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फर्जी फर्मों के जरिए कंपनियां कर रही थीं कारोबार, 6 महीने में 200 करोड़ की GST की चोरी - जल्द होगी कार्रवाई

गुड्स एंड सर्विस टैक्स ने 6 ऐसे कंपनियों का खुलासा किया है, जो फर्जी कंपनियों के जरिए कारोबार कर सरकार को करीब 200 करोड़ से ज्यादा के टैक्स का चूना लगाया रहे है.

फर्जी फर्मों के जरिए कंपनियां कर रही थीं कारोबार
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Published : May 22, 2019, 1:28 PM IST

ग्वालियर। गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि GST ने 6 फर्जी फर्मों का खुलासा किया है. इन फर्जी कंपनियों ने 6 महीने के कारोबार में सरकार को करीब 200 करोड़ से ज्यादा के टैक्स का चूना लगाया है. जब अधिकारियों ने मुख्यालय से स्थानीय अफसरों को इन फर्मों के बारे में पता करने को कहा, तो जांच में मौके पर एक भी फर्म नहीं मिली और ना ही उनके द्वारा भरे गए रिटर्न के बारे में कोई पुख्ता जानकारी मिल सकी.

फर्जी फर्मों के जरिए कंपनियां कर रही थीं कारोबार

बता दें कि ग्वालियर में रेडीमेड कपड़ों के कारोबार से संबंध रखने वाली 6 फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इन फर्मों ने एक राज्य से माल खरीदकर दूसरे राज्य में माल बेचने और उस पर GST का भुगतान करने का दावा किया था. जब राज्य कर के सर्विलांस पर इन फर्मों की ई-वे बिल जनरेशन का विश्लेषण किया गया, तो टैक्स भुगतान में यह फर्में काफी आगे दिखीं. इसका बारीकी से जब ग्वालियर के GST अफसरों ने मौका मुआयना किया, तो वहां फर्म गायब मिली. यह फर्म रचना नगर, नया बाजार सहित विभिन्न इलाकों में खोली गई थी.

करोड़ों का घपला ई-वे बिल जनरेशन के लिए डाटा एनालिसिस के दौरान मामला पकड़ में आया था. जीएसटी राज्य कर के अधिकारियों ने देखा कि पिछले 6 महीने में ही इन बोगस फर्मों ने 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है. मौके पर जाकर पता किया गया तो कई फर्मों के मालिक ने अपने कारोबार को दिखाने के लिए किराए पर जगह ली थी और टैक्स चोरी करने के बाद उन्होंने अपना कारोबार समेट लिया था. कई फर्मों के नाम-पते फर्जी निकले हैं. अब टैक्सेशन कार्यालय ने आगे से बोगस फर्मों पर लगाम कसने के लिए उनका मौका मुआयना करने का फैसला किया है. इसके अलावा बोगस फर्म के असली मालिकों का पता लगाया जा रहा है.

ग्वालियर। गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि GST ने 6 फर्जी फर्मों का खुलासा किया है. इन फर्जी कंपनियों ने 6 महीने के कारोबार में सरकार को करीब 200 करोड़ से ज्यादा के टैक्स का चूना लगाया है. जब अधिकारियों ने मुख्यालय से स्थानीय अफसरों को इन फर्मों के बारे में पता करने को कहा, तो जांच में मौके पर एक भी फर्म नहीं मिली और ना ही उनके द्वारा भरे गए रिटर्न के बारे में कोई पुख्ता जानकारी मिल सकी.

फर्जी फर्मों के जरिए कंपनियां कर रही थीं कारोबार

बता दें कि ग्वालियर में रेडीमेड कपड़ों के कारोबार से संबंध रखने वाली 6 फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इन फर्मों ने एक राज्य से माल खरीदकर दूसरे राज्य में माल बेचने और उस पर GST का भुगतान करने का दावा किया था. जब राज्य कर के सर्विलांस पर इन फर्मों की ई-वे बिल जनरेशन का विश्लेषण किया गया, तो टैक्स भुगतान में यह फर्में काफी आगे दिखीं. इसका बारीकी से जब ग्वालियर के GST अफसरों ने मौका मुआयना किया, तो वहां फर्म गायब मिली. यह फर्म रचना नगर, नया बाजार सहित विभिन्न इलाकों में खोली गई थी.

करोड़ों का घपला ई-वे बिल जनरेशन के लिए डाटा एनालिसिस के दौरान मामला पकड़ में आया था. जीएसटी राज्य कर के अधिकारियों ने देखा कि पिछले 6 महीने में ही इन बोगस फर्मों ने 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है. मौके पर जाकर पता किया गया तो कई फर्मों के मालिक ने अपने कारोबार को दिखाने के लिए किराए पर जगह ली थी और टैक्स चोरी करने के बाद उन्होंने अपना कारोबार समेट लिया था. कई फर्मों के नाम-पते फर्जी निकले हैं. अब टैक्सेशन कार्यालय ने आगे से बोगस फर्मों पर लगाम कसने के लिए उनका मौका मुआयना करने का फैसला किया है. इसके अलावा बोगस फर्म के असली मालिकों का पता लगाया जा रहा है.

Intro:ग्वालियर
गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी ने 6 ऐसी फर्मों का पता लगाया है जिन्होंने सिर्फ कागजों में ही 6 महीने के कारोबार में सरकार को करीब 200 करोड़ से ज्यादा का टैक्स का चूना लगाया है। जब मुख्यालय से स्थानीय अफसरों को इन फर्मो के बारे में पता करने को कहा गया तो मौके पर एक भी फर्म नहीं मिली ना ही उनके द्वारा लिए गए रिटर्न के बारे में कोई पुख्ता जानकारी मिल सकी।


Body:दरअसल ग्वालियर में रेडीमेड कपड़ों के कारोबार से संबंध रखने वाली छह फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया था इन फर्मो ने एक राज्य से माल खरीद कर दूसरे राज्य में माल बेचने और उस पर जीएसटी का भुगतान करने का दावा किया था ।जब राज्य कर के सर्विलांस पर यह फर्मो की ई वे बिल जनरेशन का विश्लेषण किया गया तो टैक्स भुगतान मे यह फर्मे काफी आगे दिखी। इसका बारीकी से जब ग्वालियर के जीएसटी अफसरों ने मौका मुआयना किया तो वहां फर्म गायब मिली यह फर्म रचना नगर ,नया बाजार सहित विभिन्न इलाकों में खोली गई थी।


Conclusion:करोड़ों के घपले का मामला ई वे बिल जनरेशन के लिए डाटा एनालिसिस के दौरान मामला पकड़ में आया था। जीएसटी राज्य कर के अधिकारियों ने देखा कि पिछले 6 महीने में ही इन बोगस फर्मों ने 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया है मौके पर जाकर पता किया गया तो कई फर्मों के मालिक ने अपने कारोबार को दिखाने के लिए किराए पर जगह ली थी और टैक्स चोरी करने के बाद उन्होंने अपना कारोबार समेट लिया। कई फर्मों के नाम पते फर्जी निकले हैं अब टैक्सेशन कार्यालय ने आगे से बोगस फर्मों पर लगाम कसने के लिए उनका मौका मुआयना करने का फैसला किया है इसके अलावा बोगस फर्म के असली मालिकों का पता लगाया जा रहा है फिलहाल इन फलों के कारोबार को रोक दिया गया है।
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