गुना। जिले में पिछले तीन दिन से बारिश का दौर जारी है. बारिश के बाद अब ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. सोमवार रात ओलावृष्टि के कारण जिले के 15 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं. ओलों की सफेद चादर ने खेतों को ढंक लिया. फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं. कई गांवों में गेहूं, चना, सरसों की फसलें खेत में कटी पड़ी थी लेकिन अब ये फसलें खेत में सडे़ंगी.
धनिया की फसल पूरी तरह बर्बाद : ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान धनिया की फसल को पहुंचा है. धनिया लगभग बर्बाद होने की कगार पर है. बता दें कि गुना जिले में धनिया की खासी पैदावार होती है. गुना का धनिया कारोबार पूरे देश में है. गुना से विदेशों तक धनिया की सप्लाई होती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर तक धनिया की ट्रेडिंग होती है. अब धनिया फसल को नुकसान पहुंचने से इसके भाव बढ़ने की संभावना है. जिले के म्याना और आसपास के क्षेत्र में बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ गई है. बारिश के बाद ओलावृष्टि ने गाजीपुर और पूनमखेड़ी के किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
ये खबरें भी पढ़ें.. |
गेहूं की बालियां टूटकर खेतों में गिरी : गेहूं की फसल खेतों में तबाह हो रही है. ओलावृष्टि होने से गेंहू की बालियां टूटकर गिर गई हैं. चना, धनिया की फसल खेतों में कटी हुई रखी है, जिसे मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. कुंभराज क्षेत्र के मदागन माफी, गुर्जरखेड़ी, सानई गांव के आसपास भी ओलावृष्टि से खासा नुकसान देखने को मिला है. एसडीएम वीरेंद्र बघेल ने बताया कि सर्वे के लिए दल गठित कर दिए गए हैं. जल्द ही टीमें सर्वे रिपोर्ट पूरी कर लेंगी. जहां-जहां नुकसान हुआ है, उसका आकलन शुरू कर दिया गया है. सर्वे रिपोर्ट के बाद किसानों को मुआवजा वितरण किया जाएगा.