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इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार ? कोरोना संक्रमितों का बायोमेडिकल वेस्ट बढ़ा सकता है खतरा - मेडिकल वेस्ट

ग्वालियर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते मरीजों को होटलों और घरों में क्वारेंटाइन किया जा रहा है. शहर में जगह-जगह भारी संख्या में घरों और अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट सड़क पर पड़ा हुआ है. जिसके चलते शहर में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

roadside Covid waste
इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार
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Published : Oct 8, 2020, 1:51 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 3:58 AM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है. ऐसे में ग्वालियर में जिला प्रशासन और नगर निगम की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.जहां शहर में कोविड-19 का मेडिकल वेस्ट सड़क किनारे पड़ा हुआ है. कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है.

'कोविड कचरा' बड़ा खतरा

इस लापरवाही से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा

ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. शहर में लगातार मिल रहे मरीजों के लिए अब अस्पतालों में बेड की कमी होने के चलते लोगों को प्राइवेट होटलों और घरों में आइसोलेट किया जा रहा है. जहां संक्रमित लोगों द्वारा घरों और अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है. वहीं निजी अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट को भी इधर-उधर फेंक दिया जा रहा है. ऐसे में कचरे को सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने के कारण शहर में संक्रमण का खतरा लगातार तेजी से बढ़ रहा है.

सड़क में कौन फेंक रहा है कोविड का बॉयोमेडिकल वेस्ट

दरअसल शहर में होम आइसोलेट मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन घरों में मेडिकल वेस्ट को एकत्रित करने के लिए नगर निगम को कचरा वाहन भेजना था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. रोज शहर में करीब 10 टन मेडिकल वेस्ट निकल रहा है. लेकिन निगम की गाड़ी नहीं पहुंचने के कारण संक्रमित लोग और उनके परिजन घर के नजदीक ही बॉयोमेडिकल वेस्ट को फेंक रहे हैं. जिसके चलते केंसर पहाड़ी, मेला मैदान के पास यह कोविड वेस्ट भारी मात्रा में रोड पर पड़ा हुआ है. शहर के बीचों-बीच बनी केंसर पहाड़ी के पास रात के अंधेरे में आसपास के अस्पतालों से निकला मेडिकल वेस्ट सड़क किनारे डाला जा रहा है. इसमें डॉक्टर द्वारा इस्तेमाल की गई पीपीई किट सबसे ज्यादा नजर आती है.

यह भी पढ़ें:- Exclusive : खासगी की खासियत जांचने में जुटी 39 सदस्यों की टीम, जानिए आखिर शाही सौदागरों ने कैसे किया धार्मिक विरासत का सौदा?

निगम अधिकारी एक-दूसरे पर लगा रहें आरोप

जब इसकी जानकारी नगर निगम को दी गई तो नगर निगम के अधिकारी एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी का हवाला दे रहे हैं, और कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने जिले के कोविड प्रभारी और अपर कलेक्टर किशोर कन्याल से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मेडिकल वेस्ट को इंसुलेटर की मदद से नष्ट किया जा रहा है. और यदि ऐसा कोविड वेस्ट सड़कों पर फेंका जा रहा है तो जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों से बात करके गाड़ियों की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे.

ग्वालियर में कोरोना के हालात

बता दें कि इस समय ग्वालियर जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिले में सितंबर के महीने में 5 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. जहां कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 12 हजार तक पहुंच चुकी है. वहीं 170 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसे में लगातार जिले में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों के चलते अब मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन और होटलों में रखा जा रहा है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है. ऐसे में ग्वालियर में जिला प्रशासन और नगर निगम की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.जहां शहर में कोविड-19 का मेडिकल वेस्ट सड़क किनारे पड़ा हुआ है. कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है.

'कोविड कचरा' बड़ा खतरा

इस लापरवाही से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा

ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. शहर में लगातार मिल रहे मरीजों के लिए अब अस्पतालों में बेड की कमी होने के चलते लोगों को प्राइवेट होटलों और घरों में आइसोलेट किया जा रहा है. जहां संक्रमित लोगों द्वारा घरों और अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है. वहीं निजी अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट को भी इधर-उधर फेंक दिया जा रहा है. ऐसे में कचरे को सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने के कारण शहर में संक्रमण का खतरा लगातार तेजी से बढ़ रहा है.

सड़क में कौन फेंक रहा है कोविड का बॉयोमेडिकल वेस्ट

दरअसल शहर में होम आइसोलेट मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन घरों में मेडिकल वेस्ट को एकत्रित करने के लिए नगर निगम को कचरा वाहन भेजना था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. रोज शहर में करीब 10 टन मेडिकल वेस्ट निकल रहा है. लेकिन निगम की गाड़ी नहीं पहुंचने के कारण संक्रमित लोग और उनके परिजन घर के नजदीक ही बॉयोमेडिकल वेस्ट को फेंक रहे हैं. जिसके चलते केंसर पहाड़ी, मेला मैदान के पास यह कोविड वेस्ट भारी मात्रा में रोड पर पड़ा हुआ है. शहर के बीचों-बीच बनी केंसर पहाड़ी के पास रात के अंधेरे में आसपास के अस्पतालों से निकला मेडिकल वेस्ट सड़क किनारे डाला जा रहा है. इसमें डॉक्टर द्वारा इस्तेमाल की गई पीपीई किट सबसे ज्यादा नजर आती है.

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निगम अधिकारी एक-दूसरे पर लगा रहें आरोप

जब इसकी जानकारी नगर निगम को दी गई तो नगर निगम के अधिकारी एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी का हवाला दे रहे हैं, और कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने जिले के कोविड प्रभारी और अपर कलेक्टर किशोर कन्याल से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मेडिकल वेस्ट को इंसुलेटर की मदद से नष्ट किया जा रहा है. और यदि ऐसा कोविड वेस्ट सड़कों पर फेंका जा रहा है तो जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों से बात करके गाड़ियों की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे.

ग्वालियर में कोरोना के हालात

बता दें कि इस समय ग्वालियर जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिले में सितंबर के महीने में 5 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. जहां कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 12 हजार तक पहुंच चुकी है. वहीं 170 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसे में लगातार जिले में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों के चलते अब मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन और होटलों में रखा जा रहा है.

Last Updated : Oct 18, 2020, 3:58 AM IST
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