गुना। हाईप्रोफाइल आत्माराम पारधी को लापता हुए लगभग 7 साल बीतने के बावजूद आज तक कोई भी सुराग नहीं लगा है. आत्माराम पारधी को ढूंढने के लिए CID की टीम जुट गई है. ग्वालियर से गुना पहुंची CID की टीम ने पुलिस आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को डिटेन करते हुए पूछताछ की है. CID के अधिकारी सतीश चतुर्वेदी ने बताया कि गिरफ्तार आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को धरनावदा थाना क्षेत्र के तीन स्थानों पर ले जाया गया था. आत्माराम पारधी से जुड़े पूरे घटनाक्रम का रुपांतरण भी कराया गया है. आत्माराम पारधी के लापता होने के आरोपों में घिरे योगेंद्र सिसोदिया ने CID के सामने कई खुलासे किए हैं. दो दिन की रिमांड लेने के बाद पुलिस आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को जेल भेज दिया गया है.
7 साल बाद भी आत्माराम नहीं मिला: आरोपी आरक्षक के बयानों के आधार पर CID की टीम ने सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह के घर से ब्लू कलर की कार जब्त की है. जिसका नंबर MP08 CA 0022 है. बताया जा रहा है की उक्त कार का उपयोग आत्माराम पारधी से जुड़े घटनाक्रम में किया गया था. CID अधिकारी सतीश चतुर्वेदी ने कार बरामद करने के बाद धरनावदा थाने भेज दी है. फिलहाल सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा उर्फ दाऊ, रघुराज तोमर फरार हैं. लापता आत्माराम पारधी के परिजनों ने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक न्याय की गुहार लगाई है. पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष सुलोचना पारधी ने अपने परिजन आत्माराम के लापता होने पर सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह ,रघुराज तोमर ,बनिया गुर्जर,योगेंद्र सिसोदिया को कठघरे में खड़ा किया है. सुलोचना पारधी ने आरोपियों से खुद की जान को खतरा भी बताया है. सुलोचना पारधी ने बताया कि आत्माराम पारधी की गोली मारकर हत्या की गई है, 7 साल बीतने के बाद भी आत्माराम नहीं मिला है. हत्या के बाद आरोपियों ने उसका शव कहीं दफना दिया या जला दिया है.
तीन पुलिसकर्मी सहित 5 आरोपी: सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह का नार्को टेस्ट किया जाए तो पूरा मामला साफ हो जाएगा. आत्माराम की मां अप्पीबाई भी अपने बेटे के गम में चल बसी हैं. आत्माराम पारधी मामले में 3 पुलिसकर्मियों समेत 5 लोगों को आरोपी बनाया गया है. दरअसल वर्ष 2015 में आत्माराम पारधी अपने परिवार के साथ पार्वती नदी पर अंतिम संस्कार के लिए गया हुआ था. आत्माराम के परिजनों का आरोप है कि तत्कालीन धरनावदा थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने अपने साथियों के साथ घेराबंदी करने के बाद आत्माराम को गोली मार दी थी. पुलिस आत्माराम पारधी को अपने वाहन में डालकर कहीं ले गए थे. जिसके बाद आज तक आत्माराम का पता नहीं चल सका है.