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ग्वालियर चंबल में नाराज नेताओं ने उड़ाई बीजेपी की नींद!, डैमेज कंट्रोल में जुटे पार्टी के दिग्गज नेता

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Published : Sep 10, 2020, 11:25 PM IST

उपचुनावों के नजदीक आते ही बीजेपी में गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है. सिंधिया और उनके समर्थकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही ग्वालियर-चंबल के बीजेपी नेताओं में नाराजगी है. लिहाजा बीजेपी के दिग्गज नेता डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हैं, जो बेनतीजा साबित होता दिख रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

Resentment of veterans causing trouble for BJP before by-elections
उपचुनावों से पहले बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन रही दिग्गजों की नाराजगी

ग्वालियर। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही बीजेपी में नेताओं की नाराजगी लगातार सामने आती जा रही हैं. यही वजह है कि सिंधिया समर्थक नेताओं के दखल के बाद अब लगातार बीजेपी के कई बड़े दिग्गज नेता जिसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं, ग्वालियर चंबल अंचल के नाराज नेताओं को मनाने के लिए घर घर पहुंच रहे हैं,. लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी में नेताओं की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है.

डैमेज कंट्रोल में जुटे पार्टी के दिग्गज नेता

इसी का ताजा उदाहरण अभी भी हाल में ही देखने को मिला था, जब बीजेपी के नेता सतीश सिकरवार ने पार्टी छोड़ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. इससे यही साबित होता है कि भले ही बीजेपी के दिग्गज नेता घर-घर जाकर अपने नाराज नेताओं को मनाने का काम रहे हैं, लेकिन बीजेपी से नाराज चल रहे ये नेता बगावत कर रहे हैं.

कमलनाथ सरकार गिराने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने नेताओं की टीम को लेकर बीजेपी में शामिल हुए. ग्वालियर चंबल अंचल से ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद लगातार पार्टी में गुटबाजी का दौर शुरू हो गया.

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों का दबदबा इस ग्वालियर चंबल अंचल में कायम होता जा रहा है. यही वजह है पहले से बीजेपी में जमे वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं का भविष्य संकट में आता जा रहा है. इसके चलते इन नेताओं ने पार्टी के कई कार्यक्रमों से दूरी बनाई.

मनाने पर भी नहीं मान रहे दिग्गज

पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने रुठे नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है. खुद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा रुठे नेताओं के घर पर गए और उनसे बातचीत की. पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं में सबसे पहले पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, पूर्व मंत्री माया सिंह के साथ-साथ तमाम बड़े नेता शामिल हैं, जिनसे मिलने खुद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा उनके घर पहुंचे.

हालांकि नाराज नेताओं की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. यही वजह है कि लगातार किसी न किसी माध्यम से वो अपनी नाराजगी जाहिर कर देते हैं. ताजा उदाहरण सतीश सिकरवार हैं, जो पार्टी से अंदर ही अंदर नाराज चल रहे थे और इसका नतीजा रहा कि 2 दिन पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. इसके बाद अब बीजेपी की चिंता बढ़ने लगी है, क्योंकि कांग्रेस दावा कर रही है कि अभी भी बीजेपी के दो पूर्व मंत्री संपर्क में हैं, जो जल्द ही कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं.

कांग्रेस का तंज

इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि बीजेपी की रीति नीति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. वह सामंतवादी विचारधारा पर चल रही है. यही वजह है कि जो पुराने बीजेपी के नेता थे उनकी पूछ परख खत्म हो चुकी है और जो नए मेहमान बनकर पार्टी में शामिल हुए हैं, उनका रुतबा कायम है. यही वजह है कि वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं.

बीजेपी ने किया बचाव

बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि वही नेता बगावत कर रहे हैं, जिनकी जड़ें कमजोर हैं. बीजेपी एक विचारधारा से जुड़ी है, जिनकी विचारधारा अलग है वह पार्टी छोड़ रहे हैं. हमारे यहां कोई भी नाराजगी नहीं है. हमारे यहां सब काम संगठन के स्तर पर होते हैं.

एक बात तो साफ है कि अगर बीजेपी में यही नाराजगी की स्थिति रही तो इसका खामियाजा आगामी उपचुनाव के में भुगतना पड़ेगा, क्योंकि भले ही बीजेपी के पुराने दिग्गज नेता सिंधिया समर्थक नेताओं को जिताने की बात कर रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं अंदर से सिंधिया समर्थक नेताओं के खिलाफ नाराजगी जरूर है.

ग्वालियर। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही बीजेपी में नेताओं की नाराजगी लगातार सामने आती जा रही हैं. यही वजह है कि सिंधिया समर्थक नेताओं के दखल के बाद अब लगातार बीजेपी के कई बड़े दिग्गज नेता जिसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं, ग्वालियर चंबल अंचल के नाराज नेताओं को मनाने के लिए घर घर पहुंच रहे हैं,. लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी में नेताओं की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है.

डैमेज कंट्रोल में जुटे पार्टी के दिग्गज नेता

इसी का ताजा उदाहरण अभी भी हाल में ही देखने को मिला था, जब बीजेपी के नेता सतीश सिकरवार ने पार्टी छोड़ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. इससे यही साबित होता है कि भले ही बीजेपी के दिग्गज नेता घर-घर जाकर अपने नाराज नेताओं को मनाने का काम रहे हैं, लेकिन बीजेपी से नाराज चल रहे ये नेता बगावत कर रहे हैं.

कमलनाथ सरकार गिराने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने नेताओं की टीम को लेकर बीजेपी में शामिल हुए. ग्वालियर चंबल अंचल से ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद लगातार पार्टी में गुटबाजी का दौर शुरू हो गया.

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों का दबदबा इस ग्वालियर चंबल अंचल में कायम होता जा रहा है. यही वजह है पहले से बीजेपी में जमे वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं का भविष्य संकट में आता जा रहा है. इसके चलते इन नेताओं ने पार्टी के कई कार्यक्रमों से दूरी बनाई.

मनाने पर भी नहीं मान रहे दिग्गज

पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने रुठे नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है. खुद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा रुठे नेताओं के घर पर गए और उनसे बातचीत की. पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं में सबसे पहले पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, पूर्व मंत्री माया सिंह के साथ-साथ तमाम बड़े नेता शामिल हैं, जिनसे मिलने खुद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा उनके घर पहुंचे.

हालांकि नाराज नेताओं की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. यही वजह है कि लगातार किसी न किसी माध्यम से वो अपनी नाराजगी जाहिर कर देते हैं. ताजा उदाहरण सतीश सिकरवार हैं, जो पार्टी से अंदर ही अंदर नाराज चल रहे थे और इसका नतीजा रहा कि 2 दिन पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. इसके बाद अब बीजेपी की चिंता बढ़ने लगी है, क्योंकि कांग्रेस दावा कर रही है कि अभी भी बीजेपी के दो पूर्व मंत्री संपर्क में हैं, जो जल्द ही कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं.

कांग्रेस का तंज

इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि बीजेपी की रीति नीति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है. वह सामंतवादी विचारधारा पर चल रही है. यही वजह है कि जो पुराने बीजेपी के नेता थे उनकी पूछ परख खत्म हो चुकी है और जो नए मेहमान बनकर पार्टी में शामिल हुए हैं, उनका रुतबा कायम है. यही वजह है कि वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं.

बीजेपी ने किया बचाव

बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि वही नेता बगावत कर रहे हैं, जिनकी जड़ें कमजोर हैं. बीजेपी एक विचारधारा से जुड़ी है, जिनकी विचारधारा अलग है वह पार्टी छोड़ रहे हैं. हमारे यहां कोई भी नाराजगी नहीं है. हमारे यहां सब काम संगठन के स्तर पर होते हैं.

एक बात तो साफ है कि अगर बीजेपी में यही नाराजगी की स्थिति रही तो इसका खामियाजा आगामी उपचुनाव के में भुगतना पड़ेगा, क्योंकि भले ही बीजेपी के पुराने दिग्गज नेता सिंधिया समर्थक नेताओं को जिताने की बात कर रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं अंदर से सिंधिया समर्थक नेताओं के खिलाफ नाराजगी जरूर है.

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