ग्वालियर। एडीजी राजाबाबू सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर उन्होंने साफ कहा है कि उनके क्षेत्र में नजर आने पर वह बच नहीं पाएगा. इस बयान के बाद ग्वालियर पुलिस ने अपनी मंसूबे जाहिर कर दिये हैं कि पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने से देशभर के पुलिस महकमे के अंदर आक्रोश है.
एडीजी राजा बाबू सिंह के मुताबिक एडीजी कानपुर जय नारायण सिंह द्वारा सूचित किया गया है 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी कुख्यात बदमाश और दो लाख के इनामी विकास दुबे की चंबल रीजन के साथ ग्वालियर रीजन में आकर छिपने की संभावना है. ऐसे में ग्वालियर आईजी से मदद मांगी गई है. ग्वालियर आईजी के साथ मिलकर यूपी पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है.
एडीजी राजा बाबू सिंह ने बताया कि इंफॉर्मेशन शेयरिंग से लेकर चंबल रीवर बेसिन मैप रोड पेट्रोलिंग व कट ऑफ पार्टी की तैनाती में दोनों अंचल की संयुक्त टीम को कार्रवाई में लगा दी गई है. ऐसे में राजा बाबू सिंह ने स्पष्ट किया है विकास दुबे यदि उनके इलाके में नजर आता है तो वह बचकर नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में स्थित विक्रम गांव में गुरुवार रात को कुख्यात अपराधी विकास दुबे व उनके साथियों ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. इसके बाद इस कुख्यात बदमाश की पुलिस दिन रात तलाश करने में जुटी हुई है. इसी क्रम के अनुसार उसकी मोबाइल की अंतिम लोकेशन के आधार पर ग्वालियर में चंबल सीजन में उसके छुपने की संभावना जताई गई है.
विकास दुबे पर 2.5 लाख का इनाम
कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे पर इनामी धनराशी बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है. इससे पहले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 1 लाख का इनाम घोषित था. बता दें कि बीते गुरुवार की रात शातिर अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं.
पुलिस की गिरफ्त से दूर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का वारदात के 48 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है. जिसके बाद पुलिस ने विकास दुबे पर 2.50 लाख का इनाम घोषित किया है. इसके साथ ही विकास दुबे के गुर्गे श्यामू वाजपेयी, छोटू शुक्ल, जेसीबी चालक मोनू, जहान यादव, दया शंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, पंडित शिव तिवारी, विष्णु पाल, राम सिंह, राम वाजपेयी, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, गोपाल सैनी, वीरू भवन, शिवम दुबे, बालगोविंद और बउवा दुबे शामिल हैं. इन पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है. जिनमें से दयाशंकर पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है.
विकास दुबे के गांव से लोग कर रहे हैं पलायन
3 जुलाई की रात को दबिश देने गई पुलिस पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी, जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद आलम ये है कि अपराधी विकास दुबे के गांव बिकरू में दहशत के चलते लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि आसपास के क्षेत्रों में विकास दुबे के नाम का खौफ कायम है.