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कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने जलाया केंद्र सरकार का पुतला, पुलिस ने की वाटर कैनन की बौछार

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Published : Dec 8, 2020, 3:41 PM IST

कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का आज भारत बंद जारी है. बंद के समर्थन में किसान और कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्र सरकार का पुतला दहन किया गया. इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी, और भीड़ को हटाया.

Administration showers water when agitators burnt effigy of central government on bharat bandh
आंदोलनकारियों पर पानी की बौछार

ग्वालियर। दिल्ली के बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आज भारत बंद का आह्वान किया गया. बंद के आह्वान पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन देते हुए डबरा शहर में बाइक रैली निकाली, और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और किसान अग्रसेन चौराहे पर एकत्रित हुए. जहां केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रशासन ने किसानों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऊपर पानी की बौछारें छोड़ी, और जलते हुए पुतले को भी बुझाया. किसानों ने इसे हिटलर शाही करार दिया है.

पानी की फुहारें देख किसानों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भगदड़ मच गई. सभी लोग तितर-बितर होते नजर आए, लेकिन बाद में फिर से आंदोलन की शुरुआत की गई. बड़ी संख्या में शहर भर में ट्रैक्टर- ट्रॉली से एकत्रित होकर किसान संगठनों ने अग्रसेन चौराहे पर बैठकर धरना दिया.

हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि, किसानों के प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह से बल पूर्वक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. जबकि प्रशासन द्वारा पानी की बौछार और बल पूर्वक कार्रवाई की गई. किसानों ने इसे हिटलर शाही करार दिया है.

ग्वालियर। दिल्ली के बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आज भारत बंद का आह्वान किया गया. बंद के आह्वान पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन देते हुए डबरा शहर में बाइक रैली निकाली, और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और किसान अग्रसेन चौराहे पर एकत्रित हुए. जहां केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रशासन ने किसानों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऊपर पानी की बौछारें छोड़ी, और जलते हुए पुतले को भी बुझाया. किसानों ने इसे हिटलर शाही करार दिया है.

पानी की फुहारें देख किसानों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भगदड़ मच गई. सभी लोग तितर-बितर होते नजर आए, लेकिन बाद में फिर से आंदोलन की शुरुआत की गई. बड़ी संख्या में शहर भर में ट्रैक्टर- ट्रॉली से एकत्रित होकर किसान संगठनों ने अग्रसेन चौराहे पर बैठकर धरना दिया.

हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि, किसानों के प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह से बल पूर्वक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. जबकि प्रशासन द्वारा पानी की बौछार और बल पूर्वक कार्रवाई की गई. किसानों ने इसे हिटलर शाही करार दिया है.

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