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फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने वालों से कोर्ट ने किया जवाब तलब, ये है मामला

ग्वालियर बेंच ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने वालों से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ऐसे लोगों की पूरी जानकारी दो सप्ताह में पेश करने के निर्देश दिये हैं.

फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने का मामला
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Published : Sep 30, 2019, 8:57 PM IST

ग्वालियर। जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने वालों को 15 दिन में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं हाईकोर्ट ने गृह विभाग और लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को भी अपना पक्ष 15 दिन में स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं.

फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने का मामला

हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को निर्देशित किया है, कि वे नौकरी हासिल करने वालों के बारे में उनके विभाग जिला और पद सहित जानकारी शपथ पत्र पर 2 सप्ताह में पेश करें. दरअसल, छात्रा हिमाचली मिश्रा ने एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उसने आरोप लगाया है कि विकलांगता प्रमाण पत्र बनाए जाने में भारी अनियमितता बरती जा रही है और अपात्र लोगों के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. जिसके जरिए वे लोग नौकरी हासिल कर रहे हैं. याचिका में ऐसे 14 लोगों का हवाला भी दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार और इन 14 लोगों को नोटिस जारी किए थे और उनका जवाब मांगा था, लेकिन तीन नौकरी पेशा लोगों ने अभी तक अपने जवाब हाई कोर्ट में पेश नहीं किए हैं. इनमें अजय सक्सेना शिव कुमार सिंह और प्रमोद बरेलिया शामिल हैं.

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता हिमांचली मिश्रा और उनके अधिवक्ता को निर्देशित किया है, कि वे संदिग्ध रूप से नौकरी कर रहे लोगों के बारे में उनके जिले विभाग और पदनाम सहित पूरी जानकारी एक शपथ पत्र पर हाईकोर्ट को मुहैया कराएं, ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके. हिमाचली मिश्रा का दावा है कि उसने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस गोरखधंधे का खुलासा भी किया था.

ग्वालियर। जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने वालों को 15 दिन में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं हाईकोर्ट ने गृह विभाग और लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को भी अपना पक्ष 15 दिन में स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं.

फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने का मामला

हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को निर्देशित किया है, कि वे नौकरी हासिल करने वालों के बारे में उनके विभाग जिला और पद सहित जानकारी शपथ पत्र पर 2 सप्ताह में पेश करें. दरअसल, छात्रा हिमाचली मिश्रा ने एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उसने आरोप लगाया है कि विकलांगता प्रमाण पत्र बनाए जाने में भारी अनियमितता बरती जा रही है और अपात्र लोगों के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. जिसके जरिए वे लोग नौकरी हासिल कर रहे हैं. याचिका में ऐसे 14 लोगों का हवाला भी दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार और इन 14 लोगों को नोटिस जारी किए थे और उनका जवाब मांगा था, लेकिन तीन नौकरी पेशा लोगों ने अभी तक अपने जवाब हाई कोर्ट में पेश नहीं किए हैं. इनमें अजय सक्सेना शिव कुमार सिंह और प्रमोद बरेलिया शामिल हैं.

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता हिमांचली मिश्रा और उनके अधिवक्ता को निर्देशित किया है, कि वे संदिग्ध रूप से नौकरी कर रहे लोगों के बारे में उनके जिले विभाग और पदनाम सहित पूरी जानकारी एक शपथ पत्र पर हाईकोर्ट को मुहैया कराएं, ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके. हिमाचली मिश्रा का दावा है कि उसने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस गोरखधंधे का खुलासा भी किया था.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने संदिग्ध विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने वालों को 15 दिन में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं वहीं हाईकोर्ट ने गृह विभाग और लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को भी अपना पक्ष 15 दिन में स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।





Body:हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता को निर्देशित किया है कि वे नौकरी हासिल करने वालों के बारे में उनके विभाग जिला और पद सहित जानकारी शपथ पत्र पर 2 सप्ताह में पेश करें ।दरअसल छात्रा हिमाचली मिश्रा ने एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि विकलांगता प्रमाण पत्र बनाए जाने में भारी अनियमितता बरती जा रही है और अपात्र लोगों के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं जिसके जरिए वे लोग नौकरी हासिल कर रहे हैं ।उसने ऐसे 14 लोगों का हवाला भी दिया है । हाईकोर्ट ने सरकार और इन 14 लोगों को नोटिस जारी किए थे और उनका जवाब मांगा था लेकिन 3 नौकरी पेशा लोगों ने अभी तक अपने जवाब हाई कोर्ट में पेश नहीं किए हैं इनमें अजय सक्सेना शिव कुमार सिंह और प्रमोद बरेलिया शामिल है।


Conclusion:हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता हिमांचली मिश्रा और उनके अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वे संदिग्ध रूप से नौकरी कर रहे लोगों के बारे में उनके जिले विभाग और पदनाम सहित पूरी जानकारी एक शपथ पत्र पर हाईकोर्ट को मुहैया कराएं। ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके हिमाचली मिश्रा का दावा है कि उसने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस गोरखधंधे का खुलासा भी किया था । बाइट जितेंद्र सिंह राठौर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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