब तलब किया है. अधिवक्ता का आरोप है कि, उनका मुवक्किल अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया, लेकिन 5 घंटे बाद उसके पास से पुलिस ने ब्राउन शुगर बरामद करना बताया है, ये कैसे संभव हो सकता है.

पुलिस हिरासत में आरोपी पर 5 घंटे में दो अपराध क्राइम ब्रांच ने किए दर्ज


आरोपी के अधिवक्ता का कहना है कि, जब पुलिस ने उनके मुवक्किल को पकड़ा और उसकी अच्छी तरह से जमा तलाशी हो गई, फिर 5 घंटे बाद किस तरह से पुलिस हिरासत में उसके पास ब्राउन शुगर आ सकती है. उन्होंने कहा कि, दूसरा मामला पुलिस ने अपराधों की संख्या बढ़ाने के लिए बनाया है.

आरोपी की जमानत याचिका पर दलील पेश करते हुए अधिवक्ता ने इस मामले को झूठा करार दिया है और अपने मुवक्किल को जमानत पर छोड़ने की मांग की है. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी को इस मामले में तलब किया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.

ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस हिरासत में आर्म्स एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ 5 घंटे बाद दूसरा अपराध दर्ज करने के मामले में क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी से जवाब तलब किया है. अधिवक्ता का आरोप है कि, उनका मुवक्किल अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया, लेकिन 5 घंटे बाद उसके पास से पुलिस ने ब्राउन शुगर बरामद करना बताया है, ये कैसे संभव हो सकता है.

पुलिस हिरासत में आरोपी पर 5 घंटे में दो अपराध क्राइम ब्रांच ने किए दर्ज


आरोपी के अधिवक्ता का कहना है कि, जब पुलिस ने उनके मुवक्किल को पकड़ा और उसकी अच्छी तरह से जमा तलाशी हो गई, फिर 5 घंटे बाद किस तरह से पुलिस हिरासत में उसके पास ब्राउन शुगर आ सकती है. उन्होंने कहा कि, दूसरा मामला पुलिस ने अपराधों की संख्या बढ़ाने के लिए बनाया है.

आरोपी की जमानत याचिका पर दलील पेश करते हुए अधिवक्ता ने इस मामले को झूठा करार दिया है और अपने मुवक्किल को जमानत पर छोड़ने की मांग की है. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी को इस मामले में तलब किया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.

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