गुना। इंसान में चाहे लाखों बुराइयां क्यों ना हों, लेकिन उसकी मौत के बाद बुराइयों को ताक पर रखकर सम्मान से साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाता है और आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है. लेकिन सरकारी इंतजाम के चलते मध्यप्रदेश के गुना में लोगों का अंतिम संस्कार भी तरीके से नहीं हो पा रहा है. बारिश के चलते लोगों को अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण लोहे की टीन शेड लगाकर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर हैं. Guna Cremation Ground Corruption
श्मशान घाट में बड़ा घोटाला: गुना जिले के मधुसूदनगढ़ क्षेत्र के बाड़ोन गांव में सरकारी सिस्टम की पोल खुलती नजर आ रही है. बाड़ोन गांव में अधिकारियों ने मुर्दों को भी नहीं छोड़ा और श्मशान घाट में बड़ा घोटाला कर दिया. जिसका खामियाजा आज भी वहां रह रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है.आलम यह है कि बारिश के मौसम में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे श्मशान घाट भी नसीब नहीं होता. गांव वाले चादर लगाकर अंतिम संस्कार करते हैं. Poor government infrastructure
लोहे की टीन शेड लगाकर अंतिम संस्कार: मधुसूदनगढ़ क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां पर विकास के नाम पर पंचायतों में करोड़ों रुपए खर्च किए गए. लेकिन पिछले 2 सालों से सरकारी सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण उठा रहे हैं. बारिश में किसी की मौत हो जाने पर लोग टेंपरेरी लोहे की टीन शेड हाथों में पकड़ कर अंतिम संस्कार करते हैं. तब स्थिति और भी भयावह हो जाती है जब अंतिम संस्कार करने के लिए बारिश के वेग के थमने का इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार जिम्मेदारों को इस बात से अवगत कराया लेकिन इस और किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया.
नहीं है श्मशान तक जाने का रास्ता, अर्थी लेकर घुटनों तक पानी से होकर गुजरने को मजबूर ग्रामीण
कलेक्टर ने की कार्रवाई करने की बात: गुना कलेक्टर फ्रैंक नोबेल इस मामले में कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. लेकिन कोई पुख्ता कार्रवाई कब तक होगी यह आने वाला समय बताएगा. फिलहाल इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासन और सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. आदिवासी क्षेत्रों में आज भी विकास की दरकार है.
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