गुना। गुना जिले में अजीबोगरीब प्रशासनिक व्यवस्था है. यहां डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार से ज्यादा आईएएस अधिकारी तैनात हैं. 2013 बैच के आईएएस अधिकारी फ्रेंक नोबल जिले के कलेक्टर हैं. वहीं 2014 बैच के आईएएस अधिकारी आदित्य सिंह अपर कलेक्टर के पद पर तैनात हैं. 2018 बैच के आईएएस प्रथम कौशिक जिला पंचायत सीईओ के पद पर तैनात हैं. वहीं 2019 बैच की महिला आईएएस आर.अंजली प्रशिक्षु एसडीएम के तौर पर राघोगढ़ में पदस्थ हैं. जिले में केवल दो ही डिप्टी कलेक्टर मौजूद हैं.
पेंडिंग केस की संख्या बढ़ी : वीरेंद्र बघेल जो गुना के एसडीएम हैं एवं विकास आनंद जो चाचौडा में एसडीएम के रूप में पदस्थ हैं. आरबी सिंडोस्कर और सोनम जैन संयुक्त कलेक्टर हैं, जो मुख्यालय पर पदस्थ हैं. जिले में तहसीलदारों की संख्या आईएएस अधिकारियों से कम है. आरोन तहसील में संदीप श्रीवास्तव तहसीलदार हैंं. उनके अलावा जिले की सभी तहसीलों में नायब तहसीलदार पदस्थ हैं. गुना जिले में डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदारों की कमी होने से काम भी प्रभावित होता है. सरकारी कार्यों में पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. जिसका सीधा असर शासन की योजनाओं पर पड़ रहा है.
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सरकारी योजनाएं प्रभावित : प्रदेश सरकार द्वारा लंबे समय से जिले में प्रशासनिक मशीनरी में नियुक्तियां नहीं की गई हैं, जो हैरान करने वाली बात हैं. जिले की अजीबोगरीब प्रशासनिक व्यवस्था के कारण कलेक्टर फ्रेंक नोबल द्वारा सीमित अधिकारियों से शासकीय कार्य कराया जा रहा है. इससे सरकारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. किसानों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं. तहसीलदारों की जगह नायब तहसीलदार काम कर रहे हैं. इस कारण उन पर दोहरी जिम्मेदारी है. यही कारण है कि तहसीलों में किसानों के पेंडिंग केस बढ़ते जा रहे हैं.