ETV Bharat / state

सिविल अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, कोरोना की जांच करने वाली किट को खुले में फेंका

डबरा तहसील के सिविल अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां डॉक्टरों और नर्सो ने डिलीवरी और कोरोना वायरस की जांच करने वाली 1 दर्जन से अधिक किट को इस्तेमाल करने के बाद अस्पताल के कैंपस में फेंक दिया है.

author img

By

Published : May 11, 2020, 3:41 PM IST

Civil hospital management threw the delivery kits into the open premises in gwalior
सिविल अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही

ग्वालियर। जिले की डबरा तहसील के सिविल अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सो ने डिलीवरी और कोरोना वायरस की जांच करने वाली 1 दर्जन से अधिक किट को इस्तेमाल करने के बाद अस्पताल के कैंपस में बच्चों के टीकाकरण कक्ष के पास खुले में फेंक दी हैं.

कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा

खुले में फेंकी हुई कोरोना वायरस जांच किट अस्पताल परिसर में उड़ती हुई नजर आ रही है. जिससे अस्पताल में आने वाले लोगों को डर सता रहा है. साथ ही अस्पताल कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों को भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जहां कचरे का ढेर है और ये किटे फेंकी गई है उसके पास ही अस्पताल स्टाफ क्वाटर बने हुए है. जिससे अब इन क्वाटरों में रहने वाले लोगों को इन गंदगी भरी डिलीवरी किटों से कोरोना संक्रमण का खतरा सता रहा है.

अधिकारियों के आदेश की उड़ीं धज्जियां

एक तरफ जहां सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कई तरह से कोशिश कर रही है. जिसके लिए लोगों को आस-पास साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित कर रहे है. वही सिविल अस्पताल में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों और नर्स इस बीमारी से फैलने वाले संक्रमण की बिलकुल भी फिक्र नहीं है. जो अधिकारियों के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है. जिन किटों का इस्तेमाल करने के बाद पूरी तरह से डिस्ट्रॉय करना चाहिए, लेकिन डबरा सिविल अस्पताल प्रबंधन बिलकुल लापरवाह बना हुआ है.

ग्वालियर में बढ़ रहा कोरोना का कहर

ग्वालियर में इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण के केस भी बड़े है. डबरा के पिछोर में भी तीन कोरोना मरीज सामने आए है. जिनका इलाज ग्वालियर जिला अस्पताल में जारी है. ऐसे में अस्पताल प्रबन्धन की ये लापरवाही कोरोना वायरस को बढ़ाने में बड़ी भूमिका साबित हो सकती है.

एसडीएम ने कहा कोई खतरा नहीं

इस मामले में एसडीएम राघवेन्द्र पांडे और सिविल अस्पताल बीएमओ सुरेन्द्र सोलंकी का कहना है कि इन फेंकी हुई सेव डिलेवरी किट से कोई खतरा नहीं है. ये कोरोना मरीज को टेस्टिंग करने के दौरान पहनी हुई किट नहीं है. ये मैटरनिटी वार्ड में डिलीवरी में इस्तेमाल की हुई किटे है. जिन्हें फेंका गया है. फिलहाल इन्हें उठवाकर डिस्ट्रॉय करवाया जाएगा और आगे से इस तरह की लापरवाही करने पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ग्वालियर। जिले की डबरा तहसील के सिविल अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सो ने डिलीवरी और कोरोना वायरस की जांच करने वाली 1 दर्जन से अधिक किट को इस्तेमाल करने के बाद अस्पताल के कैंपस में बच्चों के टीकाकरण कक्ष के पास खुले में फेंक दी हैं.

कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा

खुले में फेंकी हुई कोरोना वायरस जांच किट अस्पताल परिसर में उड़ती हुई नजर आ रही है. जिससे अस्पताल में आने वाले लोगों को डर सता रहा है. साथ ही अस्पताल कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों को भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जहां कचरे का ढेर है और ये किटे फेंकी गई है उसके पास ही अस्पताल स्टाफ क्वाटर बने हुए है. जिससे अब इन क्वाटरों में रहने वाले लोगों को इन गंदगी भरी डिलीवरी किटों से कोरोना संक्रमण का खतरा सता रहा है.

अधिकारियों के आदेश की उड़ीं धज्जियां

एक तरफ जहां सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कई तरह से कोशिश कर रही है. जिसके लिए लोगों को आस-पास साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित कर रहे है. वही सिविल अस्पताल में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों और नर्स इस बीमारी से फैलने वाले संक्रमण की बिलकुल भी फिक्र नहीं है. जो अधिकारियों के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है. जिन किटों का इस्तेमाल करने के बाद पूरी तरह से डिस्ट्रॉय करना चाहिए, लेकिन डबरा सिविल अस्पताल प्रबंधन बिलकुल लापरवाह बना हुआ है.

ग्वालियर में बढ़ रहा कोरोना का कहर

ग्वालियर में इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण के केस भी बड़े है. डबरा के पिछोर में भी तीन कोरोना मरीज सामने आए है. जिनका इलाज ग्वालियर जिला अस्पताल में जारी है. ऐसे में अस्पताल प्रबन्धन की ये लापरवाही कोरोना वायरस को बढ़ाने में बड़ी भूमिका साबित हो सकती है.

एसडीएम ने कहा कोई खतरा नहीं

इस मामले में एसडीएम राघवेन्द्र पांडे और सिविल अस्पताल बीएमओ सुरेन्द्र सोलंकी का कहना है कि इन फेंकी हुई सेव डिलेवरी किट से कोई खतरा नहीं है. ये कोरोना मरीज को टेस्टिंग करने के दौरान पहनी हुई किट नहीं है. ये मैटरनिटी वार्ड में डिलीवरी में इस्तेमाल की हुई किटे है. जिन्हें फेंका गया है. फिलहाल इन्हें उठवाकर डिस्ट्रॉय करवाया जाएगा और आगे से इस तरह की लापरवाही करने पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.