गुना। 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होगा. बजट से हर सेक्टर की अपनी-अपनी उम्मीदें हैं. रेजिडेंशियल सेक्टर कोरोना महामारी से पैदा हुए संकट के बीच दमदार वापसी की उम्मीद कर रहा है. रियल एस्टेट सेक्टर जहां 2022 में हाउसिंग डिमांड बढ़ने की आस लगा रहा है, वहीं उसे भरोसा है कि आम बजट 2022 (Union Budget 2022) इसमें एक सहयोगी और सकारात्मक भूमिका निभाएगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का मिलेगा दर्जा
मास्टर्स इंफ्रा के निदेशक गुरुचरण सिंह का कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने रिटेल रियल एस्टेट को काफी प्रभावित किया है. मगर सफल टीकाकरण का इस सेक्टर पर सकारात्मक असर दिखाई दिया है. इंवेस्टर्स अब पहले की तरह इंवेस्ट कर रहे हैं, उम्मीद है कि विकास की गति जल्द ही कोविड-पूर्व स्तर तक पहुंच जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का दर्जा और सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी डेवलपर्स द्वारा लंबे समय से चली आ रही मांग को इस बार पूरा किया जायेगा.
कारोबारियों की उम्मीदें, रियल एस्टेट को रफ्तार देने वाला हो 2022 का बजट
बजट से कारोबारियों की उम्मीदें
स्पेट्रम मेट्रो के प्रोजेक्ट हेड सागर सक्सेना ने कहा कि रिटेल रियल एस्टेट में कोरोना के तीसरे संस्करण ओमीक्रोन का असर कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि सभी आशंकाओं के बीच भी नये प्रोजेक्ट लॉन्च हो रहे हैं. इंवेस्टर्स और रिटेलर्स दोनों ही इसमें अपना रूझान दिखा रहे हैं. समय पर परियोजनाएं पूरी हो रही है और फिर से स्टोर खुल रहे हैं. ये पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है. डेवलपर्स भी अब पहले से ज्यादा कोंफिडेंट हैं, क्योंकि उन्होंने डिजिटली भी अपने आप को बूस्ट कर लिया है.
ताकि मिल सके सस्ता लोन
यश मिगलानी जो कि मिगसन ग्रुप के एमडी हैं, उनका कहना है कि रिटेल रियल एस्टेट सभी आशंकाओं के बीच भी नये प्रोजेक्ट लॉन्च हो रहे हैं. इंवेस्टर्स और रिटेलर्स दोनों ही इसमें अपना रूझान दिखा रहे हैं. मगर सेक्टर को सरकार से कुछ और उम्मीदें है, ताकि विकास की गति को बनाये रखा जा सकें. इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का दर्जा देने मिलने से डेवलपर्स को वित्तीय संस्थानों और बैंकों से सस्ता कर्ज प्राप्त करने में आसानी होगी. जीएसटी के दायरे में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क को समाप्त करना अत्यधिक फायदेमंद होगा.
लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने वाला हो बजट
महामारी के बाद इस वर्ष रियल एस्टेट मार्केट बहुत अधिक सकारात्मक है. ये कहना है गुलशन ग्रुप के निदेशक दीपक कपूर का. उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि के कारण वर्तमान समय में घर का मालिक होना बहुत अच्छा है. तीसरी लहर के बीच, रियल एस्टेट सेक्टर को इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का दर्जा देने का यह सही समय है. इससे डेवलपर्स को वित्तीय संस्थानों और बैंकों से सस्ता कर्ज प्राप्त करने में आसानी होगी. सेक्टर सरकार पर भरोसा कर रहा है; हमें उम्मीद है कि बजट लोगों को अधिक क्रय शक्ति प्राप्त करने में मदद करेगा. वर्क फ्रॉम होम के कारण, कमर्शियल वर्ग को अधिक नुकसान उठाना पड़ा है. इसलिए सेक्टर बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जो लॉकडाउन और कर्फ्यू के बाद के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है.
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कोरोना ने अर्थव्यवस्था को जबरदस्त प्रभावित किया
सिक्का ग्रुप के एमडी हरविंदर सिंह की मानें तो कोरोना ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. मगर देश में कुछ सेक्टर ऐसे भी रहे जो इस प्रभाव को दरकिनार करते हुए विकास के साथ अच्छी वापसी की. रियल एस्टेट सेक्टर भी उन्हीं सेक्टर में से एक है, जिसने अच्छा सुधार दिखाया है. उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में इस सेक्टर में और वृद्धि देखी जाएगी. मांग और पूर्ति को बढ़ाने के लिए इस सेक्टर ने डिजिटल प्लेटफार्म पर खुद को अच्छी तरह स्थापित कर लिया है.
बूम पर रियल एस्टेट
कोरोना के शुरुआती दौर में रियल एस्टेट सेक्टर में कुछ सुस्ती आई थी, मगर इस सेक्टर ने अपने अच्छे मैनेजमेट के जरिए खुद को उबार लिया है. ये कहना है महागुन के निदेशक धीरज जैन का. जैन ने कहा कि आज इस सेक्टर में तेजी देखी जा रही है और अनुमान है कि ये आगे भी बनी रहेगी. कोरोना की तीसरे लहर की आशंकाओं के बीच हमें घर खरीदारों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, जिसके बने रहने की उम्मीद है.
जरूरी है घर खरीदारी प्रक्रिया को किफायती बनाना
एबीए कॉर्प और प्रेसिडेंट (इलेक्ट.), क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के निदेशक अमित मोदी ने कहा कि हम एक वैश्विक महामारी की तीसरी लहर से गुजर रहे हैं, और देश के सबसे बड़े रोजगार नियोक्ता सेक्टर में से एक होने के नाते रियल एस्टेट सेक्टर की आवश्यकताओं को पूरा करने और पाने के लिए बहुत कुछ है. किफायती होम लोन की उपलब्धता और घर के स्वामित्व की इच्छा का होना इस सेक्टर के पुनरुद्धार के दो प्रमुख कारक हैं. हालांकि अब भी कुछ ऐसे पहलू हैं जिन पर सरकार का ध्यान देने की आवश्यकता है, विशेष रूप से 2022-23 केंद्रीय बजट में.
सबसे लंबे समय से चली आ रही मांगों में से एक है 'रियल एस्टेट सेक्टर को इन्फ्रा-उद्योग का दर्जा', 'उद्योग का दर्जा' न होना, रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से सुलभ वित्त प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है. यह सिस्टम से कम दर पर ऋण प्राप्त करने में मदद करेगा, और लाभ को अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाया जा सकता है. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि जहां तक हाउसिंग रियल एस्टेट का संबंध है, इनपुट क्रेडिट व्यवस्था को जीएसटी में से वापस लिया जाना चाहिए. अगर इस तरह के लाभ मिलते हैं तो ये फायदा होमबॉयर्स हस्तांतरित किया जा सकेगा, जो घर खरीदारी प्रक्रिया को किफायती बना देगा. यह खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को कच्चे माल की लागत में उतार-चढ़ाव के लागत प्रभाव से भी बचाएगा.
सरकार को डेवलपर कम्युनिटी की लंबे समय से चली आ रही मांगों पर ध्यान देना चाहिए जिसमें तेजी से डिलेवरी और परियोजना को पूरा करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस, होम लोन पर ब्याज पर छूट की सीमा शामिल है. देश भर में लाखों खरीदारों को सहायता देने के लिए धारा 80सी के तहत मूल कटौती नियम लागू किए जाये. यह सुनिश्चित करेगा कि चुकाए गए आवास ऋण की मूल राशि की कटौती को धारा 80 सी के तहत अन्य कटौती के साथ नहीं जोड़ा जाएगा. वैकल्पिक रूप से, धारा 80 सी के तहत सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए
आवास योजना की राशि हो दोगुनी
एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन रियल एस्टेट, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट के को-फाउंडर एंड चेयरमैन, प्रसिडेंट सिग्नेचर ग्लोबल एंड चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटित राशि को दोगुना करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोगों का अपने घर का सपना साकार हो सके और जो सरकार के लक्ष्य ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ को पूरा करने में मदद कर सकें. वित्त मंत्री को टैक्स क्रेडिट पर ध्यान देना होगा, निर्माण सामग्री पर जीएसटी को एक अंक में कम करना होगा और किफायती आवास डेवलपर के लिए टैक्स छूट देनी होगी.
(Union Budget 2022) (real estate sector)