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जीवाजी यूनिवर्सिटी में फर्जी तरीके से पीएचडी करने का मामला, शुक्रवार से जांच शुरू कर सकता है आयोग

जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से पीएचडी करने का मामला सामने आया है. शिकायत के बाद कॉलेज प्रबंधन हरकत में आ गया है. जिसके बाद शुक्रवार से पीएचडी घोटाले की जांच शुरू हो सकता है.

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Published : Apr 4, 2019, 11:39 PM IST

हो सकती है जांच

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले छात्रों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब तक 3 शिकायतें विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास पहुंच चुकी हैं. जिनमें 64 कश्मीरी छात्रों के बारे में शिकायत की गई है कि उन्होंने जॉब करने के साथ ही विश्वविद्यालय से पीएचडी की है.

दरअसल हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कई लोगों ने गलत तरीके से विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल की है. जबकि पीएचडी हासिल करने वाले लोग जॉब भी कर रहे थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोर्स वर्क,गाइड के पास अटेंडेंस और संबंधित कॉलेज में इन लोगों ने अपनी उपस्थिति बिना मिलीभगत के कैसे दर्शा दी.

फर्जी तरीके से पीएचडी करने का मामला

हाई कोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज डीके पालीवाल शुक्रवार से पीएचडी घोटाले की जांच शुरू कर सकते हैं. उन्हें हाई कोर्ट ने1 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास कश्मीर के ही 3 लोगों द्वारा 64 लोगों की शिकायत की गई है. इससे पहली शिकायत में 8 लोगों का जिक्र था. जिनके खिलाफ सबूत मिलने पर उनकी प्रवेश प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी. इसके बाद 31 और 25 छात्रों के बारे में भी जानकारियां भेजी गई हैं. जिन्होंने गलत तरीके से पीएचडी हासिल की है. फिलहाल कॉलेजों को नोटिस जरूर जारी किए हैं ।

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले छात्रों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब तक 3 शिकायतें विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास पहुंच चुकी हैं. जिनमें 64 कश्मीरी छात्रों के बारे में शिकायत की गई है कि उन्होंने जॉब करने के साथ ही विश्वविद्यालय से पीएचडी की है.

दरअसल हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कई लोगों ने गलत तरीके से विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल की है. जबकि पीएचडी हासिल करने वाले लोग जॉब भी कर रहे थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोर्स वर्क,गाइड के पास अटेंडेंस और संबंधित कॉलेज में इन लोगों ने अपनी उपस्थिति बिना मिलीभगत के कैसे दर्शा दी.

फर्जी तरीके से पीएचडी करने का मामला

हाई कोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज डीके पालीवाल शुक्रवार से पीएचडी घोटाले की जांच शुरू कर सकते हैं. उन्हें हाई कोर्ट ने1 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास कश्मीर के ही 3 लोगों द्वारा 64 लोगों की शिकायत की गई है. इससे पहली शिकायत में 8 लोगों का जिक्र था. जिनके खिलाफ सबूत मिलने पर उनकी प्रवेश प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी. इसके बाद 31 और 25 छात्रों के बारे में भी जानकारियां भेजी गई हैं. जिन्होंने गलत तरीके से पीएचडी हासिल की है. फिलहाल कॉलेजों को नोटिस जरूर जारी किए हैं ।

Intro: ग्वालियर
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंधित पीएचडी करने वाले छात्रों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं जब तक 3 शिकायतें विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास पहुंच चुकी हैं जिनमें 64 कश्मीरी छात्रों के बारे में शिकायत की गई है कि उन्होंने जॉब करने के साथ ही विश्वविद्यालय से पीएचडी की है खास बात यह है कि हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायिक आयोग पीएचडी घोटाले की जांच शुरू नहीं कर सका है उससे पहले ही कई शिकायतें विश्वविद्यालय के पास पहुंच चुकी हैं।


Body:दरअसल हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि कई लोगों ने गलत तरीके से विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल की है। जबकि पीएचडी हासिल करने वाले लोग जॉब भी कर रहे थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोर्स वर्क ,गाइड के पास अटेंडेंस और संबंधित कॉलेज में इन लोगों ने अपनी उपस्थिति बिना मिलीभगत के कैसे दर्शा दी।


Conclusion:हाई कोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज डीके पालीवाल संभवतः शुक्रवार से पीएचडी घोटाले की जांच शुरू कर सकते हैं। उन्हें हाई कोर्ट ने 1 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास कश्मीर के ही 3 लोगों द्वारा 64 लोगों की शिकायत की गई है। इनमें पहली शिकायत में 8 लोगों का जिक्र था जिनके खिलाफ सबूत मिलने पर उनकी प्रवेश प्रक्रिया निरस्त कर दी गई थी ।इसके बाद 31 और 25 छात्रों के बारे में भी जानकारियां भेजी गई हैं जिन्होंने गलत तरीके से पीएचडी हासिल की है। खास बात यह है कि अनुचित तरीके से पीएचडी करने वालों के साथ ही विश्वविद्यालय गाइड और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा यह देखने वाली बात होगी। विश्व विद्यालय ने फिलहाल कालेजों को नोटिस जरूर जारी किए हैं ।
बाइट शांति देव सिसोदिया प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
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