गुना। निजी स्कूलों की मनमानी पर प्रदेश भर में प्रशासन सख्त हो गया है. भोपाल से लेकर डिंडौरी और गुना तक निजी स्कूलों पर कार्रवाई हो रही है. गुना में कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने क्राइस्ट स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजकर स्कूल द्वारा की जा रही मनमानी पर जवाब तलब किया है. जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद आज 10 अप्रैल को क्राइस्ट स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को नोटिस जारी कर 2 हजार रुपए वापस ले जाने की सूचना जारी की है. मिशनरी संस्था क्राइस्ट स्कूल में खेल गतिविधियों में शामिल होने के लिए नर्सरी से लेकर कक्षा 10वीं तक के हर स्टूडेंट से 2-2 हजार रुपए वसूले जा रहे थे. यदि कोई अभिभावक 2 हजार रुपये चुकाने में सक्षम नहीं था तो उसके बच्चे को स्कूल में खेलने की अनुमति नहीं थी.
विशेष गतिविधि के नाम पर मनमानी वसूली: इस स्कूल में तकरीबन साढ़े तीन हजार स्टूडेंट्स हैं. इस हिसाब से 70 लाख रुपए की अवैध वसूली तय की गई थी. 2 हजार रुपये वसूलने के लिए अभिभावकों को एक फॉर्म दिया जाता था जिसे भरकर स्कूल में जमा करना होता था. पिछले शिक्षा सत्र में 2 हजार रुपए देने वाले स्टूडेंट को भी कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, कारण कि जिन 11 गतिविधियों के नाम पर ये वसूली की जा रही थी उनके विशेषज्ञ स्कूल में नही हैं. साथ ही एक्स्ट्रा फीस लेने के बावजूद सप्ताह में सिर्फ दो ही दिन स्कूल टाइम के एक एक पीरियड में स्कूल ड्रेस पहने बच्चों को खेलने ले जाया जाता था. अभिभावकों का कहना था कि स्कूल की एन्युअल फीस में पहले से ही खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों का चार्ज शामिल है, तो फिर एक्स्ट्रा फीस क्यों वसूली जा रही है.
भोपाल में एक नामी स्कूल पर कार्रवाई: राजधानी भोपाल में नए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर यूनिफॉर्म और किताबें एक ही दुकान से खरीदने का दबाव बनाने वाले स्कूलों पर अब कार्रवाई होना भी शुरू हो गई है. अभिभावकों की शिकायत के बाद मंगलवार को एक बड़े नामी स्कूल पर एसडीएम मनोज वर्मा जांच करने पहुंचे और आरोप सही पाए जान पर कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की है. स्कूल द्वारा अभिभावकों से एक ही दुकान से किताबें और यूनिफार्म खरीदने का दबाव बनाया जा रहा था. कलेक्टर आशीष सिंह ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के चलते जिले में धारा 144 के तहत किसी भी एक संस्थान या दुकान से यूनिफॉर्म किताबें आदि खरीदने का दबाव बनाने पर स्कूलों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किया है.
निजी स्कूलों पर डिंडौरी कलेक्टर सख्त: डिंडौरी कलेक्टर ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जिले में धारा 144 लगा दी है. कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी अभिभावक को कोई स्कूल जबरन किसी एक दुकान से पुस्तक खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता और ना ही ड्रेस के मामले में कोई एकाधिकार किसी स्कूल के पास है. यदि इस आदेश के बाद भी किसी स्कूल ने मनमानी की तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमो से जानकारी लगी है कि निजी स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और विक्रेताओं द्वारा पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों पर यूनिफार्म, पुस्तकें खरीदने के लिये दबाव बनाया जाता है जिससे लोग आर्थिक और अनावश्यक दबाव से गुजरते है. इसलिए कुछ गाइड लाइन जारी की गईं है जिससे निजी स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और विक्रेताओं का एकाधिकार खत्म हो सके और अभिभावक अनावश्यक दबाव से बच सके.