ग्वालियर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में राजनीति अपने चरम पर है. पार्टियों के प्रदेश स्तर के नेता सेलेकर दिग्गज नेता लगातार सभाएं कर रहे हैं. अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए जी जान से प्रयास में जुटे हुए हैं. तो वहीं दूसरी तरफ बागी नेता मानने को तैयार नहीं हैं. चंबल-अंचल में सबसे ज्यादा मुश्किल बीजेपी के लिए हो रही है. एक के बाद एक नेता दलबदल में लगे हुए हैं. हाल ही में भाजपा को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है.
भाजपा को फिर झटका: भाजपा को झटका तब लगा जब ग्वालियर की पूर्व विधानसभा से चुनाव लड़ रहीं माया सिंह के प्रस्तावक पंकज पालीवाल ने पार्टी का दामन छोड़ दिया. पंकज कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियों में चहल-पहल तेज हो गई है. आपको बता दें कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉक्टर सतीश सिकरवार ने इस बात की जानकारी X पर ट्वीट कर दी है. डॉक्टर सतीश सिकरवार ने ट्वीट करते हुए बताया कि कांग्रेस की रीति-नीति से प्रभावित होकर भाजपा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य और पूर्व मंत्री माया सिंह के प्रस्तावक पंकज पालीवाल ने भाजपा के अन्य दो नेताओं सीमा शर्मा और चंद्र प्रकाश गुप्ता ने अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है.
सिंधिया के करीबी माने जाते हैं पंकज पालीवाल: आपको बता दें कि कांग्रेस में शामिल हुए पंकज पालीवाल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद गरीबी माने जाते हैं. सिंधिया परिवार के रिश्तेदार मानी जाने वाली और पूर्व मंत्री रहीं विधानसभा प्रत्याशी माया सिंह के प्रस्तावक भी थे. यह एक भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. जिससे अगले कुछ दिनों में होने वाले चुनाव में असर पड़ सकता है.
कुछ दिन पहले भी नेताओं ने बीजेपी छोड़ी: बता दें कुछ दिन पहले भी बीजेपी को चंबल अंचल से झटका लगा था. यहां 9 नवंबर को बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक विजेंद्र तिवारी ने हजारों समर्थकों के साथ कांग्रेस ज्वाइन की थी. वे टिकट न मिलने के कारण बीजेपी से नाराज चल रहे थे. वहीं इससे पहले 7 नवंबर को भी पूर्व विधायक मदन कुशवाह ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थामा था. उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन की आमसभा में कांग्रेस ज्वाइन की थी.